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कुल्लू बस हादसे के बाद 'सबक' लेगी सरकार, हाई लेवल मीटिंग में सड़क सुरक्षा पर बड़े निर्णय

कुल्लू के बंजार में हुए बस हादसे के बाद सीएम जयराम की अध्यक्षता में हुई हाई लेवल मीटिंग में सड़क सुरक्षा को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए. मीटिंक में सड़क सुरक्षा बढ़ाने को लेकर विशेष अभियान चलाने पर निर्णय लिया गया.

डिजाइन फोटो.
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Published : Jun 22, 2019, 6:13 AM IST

शिमला: सीएम जयराम की अध्यक्षता में शुक्रवार को रोड सेफ्टी को लेकर हुई हाई लेवल मीटिंग में सड़क सुरक्षा को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए. कुल्लू के बंजार में गुरुवार को हुए निजी बस हादसे के बाद हुई इस बैठक में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के अलावा डीजीपी हिमाचल भी मौजूद रहे.

ब्लैक स्पॉट्स सुधार के लिए विशेष अभियान
बैठक में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान के बाद उनके सुधार के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया. राज्य में नई सड़कों का निर्माण सड़क सुरक्षा ऑडिटर की स्वीकृति के बाद ही किया जाएगा. बैठक के दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने एवं ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करने के लिए पुरानी प्रक्रिया के स्थान पर एक नई प्रक्रिया को अपनाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक व्यस्त सड़कों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

सड़क सुरक्षा नियमों की जागरूकता पर विशेष अभियान
बैठक में निर्णय लिया गया कि तेज रफ्तार, लापरवाही एवं शराब के नशे में वाहन चलाना और वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग के विषयों पर लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा लोगों को दोषी चालकों के विरूद्ध शिकायतें दर्ज करवाने के लिए उत्साहित किया जाएगा. बैठक में सीएम ने कहा कि 93 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानव भूल के कारण होती हैं और इसके लिए ड्राइविंग टेस्ट को अधिक सख्त बनाया जाएगा.

परिवहन वाहनों पर चालक का नाम और फोटो लगाना अनिवार्य
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि यात्रियों को चालक के बारे में जानकारी देने और उन्हें चालक के प्रशिक्षित होने के संबंध में आश्वस्त करने के लिए सभी परिवहन वाहनों पर चालक के नाम एवं फोटो को प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. इन परिवहन में टैक्सियों को भी शामिल किया जाएगा.

परिवहन वाहनों की स्थिति पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
बैठक में तय किया गया कि परिवहन वाहनों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और इसमें किसी भी कोताही को सहन नहीं किया जाएगा. सीएम ने कहा कि वाहनों की स्थिति के आंकलन के लिए ऑटोमेटिक जांच के माध्यम से किया जाएगा और बेहतर स्थिति वाले वाहनों को ही सड़क पर चलने की अनुमति दी जाएगी.

ड्राइविंग स्कूलों में अपनाई जाएगी बायोमेट्रिक प्रणाली
भारी वाहनों के चालकों को सही टेस्ट के आधार पर ही लाइसेंस दिए जाएंगे. सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षु ड्राइवर निश्चित समय के लिए प्रशिक्षण पाएं, इसके लिए ड्राइविंग स्कूलों में बायोमेट्रिक प्रणाली को अपनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी.

ओवरलोडिंग करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी परिवहन वाहन में ओवरलोडिंग न हो. उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है, जिसके संबंध में स्कूल प्रशासन को जागरूक किया जाएगा.

शिमला: सीएम जयराम की अध्यक्षता में शुक्रवार को रोड सेफ्टी को लेकर हुई हाई लेवल मीटिंग में सड़क सुरक्षा को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए. कुल्लू के बंजार में गुरुवार को हुए निजी बस हादसे के बाद हुई इस बैठक में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के अलावा डीजीपी हिमाचल भी मौजूद रहे.

ब्लैक स्पॉट्स सुधार के लिए विशेष अभियान
बैठक में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान के बाद उनके सुधार के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया. राज्य में नई सड़कों का निर्माण सड़क सुरक्षा ऑडिटर की स्वीकृति के बाद ही किया जाएगा. बैठक के दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने एवं ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करने के लिए पुरानी प्रक्रिया के स्थान पर एक नई प्रक्रिया को अपनाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक व्यस्त सड़कों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

सड़क सुरक्षा नियमों की जागरूकता पर विशेष अभियान
बैठक में निर्णय लिया गया कि तेज रफ्तार, लापरवाही एवं शराब के नशे में वाहन चलाना और वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग के विषयों पर लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा लोगों को दोषी चालकों के विरूद्ध शिकायतें दर्ज करवाने के लिए उत्साहित किया जाएगा. बैठक में सीएम ने कहा कि 93 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानव भूल के कारण होती हैं और इसके लिए ड्राइविंग टेस्ट को अधिक सख्त बनाया जाएगा.

परिवहन वाहनों पर चालक का नाम और फोटो लगाना अनिवार्य
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि यात्रियों को चालक के बारे में जानकारी देने और उन्हें चालक के प्रशिक्षित होने के संबंध में आश्वस्त करने के लिए सभी परिवहन वाहनों पर चालक के नाम एवं फोटो को प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. इन परिवहन में टैक्सियों को भी शामिल किया जाएगा.

परिवहन वाहनों की स्थिति पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
बैठक में तय किया गया कि परिवहन वाहनों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और इसमें किसी भी कोताही को सहन नहीं किया जाएगा. सीएम ने कहा कि वाहनों की स्थिति के आंकलन के लिए ऑटोमेटिक जांच के माध्यम से किया जाएगा और बेहतर स्थिति वाले वाहनों को ही सड़क पर चलने की अनुमति दी जाएगी.

ड्राइविंग स्कूलों में अपनाई जाएगी बायोमेट्रिक प्रणाली
भारी वाहनों के चालकों को सही टेस्ट के आधार पर ही लाइसेंस दिए जाएंगे. सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षु ड्राइवर निश्चित समय के लिए प्रशिक्षण पाएं, इसके लिए ड्राइविंग स्कूलों में बायोमेट्रिक प्रणाली को अपनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी.

ओवरलोडिंग करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी परिवहन वाहन में ओवरलोडिंग न हो. उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है, जिसके संबंध में स्कूल प्रशासन को जागरूक किया जाएगा.

ब्लैक स्पॉट्स के सुधार के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में आज यहां यह निर्णय लिया गया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़कों पर ब्लैक स्पॉट्स की पहचान एवं उनके सुधार के लिए एक विशेष अभियान आरम्भ किया जाएगा। राज्य में नई सड़कों का निर्माण सड़क सुरक्षा ऑडिटर की स्वीकृति के बाद ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने एवं ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करने के लिए पुरानी प्रक्रिया के स्थान पर एक नई प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक व्यस्त सड़कों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तेज रफ्तार, लापरवाही एवं शराब के नशे में वाहन चलाना और वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग के विषयों पर लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को दोषी चालकों के विरूद्ध शिकायतें दर्ज करवाने के लिए उत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 93 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानव भूल के कारण होती हैं तथा इसके लिए ड्राईविंग टैस्ट को अधिक सख्त बनाया जाएगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि यात्रियों को चालक के सम्बन्ध में जानकारी देने तथा उन्हें चालक के प्रशिक्षित होने के सम्बन्ध में आश्वस्त करने के लिए सभी परिवहन वाहनों, जिनमें टैक्सियां शामिल हैं, पर चालक के नाम एवं फोटो को प्रदर्शित करना होगा।

उन्होंने कहा कि परिवहन वाहनों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा इसमें किसी भी कोताही को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहनों की स्थिति के आकलन के लिए ऑटोमैटिक जांच के माध्यम से किया जाएगा तथा बेहतर स्थिति वाले वाहनों को ही सड़क पर चलने की अनुमति दी जाएगी। भारी वाहनों के चालकों को सही टैस्ट के आधार पर ही लाईसेंस दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रशिक्षु ड्राईवर निश्चित समय के लिए प्रशिक्षण पाएं, इसके लिए ड्राईविंग स्कूलों में बायोमैट्रिक प्रणाली को अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में ऑटोमैटिक ड्राईविंग टैस्ट सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी परिवहन वाहन में ओवर लोडिंग न हो। उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों के प्रति सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता जो कि यात्रियों की सुरक्षा है, जिसके सम्बन्ध में स्कूल प्रशासन को जागरूक किया जाएगा
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