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125 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने वाले भी नहीं चुका रहे बिल, ₹55 करोड़ से ज्यादा बकाया

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Published : Dec 3, 2022, 4:32 PM IST

हिमाचल में 125 यूनिट बिजली फ्री होने की घोषणा के बाद लोग बिजली के बिल नहीं जमा कर रहे हैं, जिससे बिजली विभाग को करोड़ों को घाटा झेलना पड़ रहा है. बिजली बोर्ड का घरेलू उपभोक्ताओं के पास 55.17 करोड़ रुपए बकाया हो गया है. (Himachal Electricity Board)

shimla electricity bill news
हिमाचल में बिजली बिल बकाया

शिमला: हिमाचल में फ्री बिजली की घोषणा के बाद अब लोग बिजली के बिल नहीं चुका रहे. हालांकि, हिमाचल में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक ही बिजली फ्री की गई है. इसके अधिक बिजली खर्च करने पर पूरा बिजली बिल उपभोक्ताओं को जारी किया जाता है. लेकिन इनमें से कई उपभोक्ता बिजली बिल नहीं चुका रहे. हालांकि, इससे पहले के बिजली के बिल भी काफी संख्या में पेडिंग हैं. बिजली बोर्ड का घरेलू उपभोक्ताओं के पास 55.17 करोड़ बिजली बोर्ड का बकाया हो गया है. बिजली बोर्ड अब इन उपभोक्ताओं पर कार्रवाई करेगा.

सरकार ने पहले 60 यूनिट, फिर 125 यूनिट बिजली की फ्री: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस साल 25 जनवरी को पूर्ण राजत्व दिवस के मौके पर हिमाचल में 60 यूनिट तक बिजली फ्री देने का ऐलान किया था. इसके साथ ही प्रदेश की 125 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों के लिए ₹1.90 रुपए की जगह ₹1 पर यूनिट के हिसाब से बिजली की दरें फिक्स करने की भी घोषणा की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने 15 अप्रैल को फिर से 125 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली फ्री देने का ऐलान किया. इस तरह अब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट बिजली खर्च करने पर कोई भी बिल नहीं देना पड़ रहा है. इन उपभोक्ताओं के लिए सर्विज चार्ज और मीटर रेंट भी माफ किया गया है. हालात यह है कि इससे अधिक खर्च करने वाले उपभोक्ता भी अब बिजली का बिल नहीं चुका रहे. इससे अब घरेलू उपभोक्ताओं के बिलों की अदायगी भी बढ़ रही है. अभी तक 55.17 लाख इन घरेलू उपभोक्ताओं का देय है.

उद्योगों के 155 करोड़ के बिलों की अदायगी लंबित: हिमाचल में घरेलू उपभोक्ता ही नहीं अन्य विभागों और ओद्यौगिक इकाईयों ने भी बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे. राज्य बिजली बोर्ड का करीब 361 करोड़ रुपये के बिजली बिल अभी तक पेंडिंग पड़े हुए हैं. ये बिल अक्टूबर माह तक बताए जा रहे हैं, जिनमें हजारों उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की अदायगी फंसी हुई है. इनमें सबसे ज्यादा 155 करोड़ रुपए ओद्यौगिक ईकाइयों के पास हैं. इन उद्योगों से भी बिजली के बिलों की अदायगी करने के लिए बिजली बोर्ड को कार्रवाई करनी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें- बालिका आश्रम टूटीकंडी में आग लगने का मामला, हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को तलब किए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव

जल शक्ति विभाग के सबसे ज्यादा 70 करोड़ के बिल पेंडिंग: हिमाचल में सरकारी विभागों के भी बिजली के बिल लंबित पड़े हुए हैं. सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा बिल जलशक्ति विभाग के लंबित पड़े हुए हैं. विभाग के करीब 70.29 करोड़ रुपए के बिल फंसे हुए हैं. जलशक्ति विभाग की परियोजनाओं में पानी की लिफ्टिंग के लिए बिजली की खपत बड़ी मात्रा में होती है. इनके बिजली के बिलों की अदायगी भी लंबित पड़ी हुई है. कृषि विभाग के भी करीब 4 करोड़ के बिजली के बिलों की अदायगी नहीं हुई है. इनके अलावा अन्य विभागों के पास भी करीब 25 करोड़ के बिल लंबित हैं.

स्ट्रीट लाइटों के बिल नहीं चुका रहे नगर निकाय: हिमाचल के विभिन्न शहरों में स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं, जिनका बिल स्थानीय निकाय चुकाते हैं. लेकिन नगर निकायों द्वारा स्ट्रीट लाइट का बिल भी जमा नहीं हो पा रहा है. राज्य बिजली बोर्ड को अलग-अलग शहरी निकायों से छह करोड़ रुपए की वसूली करनी है. हालांकि स्थानीय नगर निकाय अपने अधीन के क्षेत्रों में आने वाले घरेलू और अन्य कमर्शियल उपभोक्ताओं से सैस वसूलते हैं, जो कि हर यूनिट की दरों पर 20 पैसे तक भी कई जगह रखा गया है. यह सैस लोगों से स्ट्रीट लाइटों की एवज में वसूला जाता है. लेकिन इससे एकत्र होने वाली राशि से बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा. इस तरह अगर बिजली बोर्ड इन निकायों पर कार्रवाई कर सकता है.

पढ़ें- उपलब्धि: CCTNS रैकिंग में सुंदरनगर थाना हिमाचल में अव्वल

राज्य बिजली बोर्ड करेगा अब कार्रवाई: राज्य बिजली बोर्ड पेंडिंग बिजली बिलों की अदायगी को लेकर भी कार्रवाई कर रहा है. बिजली बोर्ड ने करीब 40 करोड़ की बिजली बिलों की अदायगी के लिए कानूनी प्रक्रिया भी चला रखी है. बिजली बोर्ड ने सभी उपभोक्ताओं को 15 दिन के अंदर बिजली के बिल जमा करवाने के निर्देश दिए हैं. ऐसा न करने पर बोर्ड बिजली के कनेक्शन काटने तक की कार्रवाई कर सकता है.

बिजली बोर्ड 180 करोड़ हर माह वेतन और पेंशन पर कर रहा खर्च: राज्य बिजली बोर्ड हर माह करीब 180 करोड़ रुपये वेतन और पेंशन पर खर्च कर रहा है. लेकिन जिस तरह से घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह 125 यूनिट तक निःशुल्क बिजली दी जा रही है, उससे बोर्ड की आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ा गई है. हिमाचल प्रदेश के करीब 25 लाख घरेलू और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ता है, जिनमें से करीब 14 से 15 लाख का बिल शून्य हो गया है. इससे बिजली बोर्ड का राजस्व घाटा 275 करोड़ पहुंच गया है. हालांकि, इस साल बिजली बोर्ड को सरकार की ओर से अनुदान के तौर पर इस वर्ष 750 करोड़ रुपये दिए गए हैं. निःशुल्क बिजली की एवज में सरकार की ओर से बोर्ड को प्रतिमाह 66 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. इसके बावजूद बोर्ड अपना खर्च पूरा करने में अमसमर्थ हो रहा है.

उधर, बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डडवाल ने कहा है कि पेंडिंग बिजली बिलों भुगतान के लिए बिजली बोर्ड ने प्रक्रिया शुरू की है. हर माह सभी को डिफाल्टर को नोटिस भेजे रहे हैं. पेंडिंग बिलों को अगर उपभोक्ता 15 दिन के अंदर नहीं देते तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा बिजली बोर्ड के फील्ड स्टाफ को भी इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. अगर फील्ड स्टाफ डिफाल्टरों को नियमित तौर पर नोटिस नहीं जारी कर रहे तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. (outstanding electricity bill in himachal) (Himachal Electricity Board) (shimla electricity bill news)

शिमला: हिमाचल में फ्री बिजली की घोषणा के बाद अब लोग बिजली के बिल नहीं चुका रहे. हालांकि, हिमाचल में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक ही बिजली फ्री की गई है. इसके अधिक बिजली खर्च करने पर पूरा बिजली बिल उपभोक्ताओं को जारी किया जाता है. लेकिन इनमें से कई उपभोक्ता बिजली बिल नहीं चुका रहे. हालांकि, इससे पहले के बिजली के बिल भी काफी संख्या में पेडिंग हैं. बिजली बोर्ड का घरेलू उपभोक्ताओं के पास 55.17 करोड़ बिजली बोर्ड का बकाया हो गया है. बिजली बोर्ड अब इन उपभोक्ताओं पर कार्रवाई करेगा.

सरकार ने पहले 60 यूनिट, फिर 125 यूनिट बिजली की फ्री: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस साल 25 जनवरी को पूर्ण राजत्व दिवस के मौके पर हिमाचल में 60 यूनिट तक बिजली फ्री देने का ऐलान किया था. इसके साथ ही प्रदेश की 125 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों के लिए ₹1.90 रुपए की जगह ₹1 पर यूनिट के हिसाब से बिजली की दरें फिक्स करने की भी घोषणा की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने 15 अप्रैल को फिर से 125 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली फ्री देने का ऐलान किया. इस तरह अब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट बिजली खर्च करने पर कोई भी बिल नहीं देना पड़ रहा है. इन उपभोक्ताओं के लिए सर्विज चार्ज और मीटर रेंट भी माफ किया गया है. हालात यह है कि इससे अधिक खर्च करने वाले उपभोक्ता भी अब बिजली का बिल नहीं चुका रहे. इससे अब घरेलू उपभोक्ताओं के बिलों की अदायगी भी बढ़ रही है. अभी तक 55.17 लाख इन घरेलू उपभोक्ताओं का देय है.

उद्योगों के 155 करोड़ के बिलों की अदायगी लंबित: हिमाचल में घरेलू उपभोक्ता ही नहीं अन्य विभागों और ओद्यौगिक इकाईयों ने भी बिजली के बिलों का भुगतान नहीं कर रहे. राज्य बिजली बोर्ड का करीब 361 करोड़ रुपये के बिजली बिल अभी तक पेंडिंग पड़े हुए हैं. ये बिल अक्टूबर माह तक बताए जा रहे हैं, जिनमें हजारों उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की अदायगी फंसी हुई है. इनमें सबसे ज्यादा 155 करोड़ रुपए ओद्यौगिक ईकाइयों के पास हैं. इन उद्योगों से भी बिजली के बिलों की अदायगी करने के लिए बिजली बोर्ड को कार्रवाई करनी पड़ रही है.

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जल शक्ति विभाग के सबसे ज्यादा 70 करोड़ के बिल पेंडिंग: हिमाचल में सरकारी विभागों के भी बिजली के बिल लंबित पड़े हुए हैं. सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा बिल जलशक्ति विभाग के लंबित पड़े हुए हैं. विभाग के करीब 70.29 करोड़ रुपए के बिल फंसे हुए हैं. जलशक्ति विभाग की परियोजनाओं में पानी की लिफ्टिंग के लिए बिजली की खपत बड़ी मात्रा में होती है. इनके बिजली के बिलों की अदायगी भी लंबित पड़ी हुई है. कृषि विभाग के भी करीब 4 करोड़ के बिजली के बिलों की अदायगी नहीं हुई है. इनके अलावा अन्य विभागों के पास भी करीब 25 करोड़ के बिल लंबित हैं.

स्ट्रीट लाइटों के बिल नहीं चुका रहे नगर निकाय: हिमाचल के विभिन्न शहरों में स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं, जिनका बिल स्थानीय निकाय चुकाते हैं. लेकिन नगर निकायों द्वारा स्ट्रीट लाइट का बिल भी जमा नहीं हो पा रहा है. राज्य बिजली बोर्ड को अलग-अलग शहरी निकायों से छह करोड़ रुपए की वसूली करनी है. हालांकि स्थानीय नगर निकाय अपने अधीन के क्षेत्रों में आने वाले घरेलू और अन्य कमर्शियल उपभोक्ताओं से सैस वसूलते हैं, जो कि हर यूनिट की दरों पर 20 पैसे तक भी कई जगह रखा गया है. यह सैस लोगों से स्ट्रीट लाइटों की एवज में वसूला जाता है. लेकिन इससे एकत्र होने वाली राशि से बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा. इस तरह अगर बिजली बोर्ड इन निकायों पर कार्रवाई कर सकता है.

पढ़ें- उपलब्धि: CCTNS रैकिंग में सुंदरनगर थाना हिमाचल में अव्वल

राज्य बिजली बोर्ड करेगा अब कार्रवाई: राज्य बिजली बोर्ड पेंडिंग बिजली बिलों की अदायगी को लेकर भी कार्रवाई कर रहा है. बिजली बोर्ड ने करीब 40 करोड़ की बिजली बिलों की अदायगी के लिए कानूनी प्रक्रिया भी चला रखी है. बिजली बोर्ड ने सभी उपभोक्ताओं को 15 दिन के अंदर बिजली के बिल जमा करवाने के निर्देश दिए हैं. ऐसा न करने पर बोर्ड बिजली के कनेक्शन काटने तक की कार्रवाई कर सकता है.

बिजली बोर्ड 180 करोड़ हर माह वेतन और पेंशन पर कर रहा खर्च: राज्य बिजली बोर्ड हर माह करीब 180 करोड़ रुपये वेतन और पेंशन पर खर्च कर रहा है. लेकिन जिस तरह से घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह 125 यूनिट तक निःशुल्क बिजली दी जा रही है, उससे बोर्ड की आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ा गई है. हिमाचल प्रदेश के करीब 25 लाख घरेलू और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ता है, जिनमें से करीब 14 से 15 लाख का बिल शून्य हो गया है. इससे बिजली बोर्ड का राजस्व घाटा 275 करोड़ पहुंच गया है. हालांकि, इस साल बिजली बोर्ड को सरकार की ओर से अनुदान के तौर पर इस वर्ष 750 करोड़ रुपये दिए गए हैं. निःशुल्क बिजली की एवज में सरकार की ओर से बोर्ड को प्रतिमाह 66 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. इसके बावजूद बोर्ड अपना खर्च पूरा करने में अमसमर्थ हो रहा है.

उधर, बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डडवाल ने कहा है कि पेंडिंग बिजली बिलों भुगतान के लिए बिजली बोर्ड ने प्रक्रिया शुरू की है. हर माह सभी को डिफाल्टर को नोटिस भेजे रहे हैं. पेंडिंग बिलों को अगर उपभोक्ता 15 दिन के अंदर नहीं देते तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा बिजली बोर्ड के फील्ड स्टाफ को भी इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. अगर फील्ड स्टाफ डिफाल्टरों को नियमित तौर पर नोटिस नहीं जारी कर रहे तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. (outstanding electricity bill in himachal) (Himachal Electricity Board) (shimla electricity bill news)

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