शिमला: कोविड-19 संकट के इस समय में चिकित्सक देवदूत की तरह जनता की सेवा कर रहे हैं. अस्पतालों में मुस्तैदी से तैनात डॉक्टर्स राह चलते लोगों की भी परेशानी दूर कर रहे हैं, ऐसा ही एक वाकया शिमला में पेश आया.
शिमला के मॉल रोड पर कर्फ्यू की अवधि के दौरान आईजीएमसी अस्पताल के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. अश्विनी सूद घर जा रहे थे. उसी समय डॉ. सूद को एक महिला बैसाखी के सहारे लंगड़ाते हुए चलती मिली. महिला ने अपना नाम भागमनी बताया और कहा कि उसकी टांग में जख्म है.
डॉ. सूद ने जख्म को देखा और भागमनी को लेकर मेडिकल स्टोर की तरफ चल पड़े. भागमनी के साथ उसकी बेटी भी थी. डॉ. अश्विनी ने मेडिकल स्टोर से दवाइयां दिलाने के साथ भागमनी को आईजीएमसी अस्पताल में भी चेक करवाया. यही नहीं, डॉ. सूद ने भागमनी की बेटी की पढ़ाई के बारे में पूछा और उसे अगले दिन यानी शनिवार को अस्पताल में आकर किताबें-कॉपियां व स्टेशनरी का सामान लेने के लिए कहा.
साथ ही उन्होंने इस परिवार की आर्थिक मदद भी की. डॉ. सूद ने बताया कि उन्हें भागमनी की पीड़ा का पता चला तो उसे दवाइयां दिलाई और चैकअप भी करवाया. भागमनी को वायरल बुखार की भी शिकायत थी. उसके लिए भी दवाई दिलाई गई. डॉ. अश्विनी सूद अपने सेवाभाव के लिए पहचान रखते हैं और बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में उनकी नॉर्थ इंडिया में खूब ख्याति है.
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