शिमला: नागरिक सभा का प्रतिनिधिमंडल समरहिल के जंगल में बरामद हुई नरेश कुमार की लाश के मुद्दे पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिमला मनमोहन सिंह से मिला और इस मसले पर ठोस व व्यापक कार्रवाई की मांग की.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिया कि इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस मसले की जांच कर रहे जतोग और समरहिल पुलिस चौकी के दोनों जांच अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई अमल में लाएं.
नागरिक सभा ने इसे आत्महत्या मानने से साफ इंकार किया है और इसमें हत्या का पूरा शक जताया है. नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि नरेश कुमार दो अक्तूबर 2019 को रामलीला देखने के बाद टूटू से अचानक गायब हो गया था.
इस सन्दर्भ में घर वालों की ओर से थाना बालूगंज के अंतर्गत जतोग चौकी में तीन अक्तूबर को एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. नरेश कुमार का मोबाइल नंबर कई दिन तक कार्य करता रहा. इस दौरान उसके मोबाइल की लोकेशन चिंतपूर्णी, जीरकपुर व चंडीगढ़ आदि में भी पाई गई. इस दौरान घरवालों से उसकी बातचीत भी हुई. उसने किसी के मोबाइल से घर वालों से बातचीत भी की.
मेहरा ने कहा कि अगर इस युवक ने आत्महत्या ही करनी थी तो वह टुटू से गायब होने के पहले दिन ही आत्महत्या कर लेता. नरेश कुमार की गुमशुदगी 2 अक्तूबर को हुई और डैड बॉडी 20 नबंवर को डेढ़ महीने के बाद रिकवर हुई. उसका मोबाइल डैड बॉडी रिकवर होने के पन्द्रह दिन पहले तक कार्य भी करता रहा. यह एक सुनियोजित हत्या भी हो सकती है जिसकी कड़ियां खुलना जरूरी है, ताकि दोषी पुलिस की गिरफ्त में आ पाएं.
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