शिमला: कोरोना वायरस के कारण देश और दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन होने के बाद लाखों लोग घर से काम कर रहे हैं. घर से काम के दौरान मीटिंग स्काइप या फिर जूम जैसे वीडियो कॉलिंग एप के जरिए हो रही है. वर्क फ्रॉम होम के दौरान जूम वीडियो कॉलिंग एप का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है. इसके अलावा स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई भी इसी एप से हो रही है, लेकिन सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्प पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और राष्ट्रीय साइबर-सुरक्षा एजेंसी ने कुछ दिन पहले जूम की सिक्योरिटी को लेकर लोगों को आगाह किया था और कहा था कि जूम एप साइबर हमलों का जरिया बन सकता है. इस एप के जरिए साइबर अपराधी सरकारी और निजी कार्यालयों से डाटा चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.
केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद हिमाचल के डीजीपी एसआर मरडी ने भी जनता से अपील कि करते हुए कहा कि वह जूम एप को डाउन लोड न करे. यह एप सुरक्षित नहीं है. इसके साथ ही कोविड से लेकर कोई भी अवैध एप को भी डाउन लोड न करे इसे मोबाइल का डाटा चुराया जा सकता है.
हाल ही में जूम एप के पांच लाख अकाउंट्स के हैक होने की खबर आई है. ब्लीपिंग कंप्यूटर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जूम के पांच लाख अकाउंट को हैक कर लिया गया है और डार्क वेब पर मामूली कीमत में लोगों का निजी डाटा बेचा जा रहा है. जूम एप यूजर्स का डाटा हैकर्स फोरम पर बिक रहा है. इसके बारे में सबसे पहले एक अप्रैल को साइबर सिक्योरिटी फर्म ने जानकारी दी थी.