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स्कूलों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों से बढ़ी शिक्षा विभाग की परेशानी, नई एडवायजरी जारी - new advisory regarding corona

प्रदेश के स्कूलों में लगातार शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव आने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर दी है. इसके बावजूद प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव आने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.

Education department
शिक्षा विभाग
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Published : Nov 7, 2020, 10:31 AM IST

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में लगातार शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव आने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन किसी न किसी स्कूल में शिक्षक और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से शिक्षा विभाग की परेशानी और मुश्किलें बढ़ती जा रही है.

विभाग की ओर से बार-बार स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को कोविड के नियमों का पालन करने और केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी की पूरी तरह से अनुपालना करने के आदेश दिए जा रहे हैं. इसके बावजूद प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव आने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में स्कूल और कॉलेज प्रिंसिपलों को कोरोना पॉजिटिव आने वाले शिक्षकों या स्टाफ को घरों पर क्वारंटाइन होने के आदेश किस तरह से दिए जाएं यही पता नहीं चल रहा है.

यही वजह है कि वह इस मामले पर बार-बार निदेशालय फोन कर स्पष्टीकरण मांग रहे हैं. ऐसे में विभाग ने किसी शिक्षक के कोरोना संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आने के बाद उन्हें गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी के तहत ही क्वारंटाइन करने की एडवाइजरी जारी कर दी है.

इसके साथ ही विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रबंधन के किसी तरह का कोई उचित फैसला मामले में नहीं ले पाने पर इसमें स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी सलाह ले सकता है. साथ ही उनकी सलाह के अनुसार काम किया जा सकता है.

इसके अलावा विभाग ने स्कूल के शिक्षकों और स्टॉफ को कोरोना से बचाव को लेकर एहतियात बरतने को लेकर भी एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों में कोई भी शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव आने पर या उनमें फ्लू के लक्षण आने पर उन्हें डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के तहत घर और अस्पताल में उनके स्वस्थ होने तक आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए.

इसके साथ ही सभी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को शिक्षण संस्थान में फेस कवर और मास्क पहनाना जरूरी है. वहीं, स्टॉफ को आपस में भी सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के साथ ही लंच ब्रेक में एक साथ इकट्ठे ना होने के निर्देश दिए गए हैं. स्टॉफ रूम में भी कम से कम लोगों के इकट्ठे होने पर के आदेश जारी किए है.

विभाग ने स्पष्ट किया है कि दो गज की दूरी बहुत जरूरी है. स्टॉफ का आपस में भी इस प्रोटोकॉल को फॉलो करना जरूरी है. शिक्षा विभाग ने इस तरह की व्यवस्था शिक्षण संस्थानों में करने के निर्देश एसओपी में जारी किए गए हैं, जिससे की सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन हो सके.

बता दें कि भले ही सरकार की ओर से 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए नियमित कक्षाएं लगाने का पैसा भी लिया गया है, लेकिन लगातार स्कूलों में आ रहे कोरोना वायरस के मामले सरकार के इस फैसले को लेकर कहीं ना कहीं सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में अब विभाग की ओर से नियमों का पालन सख्ती से किए जाने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं.

इसके साथ ही संस्थान के खुलते ही उसे सेनिटाइज करना होगा. साथ ही ज्यादा लोगों के संपर्क में आने वाली जगहों जैसे स्टॉफ रूम, कॉमन रूम को सेनिटाइज करना आवश्यक होगा. इसके साथ ही एंट्री गेट पर ही थर्मल स्कैंनिंग के साथ हाथ सेनिटाइज करने की भी व्यवस्था शिक्षण संस्थानों में करनी होंगी.

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में लगातार शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव आने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन किसी न किसी स्कूल में शिक्षक और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से शिक्षा विभाग की परेशानी और मुश्किलें बढ़ती जा रही है.

विभाग की ओर से बार-बार स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को कोविड के नियमों का पालन करने और केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी की पूरी तरह से अनुपालना करने के आदेश दिए जा रहे हैं. इसके बावजूद प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव आने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में स्कूल और कॉलेज प्रिंसिपलों को कोरोना पॉजिटिव आने वाले शिक्षकों या स्टाफ को घरों पर क्वारंटाइन होने के आदेश किस तरह से दिए जाएं यही पता नहीं चल रहा है.

यही वजह है कि वह इस मामले पर बार-बार निदेशालय फोन कर स्पष्टीकरण मांग रहे हैं. ऐसे में विभाग ने किसी शिक्षक के कोरोना संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आने के बाद उन्हें गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी के तहत ही क्वारंटाइन करने की एडवाइजरी जारी कर दी है.

इसके साथ ही विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रबंधन के किसी तरह का कोई उचित फैसला मामले में नहीं ले पाने पर इसमें स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी सलाह ले सकता है. साथ ही उनकी सलाह के अनुसार काम किया जा सकता है.

इसके अलावा विभाग ने स्कूल के शिक्षकों और स्टॉफ को कोरोना से बचाव को लेकर एहतियात बरतने को लेकर भी एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों में कोई भी शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव आने पर या उनमें फ्लू के लक्षण आने पर उन्हें डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के तहत घर और अस्पताल में उनके स्वस्थ होने तक आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए.

इसके साथ ही सभी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को शिक्षण संस्थान में फेस कवर और मास्क पहनाना जरूरी है. वहीं, स्टॉफ को आपस में भी सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के साथ ही लंच ब्रेक में एक साथ इकट्ठे ना होने के निर्देश दिए गए हैं. स्टॉफ रूम में भी कम से कम लोगों के इकट्ठे होने पर के आदेश जारी किए है.

विभाग ने स्पष्ट किया है कि दो गज की दूरी बहुत जरूरी है. स्टॉफ का आपस में भी इस प्रोटोकॉल को फॉलो करना जरूरी है. शिक्षा विभाग ने इस तरह की व्यवस्था शिक्षण संस्थानों में करने के निर्देश एसओपी में जारी किए गए हैं, जिससे की सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन हो सके.

बता दें कि भले ही सरकार की ओर से 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए नियमित कक्षाएं लगाने का पैसा भी लिया गया है, लेकिन लगातार स्कूलों में आ रहे कोरोना वायरस के मामले सरकार के इस फैसले को लेकर कहीं ना कहीं सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में अब विभाग की ओर से नियमों का पालन सख्ती से किए जाने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं.

इसके साथ ही संस्थान के खुलते ही उसे सेनिटाइज करना होगा. साथ ही ज्यादा लोगों के संपर्क में आने वाली जगहों जैसे स्टॉफ रूम, कॉमन रूम को सेनिटाइज करना आवश्यक होगा. इसके साथ ही एंट्री गेट पर ही थर्मल स्कैंनिंग के साथ हाथ सेनिटाइज करने की भी व्यवस्था शिक्षण संस्थानों में करनी होंगी.

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