शिमला: हिमाचल के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार को जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री से राज्य में हाल ही में आई भारी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर हिमाचल की मदद के लिए उदारता से हाथ बढ़ाने का आग्रह किया. उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य को हुआ नुुकसान अभूतपूर्व है और इसका भारी खामियाजा जल शक्ति विभाग हिमाचल प्रदेश कोे भुगतना पड़ा है. जल शक्ति विभाग की 11863 योजनाओं को 2132 करोड़ रुपये की व्यापक क्षति हुई और इनमें से जल जीवन मिशन के तहत निर्मित 671 योजनाओं को भी 614 करोड़ रुपये की क्षति हुई.
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत 376 करोड़ रुपये के आवंटन में सेे 25 प्रतिशत यानि लगभग 96 करोड़ रुपये क्षतिग्रस्त योजनाओं की बहाली के लिए खर्च करने होंगे. उन्होंने बताया कि अनुमोदित वार्षिक कार्य योजना 2023-24 (ए.ए.पी.) के अनुसार जेजेएम की तहत आवंटन 1274 करोड़ रुपये हैं, जिसे भारत सरकार द्वारा घटाकर 376 करोड़ रुपये कर दिया गया है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि हिमाचल की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसकी वार्षिक कार्य योजना को 1274 करोड़ रुपये की राशि बहाल की जाए.
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दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी से मुलाकात की और हिमाचल प्रदेश में चल रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं बारे विस्तृत चर्चा की।
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योजनाओं के लिए धन राशि जारी करने का भरोसा माननीय शेखावत जी ने दिया।@gssjodhpur pic.twitter.com/o7h6Itqcei
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— Mukesh Agnihotri (@Agnihotriinc) December 27, 2023
योजनाओं के लिए धन राशि जारी करने का भरोसा माननीय शेखावत जी ने दिया।@gssjodhpur pic.twitter.com/o7h6Itqceiदिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी से मुलाकात की और हिमाचल प्रदेश में चल रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं बारे विस्तृत चर्चा की।
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योजनाओं के लिए धन राशि जारी करने का भरोसा माननीय शेखावत जी ने दिया।@gssjodhpur pic.twitter.com/o7h6Itqcei
वहीं, केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले को देखेंगे और हिमाचल से अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे. उप-मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से अनुरोध किया कि हिमाचल को जेजेएम योजनाओं को पूरा करने के लिए 6 महीने का विस्तार दिया जाए, क्योंकि पिछले तीन महीनों के दौरान जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश का पूरा ध्यान क्षतिग्रस्त योजनाओं की बहाली पर था जिसके परिणामस्वरूप चल रहे कार्यों की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री से सिंचाई एवं बाढ़ संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गयी. उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला ऊना के बीट क्षेत्र द्वितीय चरण और कुटलैहड़ निर्वाचन क्षेत्र के लिए सतही लघु सिंचाई योजनाओं के 118.79 करोड़ रुपये के दो प्रस्ताव भारत सरकार के पास लम्बित है और उनकी तत्काल मंजूरी के लिए अनुरोध किया गया है. उप-मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत चल रही सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता जारी करने का मामला भी प्राथमिकता पर उठाया. केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह इसे प्राथमिकता से मंजूरी देंगे.
उप-मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से हिमाचल में लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए इसे जल्द से जल्द जारी करने का अनुरोध किया. उन्होंने ब्यास नदी के रणनीतिक महत्व को देखते हुए इसके तटीकरण के महत्व पर जोर दिया क्योंकि कुल्लू-मनाली हवाई अड्डा, चंडीगढ़ लेह राष्ट्रीय राजमार्ग इस नदी के तट पर स्थित है. उन्होंने आगे कहा कि इस नदी के तटीकरण से कुल्लू और लाहौल घाटी से बागवानी उत्पादों के परिवहन के अलावा पर्यटकों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होगी. वहीं, उप-मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश की राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत 221.78 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता जारी करने के लिए भी धन्यवाद दिया.
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