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डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने की RTDC के कार्यों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए ये निर्देश - Mukesh Agnihotri held review meeting of RTDC

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने रोपवे एवं त्वरित परिवहन विकास निगम (आरटीडीसी) के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ने निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही सभी परियोजनाओं और गतिविधियों का जायजा लिया. (Deputy CM Mukesh Agnihotri) (Mukesh Agnihotri held review meeting of RTDC)

Deputy CM Mukesh Agnihotri
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री
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Published : Dec 19, 2022, 8:04 PM IST

शिमला: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने रोपवे एवं त्वरित परिवहन विकास निगम (आरटीडीसी) को अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिले में कम से कम एक रोपवे विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि राज्य में संपर्क सुविधा बढ़ाकर रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा मिल सके. उप मुख्यमंत्री ने कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने आरटीडीसी के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने माता चिंतपूर्णी और बाबा बालक नाथ मंदिर के लिए रोपवे विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के भी आदेश दिए. (Deputy CM Mukesh Agnihotri) (Mukesh Agnihotri held review meeting of RTDC)

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही सभी परियोजनाओं और गतिविधियों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि रोपवे परिवहन का एक पर्यावरण हितैषी साधन है. इसके माध्यम से हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा की दूरी को पर्याप्त रूप से कम होती है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में एक किलोमीटर रोपवे लगभग 5-6 किलोमीटर सड़क दूरी के बराबर होता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पर्यावरण के अनुकूल, स्वच्छ और हरित परिवहन के इस साधन को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है. इसके माध्यम से शहरों में भीड़-भाड़ को कम करने, छूटे हुए कस्बों में परिवहन सुविधा और पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा प्रदान किया जाएगा.

शिमला का रोपवे अगले पांच सालों में बनकर होगा तैयार: शिमला में रोपवे परियोजना बनाई जाएगी, जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. डिप्टी सीएम ने आरटीडीसी को अगले पांच वर्षों में इस परियोजना का सुचारू रूप से संचालन शुरू करने के निर्देश दिए. इस रोपवे परियोजना में 1546.40 करोड़ रुपये की लागत के साथ 15 स्टेशनों को जोड़ने वाले 14.69 किलोमीटर रोपवे का नेटवर्क होगा. यह शहरी रोपवे परियोजना विश्व की अपनी तरह की दूसरी और भारत में पहली परियोजना होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला और मनाली के लिए इसी तरह की शहरी रोपवे परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बना रही है.

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने आरटीडीसी को राज्य में ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के तहत रोपवे विकास के लिए नाबार्ड के दिशा-निर्देशों को तत्काल स्वीकृति के लिए मंत्रिमण्डल की बैठक में लाने के निर्देश दिए. ताकि 329 असंबद्ध बस्तियों (250 से जनसंख्या से अधिक) को संपर्क सुविधा प्रदान करने के लिए समग्र रोपवे का निर्माण करने के साथ-साथ कृषि और बागवानी उत्पादों की ढुलाई, नाबार्ड आरआईडीएफ के तहत बड़े पैमाने पर की जा सके. उन्होंने अधिकारियों को माता चिन्तपूर्णी मंदिर और बाबा बालक नाथ जी मंदिर के लिए रोपवे विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए. बैठक में प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नजीम, आरटीडीसी के निदेशक अजय शर्मा, आरटीडीसी के मुख्य महाप्रबंधक रोहित ठाकुर और निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें: वादों से मुकरने लगी कांग्रेस, अब पांच साल बाद ही होगा कैबिनेट का गठन: जयराम ठाकुर

शिमला: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने रोपवे एवं त्वरित परिवहन विकास निगम (आरटीडीसी) को अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिले में कम से कम एक रोपवे विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि राज्य में संपर्क सुविधा बढ़ाकर रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा मिल सके. उप मुख्यमंत्री ने कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने आरटीडीसी के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने माता चिंतपूर्णी और बाबा बालक नाथ मंदिर के लिए रोपवे विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के भी आदेश दिए. (Deputy CM Mukesh Agnihotri) (Mukesh Agnihotri held review meeting of RTDC)

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही सभी परियोजनाओं और गतिविधियों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि रोपवे परिवहन का एक पर्यावरण हितैषी साधन है. इसके माध्यम से हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा की दूरी को पर्याप्त रूप से कम होती है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में एक किलोमीटर रोपवे लगभग 5-6 किलोमीटर सड़क दूरी के बराबर होता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पर्यावरण के अनुकूल, स्वच्छ और हरित परिवहन के इस साधन को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है. इसके माध्यम से शहरों में भीड़-भाड़ को कम करने, छूटे हुए कस्बों में परिवहन सुविधा और पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा प्रदान किया जाएगा.

शिमला का रोपवे अगले पांच सालों में बनकर होगा तैयार: शिमला में रोपवे परियोजना बनाई जाएगी, जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. डिप्टी सीएम ने आरटीडीसी को अगले पांच वर्षों में इस परियोजना का सुचारू रूप से संचालन शुरू करने के निर्देश दिए. इस रोपवे परियोजना में 1546.40 करोड़ रुपये की लागत के साथ 15 स्टेशनों को जोड़ने वाले 14.69 किलोमीटर रोपवे का नेटवर्क होगा. यह शहरी रोपवे परियोजना विश्व की अपनी तरह की दूसरी और भारत में पहली परियोजना होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला और मनाली के लिए इसी तरह की शहरी रोपवे परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बना रही है.

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने आरटीडीसी को राज्य में ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के तहत रोपवे विकास के लिए नाबार्ड के दिशा-निर्देशों को तत्काल स्वीकृति के लिए मंत्रिमण्डल की बैठक में लाने के निर्देश दिए. ताकि 329 असंबद्ध बस्तियों (250 से जनसंख्या से अधिक) को संपर्क सुविधा प्रदान करने के लिए समग्र रोपवे का निर्माण करने के साथ-साथ कृषि और बागवानी उत्पादों की ढुलाई, नाबार्ड आरआईडीएफ के तहत बड़े पैमाने पर की जा सके. उन्होंने अधिकारियों को माता चिन्तपूर्णी मंदिर और बाबा बालक नाथ जी मंदिर के लिए रोपवे विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए. बैठक में प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नजीम, आरटीडीसी के निदेशक अजय शर्मा, आरटीडीसी के मुख्य महाप्रबंधक रोहित ठाकुर और निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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