शिमला: प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स (trained female health workers) संघ की प्रदेशाध्यक्ष नीलम शर्मा ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार आरएंडपी रूल्स के आधार पर फीमेल हेल्थ वर्कर्स के पदों पर अगर प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स को तैनाती नहीं दे सकती है तो जगह-जगह खोले गए इन प्रशिक्षण संस्थानों को भी तत्काल प्रभाव से बंद करें.
नीलम शर्मा ने कहा है कि उक्त 205 पदों पर भर्ती व पदोन्नति नियमों के आधार पर सिर्फ प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स की तैनाती नहीं की तो सरकार इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. उन्हाेंने कहा कि वर्ष 2018 में स्वास्थ्य विभाग के तहत 205 बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पदों को भरने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे, लेकिन कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर (Staff Selection Commission Hamirpur) ने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को ताक पर रख कर फीमेल हेल्थ वर्कर्स अभ्यर्थियाें के साथ-साथ जीएनएम व बीएससी नर्सिंग अभियर्थियों के आवेदनों को भी स्वीकार कर दिया.
फीमेल हेल्थ वर्कर्स संघ की प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि 15 सितंबर को घोषित किए परिणाम में 95 फीसदी अभ्यर्थी जीएनएम व बीएससी नर्सिंग के ही उत्तीर्ण हुए हैं. उन्हाेंने आराेप लगाया कि इन पदों को भरने के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की साफ अनदेखी की गई है. आवेदन में डेढ़ वर्ष डिप्लोमा धारक फीमेल हेल्थ वर्कर्स को ही उक्त पदों के लिए योग्य माना गया था.
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उन्हाेंने कहा कि अपने हितों के लिए प्रशिक्षण प्राप्त फीमेल हेल्थ वर्कर्स कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल (Health Minister Rajiv Saizal) से भी मिली, लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया. उन्हाेंने कहा कि इससे अब डिप्लाेमाधारक फीमेल हेल्थ वर्कराें में राेष हैं.
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