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स्मार्टफोन से वंचित छात्रों तक नोट्स पहुंचाएगा शिक्षा विभाग, आदेश जारी

हिमाचल प्रदेश के जिन क्षेत्रों में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके लिए इस बार शिक्षा विभाग की ओर से नोट्स मुहैया करवाए जा रहे हैं. छात्रों के घरों तक नोट्स पहुंचाने की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को सौंपी गई है.

education department himachal pradesh
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Published : Jul 30, 2020, 10:12 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिन क्षेत्रों में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके लिए इस बार शिक्षा विभाग की ओर से नोट्स मुहैया करवाए जा रहे हैं. छात्रों के घरों तक नोट्स पहुंचाने की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को सौंपी गई है. ऐसे में शिक्षकों का काम आसान हो सके और छात्रों को उनके घरों तक नोट्स पहुंचाए जा सकें, इसके लिए नई पहल विभाग की ओर से की गई है. इस नई पहल के तहत छात्रों तक नोट्स पहुंचाने के लिए अब शिक्षक सरकारी डिपो के साथ ही एसएमसी का सहारा ले सकेंगे.

शिक्षा विभाग का उद्देश्य यही है कि कोविड की स्थिति के बीच जब स्कूल बंद है और छात्रों की कक्षाएं घर से ही लग रही हैं, तो इस दौरान सरकारी स्कूल का कोई भी छात्र पढ़ाई से वंचित ना रहे. घर बैठे ही सभी छात्रों की पढ़ाई जारी रह सके इसके लिए प्रदेश के जिन क्षेत्रों में छात्र ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, उन तक नोट्स पहुंचाने के लिए यह नया तरीका शिक्षा विभाग की ओर से इजात किया गया है.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने सभी जिला उप निदेशकों को यह निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह शिक्षकों को नोट्स बनाकर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी डिपो में रखने के निर्देश जारी करें. जिससे कि एसएमसी के प्रधान पंचायत ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी डिपो से इन नोट्स को लेकर अपने क्षेत्र के उन बच्चों के घरों तक पहुंचा सकें. जिन बच्चों तक ऑनलाइन शिक्षा नहीं पहुंच रही है, एसएमसी प्रधान को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह छात्रों तक नोट्स पहुंचाए.

शिक्षा विभाग की ओर से यह तय किया गया है कि प्रदेश में जिन छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है या इंटरनेट में दिक्कतों के चलते छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं. उस गांव में जाकर शिक्षक सोशल डिस्टेंस में छात्रों की कुछ समय के लिए कक्षाएं भी लगा सकते हैं. प्रदेश के जिन दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों तक स्मार्टफोन ना होने की वजह से या इंटरनेट कनेक्शन ना होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पहुंच नहीं बनाई जा सकती है. उन छात्रों तक नोट्स पहुंचाने के साथ ही इस तरह के क्षेत्रों में जाकर शिक्षक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों की कक्षाएं भी लगाएंगे.

बता दें कि पहले जहां लाहौल स्पीति, चंबा के पांगी और भरमौर के लिए ही छात्रों को नोट्स शिक्षा विभाग की ओर से मुहैया करवाए जा रहे थे, तो वहीं अब प्रदेश के जिन-जिन क्षेत्रों में छात्रों तक ऑनलाइन कक्षाएं नहीं पहुंच रही हैं. वहां भी छात्रों को नोट्स शिक्षा विभाग की ओर से मुहैया करवाए जा रहे हैं.

पढ़ें: भाई के इलाज के लिए IGMC में 3 घंटे तक भटकती रही महिला, HOD ने मांगी रिपोर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिन क्षेत्रों में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके लिए इस बार शिक्षा विभाग की ओर से नोट्स मुहैया करवाए जा रहे हैं. छात्रों के घरों तक नोट्स पहुंचाने की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को सौंपी गई है. ऐसे में शिक्षकों का काम आसान हो सके और छात्रों को उनके घरों तक नोट्स पहुंचाए जा सकें, इसके लिए नई पहल विभाग की ओर से की गई है. इस नई पहल के तहत छात्रों तक नोट्स पहुंचाने के लिए अब शिक्षक सरकारी डिपो के साथ ही एसएमसी का सहारा ले सकेंगे.

शिक्षा विभाग का उद्देश्य यही है कि कोविड की स्थिति के बीच जब स्कूल बंद है और छात्रों की कक्षाएं घर से ही लग रही हैं, तो इस दौरान सरकारी स्कूल का कोई भी छात्र पढ़ाई से वंचित ना रहे. घर बैठे ही सभी छात्रों की पढ़ाई जारी रह सके इसके लिए प्रदेश के जिन क्षेत्रों में छात्र ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, उन तक नोट्स पहुंचाने के लिए यह नया तरीका शिक्षा विभाग की ओर से इजात किया गया है.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने सभी जिला उप निदेशकों को यह निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह शिक्षकों को नोट्स बनाकर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी डिपो में रखने के निर्देश जारी करें. जिससे कि एसएमसी के प्रधान पंचायत ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी डिपो से इन नोट्स को लेकर अपने क्षेत्र के उन बच्चों के घरों तक पहुंचा सकें. जिन बच्चों तक ऑनलाइन शिक्षा नहीं पहुंच रही है, एसएमसी प्रधान को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह छात्रों तक नोट्स पहुंचाए.

शिक्षा विभाग की ओर से यह तय किया गया है कि प्रदेश में जिन छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है या इंटरनेट में दिक्कतों के चलते छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं. उस गांव में जाकर शिक्षक सोशल डिस्टेंस में छात्रों की कुछ समय के लिए कक्षाएं भी लगा सकते हैं. प्रदेश के जिन दुर्गम और दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों तक स्मार्टफोन ना होने की वजह से या इंटरनेट कनेक्शन ना होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पहुंच नहीं बनाई जा सकती है. उन छात्रों तक नोट्स पहुंचाने के साथ ही इस तरह के क्षेत्रों में जाकर शिक्षक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छात्रों की कक्षाएं भी लगाएंगे.

बता दें कि पहले जहां लाहौल स्पीति, चंबा के पांगी और भरमौर के लिए ही छात्रों को नोट्स शिक्षा विभाग की ओर से मुहैया करवाए जा रहे थे, तो वहीं अब प्रदेश के जिन-जिन क्षेत्रों में छात्रों तक ऑनलाइन कक्षाएं नहीं पहुंच रही हैं. वहां भी छात्रों को नोट्स शिक्षा विभाग की ओर से मुहैया करवाए जा रहे हैं.

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