चौपाल/शिमला: वर्ल्ड बैंक द्वारा वित्त पोषित और भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा करीब 1356 करोड़ रुपये की लागत से नेशनल ग्रीन कॉरिडोर एनएच 707 बनाया जा रहा है. ऐसे में एनएच 707 का निर्माण कार्य कर रही कंपनी पर स्ठानीय लोगों ने हजारों देवदार के हरे-भरे पेड़ काटने के आरोप लगाए हैं. इसी कड़ी में स्ठानीय लोग पिछले दो दिन से देवदार के पेड़ काटने के विरोध में कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. (People protest in Chaupal) (People protest on deodar trees cutting in Chaupal) (Deodar trees cut on NH 707 Chaupal)
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी द्वारा एनएच 707 पर बेतरतीब तरीके से कार्य करने के साथ वन विभाग की जमीन पर लगे हजारों हरे-भरे देवदार के पेड़ों को मनमाने ढंग से काटा जा रहा है. कंपनी द्वारा किए गए कार्यों से लगातार क्षेत्र की सड़कों पर लैंडस्लाइड जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. जिससे उनकी निजी प्रॉपर्टी को भी नुकसान हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
स्थानीय लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा नेशनल ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत जिसमें पहाड़ों और प्रकृति को कम से कम नुकसान पहुंचाकर सड़क निर्माण के कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्य को देखकर लगता है की विकास के नाम पर पहाड़ और प्रकृति को विनाश की और धकेला जा रहा है.
वहीं, वन विभाग के स्थानीय बीट गार्ड का पक्ष है की उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा के साथ की है और नियमानुसार रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को आगामी कार्रवाई के लिए भेज दी गई है. उनका कहना है कि सैकड़ों से भी कम संख्या में पेड़ काटे गए हैं. (People protest in Chaupal) (People protest on deodar trees cutting in Chaupal) (Deodar trees cut on NH 707 Chaupal)
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