शिमला: देश की राजनीति में वंशवाद का जोर बहुत है, लेकिन अपनी प्रतिभा से अलग-अलग फील्ड के विशेषज्ञों ने भी सियासत में सफलता पाई है. हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के रण में भाजपा ने 7 डॉक्टरों को उतारा था जिसमें से दो डॉक्टरों को जीत मिली है. इन डॉक्टरों में 5 डॉक्टर एमबीबीएस और आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं. जिसमें न्यूरो सर्जन डॉ. जनक राज, मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. राजेश कश्यप सहित दो आयुर्वेदिक डॉक्टर राजीव सैजल व डॉ. राजीव बिंदल और डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा शामिल है. वहीं, दो डॉक्टर डॉक्टरेट वाले डॉक्टर हैं. जिसमें कैबिनेट मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा और हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज शामिल हैं. (Himachal Assembly Election 2022) (Doctors in Himachal Election) (BJP 5 doctors in Himachal)
डॉ. जनकराज को भरमौर से मिली जीत- बीजेपी ने डॉ. जनकराज को इस बार चंबा जिले की भरमौर सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था. डॉ. जनक जनरल सर्जरी में एमएस डिग्री के साथ ही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से न्यूरो सर्जरी में एमसीएच यानी सुपर स्पेशिएलिटी डिग्री होल्डर हैं. वैसे डॉ. जनकराज साल 2017 में भी ऐन चुनाव से पहले लंबी छुट्टी पर चले गए थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था और फिर वो ड्यूटी पर लौट आए थे. (BJP gave tickets to doctors in Himachal) (Doctors and Himachal Politics)
डॉ. राजेश कश्यप को सोलन से मिली हार- एक बार फिर सोलन विधानसभा सीट से अपने ससुर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे राजेश कश्यप हार गए हैं. भाजपा की सूची में डॉ. जनकराज के तौर पर नए चेहरे के साथ मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. राजेश कश्यप का भी नाम है. डॉ. कश्यप ने पहले भी सोलन सीट से चुनाव लड़ा है, लेकिन वे अपने ही ससुर और पूर्व सैन्य अधिकारी डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल से चुनाव हार गए थे. डॉ. राजेश कश्यप आईजीएमसी अस्पताल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रहे हैं और उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए समय से पहले रिटायरमेंट ले ली थी. डॉ. कश्यप के परिवार से प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप शिमला से सांसद रहे हैं. उनके भाई डॉ. सुरेंद्र कश्यप देश के माने हुए पल्मनरी मेडिसिन विशेषज्ञ हैं और इस समय अटल यूनिवर्सिटी नेरचौक के वीसी हैं. (Himachal assembly election 2022) (2 doctors win in Himachal assembly election 2022) (2 doctors of BJP wins in Himachal)
डॉ. राजीव सैजल को कसौली से मिली हार- जयराम कैबिनेट में रहे स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल कसौली से चुनाव हार गए हैं. वे एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं. इससे पहले वो सामाजिक न्याय और सहकारिता विभाग संभाल चुके हैं. सोलन जिले की कसौली सीट से वो जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. इस बार भी बीजेपी ने कसौली से ही उन्हें टिकट दिया था, लेकिन वे इस बार वहां से जीत को बरकरार नहीं रख पाए.
डॉ. राजीव बिंदल को नाहन से मिली हार- सिरमौर जिले की नाहन सीट से भाजपा के राजीव बिंदल को हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 में हार मिली है. वे एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके राजीव बिंदल विधानसभा अध्यक्ष से लेकर हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. सिरमौर जिले की नाहन सीट से लगातार दो बार विधायक रहने से पहले वो लगातार 3 बार सोलन से विधायक थे. इस बार नाहन से हैट्रिक और विधायक के तौर पर जीत का सिक्सर लगाने का मौका वे गंवा चुके हैं.
डॉ. अनिल धीमान को भोरंज से मिली हार- बीजेपी ने हमीरपुर जिले की भोरंज सीट से डॉ. अनिल धीमान को टिकट था, लेकिन वे इस बार चुनाव हार गए हैं. ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर रहे अनिल धीमान पहले भी चुनाव जीत चुके हैं. इस बार उन्हें मौजूदा बीजेपी विधायक कमलेश कुमारी का टिकट काटकर दिया गया था. वो हिमाचल के पूर्व शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान के बेटे हैं. ईश्वर दास धीमान पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के गुरू रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि जब धूमल मुख्यमंत्री बने तो उन्हें स्कूल में पढ़ाने वाले ईश्वर दास धीमान उनकी कैबिनेट में शिक्षा मंत्री बने थे.
दो डॉक्टरेट भी लिस्ट में हैं- प्रदेश में डॉक्टरेट वाले दो डॉक्टर भी हैं. जिसमें भाजपा के डॉ. राम लाल मारकंडा और हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज शामिल हैं.
डॉ. राम लाल मारकंडा को लाहौल स्पीति से मिली हार- भाजपा के डॉ. राम लाल मारकंडा लाहौल स्पीति से चुनाव हार गए हैं. बता दें कि इस सीट पर कुल प्रत्याशियों की संख्या तीन थी. भाजपा ने डॉ. रामलाल मारकंडा पर एक बार फिर भरोसा जताया था लेकिन वह पार्टी के भरोसे पर खरा नहीं उतर पाए.
डॉ. हंसराज को चुराह से मिली जीत- भाजपा के डॉ. हंसराज चुनाव जीत गए हैं. हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज को चंबा जिले की चुराह सीट से टिकट दिया गया था.