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राजधानी शिमला में तेजी से फैल रहा नशे का कारोबार, हकीकत बयां कर रहे हैं इस साल के आंकड़े - एसआईयू की टीम गठित

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी नशे का कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. हिमाचल के उज्ज्वल भविष्य के सितारे नशे की गर्त में डूबते जा रहे हैं. पुलिस आए दिन रणनीति बना कर नशे की खेप पकड़ने में कामयाब हो रही है. बावजूद इसके नशे कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. वैश्निक महामारी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में भी नशे का कारोबार कम नहीं हुआ.

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Published : Jul 23, 2021, 8:43 PM IST

शिमला: देश की रक्षा के लिए सैनिक तैयार करने वाले प्रदेश की जवान जड़ों को चिट्टा, चरस और कैमिकल नशा खोखला कर रहा है. लाहौल स्पीति को छोड़कर प्रदेश का हर जिला संवेदनशील हो गया है. वहीं, प्रदेश की राजधानी शिमला में भी नशे का कारोबार आए दिन फल फूल रहा है.

पुलिस प्रशासन ने भी नशा तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पुलिस आए दिन रणनीति बना कर नशे की खेप पकडने में कामयाब हो रही है. बावजूद इसके नशे कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. वैश्निक महामारी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में भी नशे का कारोबार कम नहीं हुआ.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में नशा तस्करी के मामलों में दो गुना बढ़ोतरी हुई है. वहीं, नशा तस्करी या एनडीपीएस के तहत दर्ज मामलों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. जनवरी 2021 से जून 2021 तक शिमला में 132 एनडीपीएस के मामले दर्ज हुए हैं. इनमें चरस के 53 मामले दर्ज किए गए और 20.380 किलो 510 मिली ग्राम चरस बरामद की गई. वहीं, 8 मामलों में 16.272 किलो अफीम और 1,970 ग्राम अफीम का पौधा पकड़ा गया. इसके साथ ही जिला में 794.284 ग्राम चिट्टा के साथ 61 मामले दर्ज किए गए है.

साल 2020 में नशे के मामलों की बात की जाए तो जनवरी से जून महीने तक कुल मामले 120 मामले दर्ज किए गए. इसमें 31 मामले में 10.351 किलो 586 ग्राम चरस, 2 मामलों में 1.490 किलो 0.82 ग्राम अफीम, 1,16.26 ग्राम अफीम का पौधा, चिट्टे के 1 मामले में 5.79 ग्राम चिट्टा और सबसे ज्यादा हेरोइन के 62 मामलों में 982.481 ग्राम हेरोइन बरामद की गई.

वहीं, अगर सिर्फ जून 2021 के मामले देखे तो चौंकाने वाले हैं, सिर्फ एक माह में 29 चरस के मामले में 11.018 किलो चरस, 2 मामलों में 110 मिली ग्राम अफीम, 449 ग्राम हेरोइन, चिट्टे के 14 मामले में 191.177 ग्राम और 63,200 रुपए पकड़े गए.

यदि हम आंकड़ो को देखे तो साफ जाहिर है कि जिले में अब चिट्टे का कारोबार तेजी से फैल रहा है. एक अनुमान के मुताबिक पूरे प्रदेश में पिछले दो सालों में ही नशे का कारोबार दोगुना हो चुका है. अब स्कूली छात्र-छात्राएं भी नशे की चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश में चरस, चिट्टे के अलावा गांजा, अफीम, नशीले कैप्सूल्स, कफ सीरप, कोकेन, शराब जैसे नशे लगातार अपना पैर पसारते जा रहे हैं.

हालांकि पुलिस की मुस्तैदी से नशे का कारोबार करने वाले पकड़े भी गए हैं. पुलिस ने नशे पर रोक लगाने के लिए एसआईयू की टीम भी गठित की है. बाबजूद इसके युवा नशे के जाल में फसते जा रहे. हिमाचल पुलिस पड़ोसी राज्यों से सप्लाई होने वाली नशे की खेप पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. इसके लिए बाकायदा पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर प्रदेशव्यापी अभियान भी चलाया गया है.

एसपी शिमला मोहित चावला ने कहा पुलिस नशे पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. बावजूद इसके देवभूमि में नशे का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. युवा फिर भी इस दलदल में धंसते जा रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले साल में हिमाचल पुलिस देवभूमि को नशे के जंजाल से बचाने में कामयाब होगी.

ये भी पढ़ें- MLA अनिल शर्मा पर बहू ने लगाए गंभीर आरोप, बचाव में उतरीं अर्पिता

शिमला: देश की रक्षा के लिए सैनिक तैयार करने वाले प्रदेश की जवान जड़ों को चिट्टा, चरस और कैमिकल नशा खोखला कर रहा है. लाहौल स्पीति को छोड़कर प्रदेश का हर जिला संवेदनशील हो गया है. वहीं, प्रदेश की राजधानी शिमला में भी नशे का कारोबार आए दिन फल फूल रहा है.

पुलिस प्रशासन ने भी नशा तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पुलिस आए दिन रणनीति बना कर नशे की खेप पकडने में कामयाब हो रही है. बावजूद इसके नशे कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. वैश्निक महामारी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में भी नशे का कारोबार कम नहीं हुआ.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में नशा तस्करी के मामलों में दो गुना बढ़ोतरी हुई है. वहीं, नशा तस्करी या एनडीपीएस के तहत दर्ज मामलों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. जनवरी 2021 से जून 2021 तक शिमला में 132 एनडीपीएस के मामले दर्ज हुए हैं. इनमें चरस के 53 मामले दर्ज किए गए और 20.380 किलो 510 मिली ग्राम चरस बरामद की गई. वहीं, 8 मामलों में 16.272 किलो अफीम और 1,970 ग्राम अफीम का पौधा पकड़ा गया. इसके साथ ही जिला में 794.284 ग्राम चिट्टा के साथ 61 मामले दर्ज किए गए है.

साल 2020 में नशे के मामलों की बात की जाए तो जनवरी से जून महीने तक कुल मामले 120 मामले दर्ज किए गए. इसमें 31 मामले में 10.351 किलो 586 ग्राम चरस, 2 मामलों में 1.490 किलो 0.82 ग्राम अफीम, 1,16.26 ग्राम अफीम का पौधा, चिट्टे के 1 मामले में 5.79 ग्राम चिट्टा और सबसे ज्यादा हेरोइन के 62 मामलों में 982.481 ग्राम हेरोइन बरामद की गई.

वहीं, अगर सिर्फ जून 2021 के मामले देखे तो चौंकाने वाले हैं, सिर्फ एक माह में 29 चरस के मामले में 11.018 किलो चरस, 2 मामलों में 110 मिली ग्राम अफीम, 449 ग्राम हेरोइन, चिट्टे के 14 मामले में 191.177 ग्राम और 63,200 रुपए पकड़े गए.

यदि हम आंकड़ो को देखे तो साफ जाहिर है कि जिले में अब चिट्टे का कारोबार तेजी से फैल रहा है. एक अनुमान के मुताबिक पूरे प्रदेश में पिछले दो सालों में ही नशे का कारोबार दोगुना हो चुका है. अब स्कूली छात्र-छात्राएं भी नशे की चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश में चरस, चिट्टे के अलावा गांजा, अफीम, नशीले कैप्सूल्स, कफ सीरप, कोकेन, शराब जैसे नशे लगातार अपना पैर पसारते जा रहे हैं.

हालांकि पुलिस की मुस्तैदी से नशे का कारोबार करने वाले पकड़े भी गए हैं. पुलिस ने नशे पर रोक लगाने के लिए एसआईयू की टीम भी गठित की है. बाबजूद इसके युवा नशे के जाल में फसते जा रहे. हिमाचल पुलिस पड़ोसी राज्यों से सप्लाई होने वाली नशे की खेप पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. इसके लिए बाकायदा पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर प्रदेशव्यापी अभियान भी चलाया गया है.

एसपी शिमला मोहित चावला ने कहा पुलिस नशे पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. बावजूद इसके देवभूमि में नशे का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. युवा फिर भी इस दलदल में धंसते जा रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले साल में हिमाचल पुलिस देवभूमि को नशे के जंजाल से बचाने में कामयाब होगी.

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