ETV Bharat / state

शिमला में उप जिला शिक्षा अधिकारी ने की प्रेस वार्ता, सरकार से मांगी मदद - Shimla latest news

अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान उप जिला शिक्षा अधिकारी अजय शर्मा ने कहा कि न्यूटन के तीसरे नियम की खामी यह है कि यह वस्तु के आकार की अनदेखी करता है. अजय शर्मा ने कहा कि यदि सरकार 10 लाख रुपये की सहायता करती है तो वह 1 वर्ष में इस नियम की खामी को सिद्ध कर देंगे.

ajay sharma
फोटो
author img

By

Published : Feb 28, 2021, 7:43 PM IST

शिमला: पिछले 39 सालों से न्यूटन और आर्किमिडीज के सिद्धांत पर शोध कर रहे उप जिला शिक्षा अधिकारी अजय शर्मा ने सरकार से सहायता की मांग की है. अजय शर्मा ने भारत को फिर से विश्व गुरु साबित कर नोबल पुरस्कार दिलवाने का दावा किया है.

न्यूटन के तीसरे नियम में बताई खामी

अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान उप जिला शिक्षा अधिकारी अजय शर्मा ने कहा कि न्यूटन के तीसरे नियम की खामी यह है कि यह वस्तु के आकार की अनदेखी करता है. 39 सालों से इस पर शोध कर रहे हैं जब वह बीएससी के छात्र थे तब से इस पर शोध कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने उनके कार्य को सराहा है, लेकिन शोध कार्य के लिए जो उपकरण चाहिए वह अपने संसाधनों से नहीं जुड़ा सकते है.

वीडियो

सरकार से मांगी मदद

उप जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यदि सरकार 10 लाख रुपये की सहायता करती है तो वह 1 वर्ष में इस नियम की खामी को सिद्ध कर देंगे. अजय शर्मा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए कमेटी बनाई जाए और 10 लाख के बजट की जिम्मेदारी कमेटी को दें. उन्होंने कहा कि इसरो डीआरडीओ हेल जैसी संस्थाओं की लैब में इस तरह के उपकरण मौजूद हैं जिससे गति को मापा जा सकता है. उन्हें इन लैब में शोध की अनुमति प्रदान की जाए और यदि यह प्रयोग सफल होता है तो इसमें शैक्षणिक स्तर पर विज्ञान विषय में कई बदलाव होंगे.

नोबेल पुरस्कार का हकदार हो सकता भारत

अजय शर्मा ने कहा कि 2018 में शोध पत्र अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स की समर कॉन्फ्रेंस वाशिंगटन में प्रस्तुत किया था. इसमें एक अमेरिकन वैज्ञानिक ने उन्हें कहा था कि अगर वे न्यूटन के तीसरे नियम में प्रयोगों द्वारा वस्तु के आकार के प्रभाव को सिद्ध कर देते हैं तो भारत नोबेल पुरस्कार का हकदार होगा.

उन्होंने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट पर काफी वर्षों से काम कर रहे हैं जिसके लिए वे सरकार के अधिकारियों से भी बात कर चुके हैं लेकिन कोई भी मदद अभी तक नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें- मंडी में 800 मीटर गहरी खाई में गिरी कार, दर्दनाक हादसे में 3 की मौके पर मौत

शिमला: पिछले 39 सालों से न्यूटन और आर्किमिडीज के सिद्धांत पर शोध कर रहे उप जिला शिक्षा अधिकारी अजय शर्मा ने सरकार से सहायता की मांग की है. अजय शर्मा ने भारत को फिर से विश्व गुरु साबित कर नोबल पुरस्कार दिलवाने का दावा किया है.

न्यूटन के तीसरे नियम में बताई खामी

अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान उप जिला शिक्षा अधिकारी अजय शर्मा ने कहा कि न्यूटन के तीसरे नियम की खामी यह है कि यह वस्तु के आकार की अनदेखी करता है. 39 सालों से इस पर शोध कर रहे हैं जब वह बीएससी के छात्र थे तब से इस पर शोध कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने उनके कार्य को सराहा है, लेकिन शोध कार्य के लिए जो उपकरण चाहिए वह अपने संसाधनों से नहीं जुड़ा सकते है.

वीडियो

सरकार से मांगी मदद

उप जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यदि सरकार 10 लाख रुपये की सहायता करती है तो वह 1 वर्ष में इस नियम की खामी को सिद्ध कर देंगे. अजय शर्मा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए कमेटी बनाई जाए और 10 लाख के बजट की जिम्मेदारी कमेटी को दें. उन्होंने कहा कि इसरो डीआरडीओ हेल जैसी संस्थाओं की लैब में इस तरह के उपकरण मौजूद हैं जिससे गति को मापा जा सकता है. उन्हें इन लैब में शोध की अनुमति प्रदान की जाए और यदि यह प्रयोग सफल होता है तो इसमें शैक्षणिक स्तर पर विज्ञान विषय में कई बदलाव होंगे.

नोबेल पुरस्कार का हकदार हो सकता भारत

अजय शर्मा ने कहा कि 2018 में शोध पत्र अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स की समर कॉन्फ्रेंस वाशिंगटन में प्रस्तुत किया था. इसमें एक अमेरिकन वैज्ञानिक ने उन्हें कहा था कि अगर वे न्यूटन के तीसरे नियम में प्रयोगों द्वारा वस्तु के आकार के प्रभाव को सिद्ध कर देते हैं तो भारत नोबेल पुरस्कार का हकदार होगा.

उन्होंने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट पर काफी वर्षों से काम कर रहे हैं जिसके लिए वे सरकार के अधिकारियों से भी बात कर चुके हैं लेकिन कोई भी मदद अभी तक नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें- मंडी में 800 मीटर गहरी खाई में गिरी कार, दर्दनाक हादसे में 3 की मौके पर मौत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.