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स्वाइन फ्लू की चपेट में IGMC के डॉक्टर, ऐसे बरतें सावधानी

आईजीएमसी में फ्लू का तीसरा मामला सामना आया है. बताया जा रहा है कि यह आईजीएमसी के ही एक डॉक्टर हैं. उनकी रिपोर्ट स्वाइन फ्लू से पॉजीटिव पाई गई है. वहीं, उन्होंने दवाइयां ले ली हैं. मेडिसन के डॉक्टरों ने उन्हें एहतियात बरतने की सलाह दी है.

Doctor gets swine flu in IGMC, IGMC के डॉक्टर को हुई स्वाइन फ्लू
फाइल फोटो
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Published : Feb 3, 2020, 8:34 PM IST

शिमला: आईजीएमसी में स्वाइन फ्लू का तीसरा पेशेंट आया है. बताया जा रहा है कि यह आईजीएमसी के ही एक डॉक्टर हैं. उनकी रिपोर्ट स्वाइन फ्लू से पॉजीटिव पाई गई है. वहीं, उन्होंने दवाइयां ले ली हैं. मेडिसन के डॉक्टरों ने उन्हें एहतियात बरतने की सलाह दी है.

ये हैं लक्ष्ण

स्वाइन फ्लू में तेज बुखार, खांसी, गला सूखना, नाक बहना, सरदर्द, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, दस्त व उल्टी समेत कई लक्षण हैं. स्वाइन फ्लू से गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों व बुजुर्गो, मधुमेह, दमा आदि रोग से पीड़ित व्यक्तियों को ज्यादा खतरा होता है और उन्हें इससे बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज के अनुसार आईजीएमसी में स्वाइन फ्लू का तीसरा पेशेंट आया है. पेशेंट को दवाओं के साथ आराम की सलाह दी गई है.

यह बरतें सावधानी

स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए खांसते, छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल से ढककर रखना चाहिए. व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. हाथों को साबुन से धोकर स्वच्छ रखना चाहिए, खुले में न थूकें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में नहीं आना चाहिए और चिकित्सक के परामर्श के बिना किसी भी दवा का सेवन नहीं किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- नशे के खिलाफ सुंदनगर पुलिस की कार्रवाई, चरस समेत युवक को पकड़ा

शिमला: आईजीएमसी में स्वाइन फ्लू का तीसरा पेशेंट आया है. बताया जा रहा है कि यह आईजीएमसी के ही एक डॉक्टर हैं. उनकी रिपोर्ट स्वाइन फ्लू से पॉजीटिव पाई गई है. वहीं, उन्होंने दवाइयां ले ली हैं. मेडिसन के डॉक्टरों ने उन्हें एहतियात बरतने की सलाह दी है.

ये हैं लक्ष्ण

स्वाइन फ्लू में तेज बुखार, खांसी, गला सूखना, नाक बहना, सरदर्द, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, दस्त व उल्टी समेत कई लक्षण हैं. स्वाइन फ्लू से गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों व बुजुर्गो, मधुमेह, दमा आदि रोग से पीड़ित व्यक्तियों को ज्यादा खतरा होता है और उन्हें इससे बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज के अनुसार आईजीएमसी में स्वाइन फ्लू का तीसरा पेशेंट आया है. पेशेंट को दवाओं के साथ आराम की सलाह दी गई है.

यह बरतें सावधानी

स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए खांसते, छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल से ढककर रखना चाहिए. व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. हाथों को साबुन से धोकर स्वच्छ रखना चाहिए, खुले में न थूकें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में नहीं आना चाहिए और चिकित्सक के परामर्श के बिना किसी भी दवा का सेवन नहीं किया जाना चाहिए.

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Intro:आइजीएमसी के डॉक्टर को स्वाइन फ्लू होने से दहशत में लोग।
शिमला

अाईजीएमसी में पहला स्वाइन फ्लू का तीसरा पेशेंट अाया है। बताया जा रहा है कि यह अाईजीएमसी के ही एक डाॅक्टर हैं। उनकी रिपाेर्ट स्वाइन फ्लू से पाॅजीटिव पाई गई है। उन्हाेंने दवाइयां ले ली है। मेडिसन के डाॅक्टराें ने उन्हें एहतियात बरतने की सलाह दी है।
Body:स्वाइन फ्लू में तेज बुखार, खांसी, गला सूखना, नाक बहना, सरदर्द, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, दस्त व उल्टी समेत कई लक्षण हैं। स्वाइन फ्लू से गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों व बुजुर्गो, मधुमेह, दमा आदि रोग से पीड़ित व्यक्तियों को ज्यादा खतरा होता है अाैर उन्हें इससे बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। अाईजीएमसी के एमएस डाॅ. जनकराज के अनुसार अाईजीएमसी में स्वाइन फ्लू का तीसरा पेशेंट अाया है। पेशेंट काे दवाअाें के साथ अाराम की सलाह दी गई है।


Conclusion:यह बरतें सावधानी
स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए खांसते, छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल से ढककर रखना चाहिए। व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। हाथों को साबुन से धोकर स्वच्छ रखना चाहिए, खुले में न थूकें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में नहीं आना चाहिए तथा चिकित्सक के परामर्श के बिना किसी भी दवा का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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