शिमला: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद कृषि, उद्योग समेत तमाम क्षेत्रों को मिलने वाले राहत पैकेज की जानकारी दी है. इस आर्थिक पैकेज पर हिमाचल के किसान, बागवान, युवा, उद्योग समेत हर वर्ग टकटकी लगाए बैठा है. आर्थिक मामलों के जानकार राजीव सूद ने ईटीवी भारत से बात की और इस आर्थिक पैकेज से हिमाचल की उम्मीदों को बारे में बात की.
CAMPA फंड से मिलेगा लाभ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जनजातीय इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 6000 करोड़ का प्रावधान किया है. राजीव सूद के मुताबिक हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र को भी इस फंड से लाभ मिल सकता है. 6000 करोड़ के इस फंड से पेड़ लगाने से लेकर वन संरक्षण से लेकर वन्यजीव प्रबंधन के लिए कदम उठाए जाएंगे. इसकी बदौलत जनजातीय क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा.
सस्ते घरों की राह में रोड़े
राजीव सूद ने कहा कि हिमाचल में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के लिए नियम कायदों में थोड़ी ढील देनी होगी. एनजीटी के नक्शा पास न करने की स्थिति में घर कैसे बनेंगे. इसलिए इस योजना के तहत हिमाचल में घर बनाने का जो निर्धारित लक्ष्य था वो पूरा नहीं हुआ है. हिमाचल सरकार को इस और कदम उठाने होंगे ताकि मध्यम वर्ग को इस योजना का लाभ मिल सके.
किराए के घर कैसे बनेंगे ?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया शहरी गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए भारत सरकार जल्द ही पीपीपी मोड पर एक योजना लाएगी, जिसके तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए कम किराये वाले घर बनाए जाएंगे. आर्थिक मामलों के जानकार राजीव सूद ने कहा कि ये बहुत अच्छी योजना है. इसका फायदा हिमाचल सरकार भी उठा सकती है. हिमाचल में कई प्रवासी मजदूर आते हैं, जो किराए के घर लेकर रहते हैं क्योंकि वो खरीदना नहीं चाहते. मौजूदा हालात और राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते इस योजना को कैसे अमलीजामा पहनाया जाता है ये देखना होगा.
KCC फायदे का सौदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत रियायती दरों पर कर्ज महैय्या करवाने का एलान किया है. इसके तहत मछुआरे और पशुपालक भी शामिल होंगे. राजीव सूद ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड से हिमाचल के किसानों को भी फायदा होगा. जिसके पास जमीन है और किसान क्रेडिट कार्ड से लोन नहीं लिया है तो वो रियायती दरों पर लोन ले सकता है. हिमाचल का किसान बैंक में पैसा जमा करने में ज्यादा और ऋण लेने में कम विश्वास रखता है, लेकिन अगर जमीन और जरूरत है तो सस्ती दरों पर ये ऋण लिया जा सकता है.
सिर्फ डिस्कॉम को फायदा
वित्त मंत्री ने मुश्किल दौर से गुजर रहीं राज्यों की पावर जनरेटिंग कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 90,000 करोड़ रुपए देने का एलान किया. बीते कुछ वक्त से बिजली कंपनियां घाटा झेल रही हैं जिनके लिए 90 हजार करोड़ का पैकेज संजीवनी साबित हो सकता है. राजीव सूद के मुताबिक मुफ्त की बिजली योजना चलाने जैसे फैसलों के चलते बिजली कंपनियां घाटे में गई ऐसे में इस आर्थिक पैकेज से सिर्फ और सिर्फ बिजली कंपनियों का घाटा पूरा होगा. इस फैसले से किसी भी उपभोक्ता को कोई फायदा नहीं होने वाला, सिर्फ बिजली कंपनियों का डूबा हुआ पैसा मिल जाएगा.
कहां से आएगा 20 लाख करोड़ ?
20 लाख करोड़ में कुछ तो बहीखातों की एंट्री जैसी है, एक खाते से दूसरे खातों में ट्रांसफर जैसा है. इस पैकेज का करीब आधा हिस्सा आंकड़ों का हेर-फेर होगा. लेकिन बाकी पैकेज के लिए सरकार को बाजार में पैसा लाना होगा. इससे आने वाले वक्त में महंगाई तो बढ़ेगी, लेकिन इस वक्त आर्थिक सुधार के लिए लोगों के हाथ में पैसा पहुंचना बहुत जरूरी है.
कैसे पटरी पर आएगी अर्थव्यवस्था ?
राजीव सूद के मुताबिक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उन उद्यमियों की हैं जो रोजगार भी पैदा करते हैं और अर्थ की व्यवस्था भी करते हैं लेकिन सरकारों को इसके लिए थोड़ी नरमी बरतनी होगी. नियम-कानूनों में ढील देनी होगी. राजीव सूद कहते हैं कि वर्तमान दौर में हिमाचल सरकार को उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठाने होंगे. उद्यमियों के हित की नीतियां बनानी होंगी ताकि रोजगार भी पैदा हों और अर्थ की व्यवस्था भी.