शिमला: स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने पर विचार करेगी. उन्होंने कहा बहुत सारे विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी रखे गए हैं. अभी तक इन कर्मचारियों के लिए कोई नीति नहीं है. सरकार इन कर्मचारियों के बेहतर भविष्य के लिए नीति बनाने पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार यह भी देख रही है कि आगे से इस तरह की भर्ती न हो.
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कोविड काल में आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के सवाल पर कहा किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त नहीं की गई हैं. इन कर्मचारियों ने कोविड के कठिन दौर में काम किया है, ऐसे में इनको बाहर नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल में अन्य विभागों में भी आउटसोर्स पर कर्मचारी तैनात हैं. सभी महकमों में करीब 30 हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं, सरकार इनके भविष्य को लेकर भी गंभीर है.
बता दें कि कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग में करीब 1891 कर्मचारियों को अस्पतालों में तैनात किया गया था, इन कर्मचारियों को तीन माह के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाता है और फिर इसके बाद एक्सटेंशन दी जाती रही है. इन कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट 30 जून को खत्म हो गया है, जिसको अभी तक एक्सटेंड नहीं किया गया है.
वहीं, दवाइयों के सैंपल फेल होने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा इन कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की कंपनियों को सप्लाई का काम भी नहीं दिया जाएगा. उन्होंने महिलाओं को 1500 रूपए की सम्मान निधि की गारंटी के सवाल पर कहा सरकार अपनी सभी गारंटियों को पूरा करेगी. अभी 2.31 लाख महिलाओं को सम्मान निधि दी जा रही है, इसक अलावा बाकी महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से सम्मान निधि दी जाएगी.
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