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कोरोना काल में बढ़ती बेरोजगारी व आइसोलेशन में लोगों को हो रहा मानसिक तनाव, IGMC में आए 500 मरीज

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Published : Oct 11, 2020, 12:06 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 12:12 PM IST

कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के बाद शिमला में 500 लोग मानसिक तनाव का शिकार हुए हैं. कोरोना काल में बढ़ती बेरोजगारी और आइसोलेशन में रहने के चलते लोगों को मानसिक तनाव हो रहा है. इस दौरान आईजीएमसी शिमला में पिछले एक साल के अंदर 25 हजार लोग अपने मानसिक तनाव का इलाज करवाने के लिए आए हैं. प्रदेश में 15-29 साल की उम्र के लोगों की मृत्यु का प्रमुख कारण आत्महत्या है.

कोरोना काल मे मानसिक तनाव.
कोरोना काल मे मानसिक तनाव.

शिमला: कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के बाद शिमला में 500 लोग मानसिक तनाव का शिकार हुए हैं. कोरोना काल में बढ़ती बेरोजगारी और आइसोलेशन में रहने के चलते लोगों को मानसिक तनाव हो रहा है. लोग आईजीएमसी में रोज ही अपना इलाज करवाने आ रहे हैं. वहीं, आईजीएमसी में पिछले एक साल के अंदर 25 हजार लोग अपने मानसिक तनाव का इलाज करवाने के लिए आए हैं.

इनमें 15 हजार लोग नए हैं और 10 हजार लोग पहले से ही अस्पताल में अपना इलाज या चेकअप करवा रहे हैं. आईजीएमसी शिमला में मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना के समय में लोगों में तनाव बढ़ा है और लोग मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

कोरोना काल में आत्महत्या के मामलों में हुई वृद्धि

डॉ. देवेश का कहना है कि प्रदेश में 15-29 साल की उम्र के लोगों की मृत्यु का प्रमुख कारण आत्महत्या है और कोविड-19 महामारी के दौरान आत्महत्या सहित मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में इजाफा हुआ है. लोगों को अपने व उनके परिजनों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अलर्ट व संवेदनशील होने पर जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि आत्महत्या से मरने वाले 70-80 प्रतिशत लोगों को मनोरोग होने की संभावना होती है.

सहायता के लिए 104 पर करें कॉल

सहायक प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि अवसाद आत्महत्या से जुड़ा सबसे आम मनोरोग है. इसकी रोकथाम के लिए अवसाद और आत्मघाती व्यवहार की शुरुआती पहचान काफी महत्वपूर्ण है. अवसाद आत्महत्या से जुड़े कुछ लक्षण इस प्रकार है....

  • अकेले रहना
  • आत्महत्या के बारे में बातें करना
  • खुद को मारने की धमकी देना
  • आत्महत्या करने के तरीकों की खोज करना
  • करीबी परिवार के सदस्यों और दोस्तों को अलविदा कहना
  • मूल्यवान संपत्ति को बांटना या विरासत लिखना

इन सभी लक्षणों के बारे में सजग रहना आवश्यक है. इन संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए. इसके लिए हिमाचल सरकार की ओर से तत्काल सहायता के लिए मेडिकल हेल्पलाइन नंबर 104 से संपर्क करें.

मानसिक तनाव से बचने के लिए करे यह उपाय

डॉ. देवेश शर्मा ने कहा कि मानसिक तनाव से बचने के लिए नियमित व्यायाम, योग, संतुलित आहार, सामाजिक मेलजोल बनाए रखने जैसे आदि बातों को अपनी जीवन शैली में शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिप्रेशन से बचने के लिए अपने विचारों को परिवार और दोस्तों के साथ शेयर करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित रूप से मनोरंजन गतिविधियों में शामिल होकर मानसिक तनाव भरे माहौल और नशीले पदार्थों से खुद को दूर करें.

पढ़ें: कोरोना काल में बढ़ी आत्महत्या, मानसिक रोगों की भी बढ़ी समस्या

शिमला: कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के बाद शिमला में 500 लोग मानसिक तनाव का शिकार हुए हैं. कोरोना काल में बढ़ती बेरोजगारी और आइसोलेशन में रहने के चलते लोगों को मानसिक तनाव हो रहा है. लोग आईजीएमसी में रोज ही अपना इलाज करवाने आ रहे हैं. वहीं, आईजीएमसी में पिछले एक साल के अंदर 25 हजार लोग अपने मानसिक तनाव का इलाज करवाने के लिए आए हैं.

इनमें 15 हजार लोग नए हैं और 10 हजार लोग पहले से ही अस्पताल में अपना इलाज या चेकअप करवा रहे हैं. आईजीएमसी शिमला में मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना के समय में लोगों में तनाव बढ़ा है और लोग मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

कोरोना काल में आत्महत्या के मामलों में हुई वृद्धि

डॉ. देवेश का कहना है कि प्रदेश में 15-29 साल की उम्र के लोगों की मृत्यु का प्रमुख कारण आत्महत्या है और कोविड-19 महामारी के दौरान आत्महत्या सहित मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में इजाफा हुआ है. लोगों को अपने व उनके परिजनों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अलर्ट व संवेदनशील होने पर जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि आत्महत्या से मरने वाले 70-80 प्रतिशत लोगों को मनोरोग होने की संभावना होती है.

सहायता के लिए 104 पर करें कॉल

सहायक प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि अवसाद आत्महत्या से जुड़ा सबसे आम मनोरोग है. इसकी रोकथाम के लिए अवसाद और आत्मघाती व्यवहार की शुरुआती पहचान काफी महत्वपूर्ण है. अवसाद आत्महत्या से जुड़े कुछ लक्षण इस प्रकार है....

  • अकेले रहना
  • आत्महत्या के बारे में बातें करना
  • खुद को मारने की धमकी देना
  • आत्महत्या करने के तरीकों की खोज करना
  • करीबी परिवार के सदस्यों और दोस्तों को अलविदा कहना
  • मूल्यवान संपत्ति को बांटना या विरासत लिखना

इन सभी लक्षणों के बारे में सजग रहना आवश्यक है. इन संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए. इसके लिए हिमाचल सरकार की ओर से तत्काल सहायता के लिए मेडिकल हेल्पलाइन नंबर 104 से संपर्क करें.

मानसिक तनाव से बचने के लिए करे यह उपाय

डॉ. देवेश शर्मा ने कहा कि मानसिक तनाव से बचने के लिए नियमित व्यायाम, योग, संतुलित आहार, सामाजिक मेलजोल बनाए रखने जैसे आदि बातों को अपनी जीवन शैली में शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिप्रेशन से बचने के लिए अपने विचारों को परिवार और दोस्तों के साथ शेयर करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित रूप से मनोरंजन गतिविधियों में शामिल होकर मानसिक तनाव भरे माहौल और नशीले पदार्थों से खुद को दूर करें.

पढ़ें: कोरोना काल में बढ़ी आत्महत्या, मानसिक रोगों की भी बढ़ी समस्या

Last Updated : Oct 11, 2020, 12:12 PM IST
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