शिमला: आज के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है. लोग दुकानों पर जाकर सामान खरीदने के बजाए आराम से घर बैठ कर ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा पसंद कर रहे हैं. जिसका सबसे बड़ा कारण है कि इसके लिए किसी को भी कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती, घर में बिना मेहनत किए आराम से अपनी पसंद का सामान मंगा सकते हैं. जिसके चलते दुकानों पर खरीदारों की भीड़ कम होती जा रही है. जिससे दुकानदारों को खासा नुकसान हो रहा है.
30-40% दिवाली शॉपिंग हुई कम: शिमला के व्यापारी कल्याण संघ और व्यापार मंडल ने बताया कि इस बार हिमाचल में ऑनलाइन साइटों द्वारा दिया जा रहा भारी डिस्काउंट, हाल ही में प्रदेश में आई आपदा और सेब के कम उत्पादन के कारण दिवाली की ब्रिकी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इस दौरान शिमला जिले में दिवाली शॉपिंग में लगभग 30-40 प्रतिशत की कमी आई है.
पारंपरिक चीजों से दूरी बना रहे लोग: व्यापार मंडल ने बताया के अध्यक्ष हरजीत कुमार मोंगा ने बताया कि राजधानी में सबसे ज्यादा प्रभावित पारंपरिक वस्तुओं से जुड़े दुकानदार हुए हैं, क्योंकि लोग अब नई और आधुनिक चीजों की ओर स्विच कर रहे हैं. इसके अलावा, ऑनलाइन साइटों पर हर सामान पर भारी डिस्काउंट दिया जा रहा है, 14 दिनों में फ्री एक्सचेंज के साथ कैश ऑन डिलीवरी के ऑफर ने दुकानों पर दिवाली शॉपिंग पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है.
दुकानों में भारी डिस्काउंट नहीं मुमकिन: हरजीत कुमार मोंगा ने बताया कि बहुत से ग्राहक दुकान में सिर्फ अवेलेबल मॉडल देखने विंडो शॉपिंग के लिए आते हैं. इसके बाद वो लोग उस चीज को ऑनलाइन ऑर्डर कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि दुकानों में ग्राहकों के न आने का एक सबसे बड़ा कारण पॉर्किंग की समस्या भी है. हरजीत कुमार मोंगा ने कहा कि उन्हें कर्मचारियों का खर्च, किराया, बिजली, पानी और अन्य रखरखाव का खर्च भी उठाना पड़ा है. जिसके चलते वह ऑनलाइन शॉपिंग साइट के दिए डिस्काउंट की बराबरी नहीं कर सकते हैं.
मानसून ने बर्बाद किया कारोबार: राजधानी शिमला में लगभग 6000 व्यावसायिक उद्यम हैं. जिनमें करीब 12 हजार लोगों से ज्यादा को रोजगार मिलता है. इनमें से आधे उद्यम मेन सिटी में ही हैं. व्यापार मंडल शिमला के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी, फिर कोरोना महामारी और अब बरसात के प्रकोप से बाजार में भारी गिरावट हुई है. उन्होंने कहा कि उन्हें धनतेरस पर अच्छे व्यापार की उम्मीद थी, लेकिन बारिश ने उसमें खलल डाल दिया. जिसके कारण लोगों ने ज्यादा शॉपिंग नहीं की.
छोटे कारोबारियों के लिए कठिन समय: शिमला शहर के एक दुकानदार वरुण ने कहा कि मौसम खराब रहने के कारण इस बार सेब का उत्पादन कम हुआ है. पिछले साल 3.6 करोड़ सेब बक्सों की तुलना में 2023 में उत्पादन लगभग 50 प्रतिशत ही रहा है. एक अन्य दुकानदार चुनू ने कहा की ऑनलाइन शॉपिंग के कारण दुकानों पर दिवाली पर गिफ्ट शॉपिंग में भारी गिरावट आई है. रेडीमेड कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक सामानों, खिलौनों, मोबाइल और गिफ्ट की दुकान चलाने वाले छोटे कारोबारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें: Diwali 2023: इस दिवाली घर लाइए सेहतमंद और बिना तेल-घी से बनी मिठाइयां, हमीरपुर में महिलाएं बना रही पपीते से Sweets