ETV Bharat / state

भट्ठाकुफर फल मंडी की होगी सॉयल टेस्टिंग, मलबा गिरने के खतरे के चलते किया गया बंद - APMC Fruit Market Bhattakufar soil testing

डीसी शिमला ने बताया कि भट्ठाकुफर फल मंडी की अब सॉयल टेस्टिंग की जाएगी. उसके बाद ही इस सीजन में मंडी में कारोबार शुरू किया हो सकेगा. जिला प्रशासन ने एपीएमसी को मंडी में पड़े मलबे को हटाने की अनुमति तो दे दी है. यदि यहां पर भूस्खलन होने की संभावना होगी तो, मंडी में इस बार कारोबार नहीं हो पाएगा.

भट्ठाकुफर फल मंडी
भट्ठाकुफर फल मंडी
author img

By

Published : Apr 14, 2021, 9:09 PM IST

शिमला: भट्ठाकुफर फल मंडी की अब सॉयल टेस्टिंग की जाएगी. उसके बाद ही इस सीजन में मंडी में कारोबार शुरू किया हो सकेगा. जिला प्रशासन ने एपीएमसी को मंडी में पड़े मलबे को हटाने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन सॉयल टेस्टिंग करवाने के निर्देश जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने दिए हैं. ऐसे में मार्केटिंग बोर्ड विशेषज्ञों से इस मिट्टी की जांच करवानी होगी. यदि यहां पर भूस्खलन होने की संभावना होगी तो, मंडी में इस बार कारोबार नहीं हो पाएगा.

15 दिन में बाद चेरी का सीजन शुरू

ऐसे में इस बार बागवानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 15 दिन में बाद चेरी का सीजन शुरू होने वाला है और 75 फीसदी चेरी भट्ठाकुफर मंडी में बिकती है और करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन इस साल मंडी बंद होने के कारण चेरी के कारोबार पर संकट के बादल घिर आए हैं.

वीडियो.

मंडी से मलबा हटाने की मिली अनुमति

डीसी शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि एपीएमसी द्वारा मंडी से मलबा हटाने की अनुमति मांगी गई थी. उन्हें मलबा हटाने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन उन्हें सॉयल टेस्टिंग करवाने को कहा गया ताकि वहां पर किसी तरह का दोबारा से भूस्खलन होने का खतरा तो नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि ऐसी कोई संभावना होती है, तो वहां पर कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

20 जुलाई 2020 को हुआ था हादसा

बता दें कि बीते साल 20 जुलाई 2020 को सेब सीजन के दौरान मंडी भूस्खलन की चपेट में आ गई थी. काफी मलबा ऑक्शन प्लेटफॉर्म में मलबा घुस गया था और काफी नुकसान भी हुआ था. जिसके बाद प्रशासन ने एहतियातन मंडी को बंद करवा दिया.

पढ़ें: हिमाचल में 17 मई तक स्थगित की गई बोर्ड परीक्षाएं, यूजी एग्जाम भी पोस्टपोन

शिमला: भट्ठाकुफर फल मंडी की अब सॉयल टेस्टिंग की जाएगी. उसके बाद ही इस सीजन में मंडी में कारोबार शुरू किया हो सकेगा. जिला प्रशासन ने एपीएमसी को मंडी में पड़े मलबे को हटाने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन सॉयल टेस्टिंग करवाने के निर्देश जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने दिए हैं. ऐसे में मार्केटिंग बोर्ड विशेषज्ञों से इस मिट्टी की जांच करवानी होगी. यदि यहां पर भूस्खलन होने की संभावना होगी तो, मंडी में इस बार कारोबार नहीं हो पाएगा.

15 दिन में बाद चेरी का सीजन शुरू

ऐसे में इस बार बागवानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 15 दिन में बाद चेरी का सीजन शुरू होने वाला है और 75 फीसदी चेरी भट्ठाकुफर मंडी में बिकती है और करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन इस साल मंडी बंद होने के कारण चेरी के कारोबार पर संकट के बादल घिर आए हैं.

वीडियो.

मंडी से मलबा हटाने की मिली अनुमति

डीसी शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि एपीएमसी द्वारा मंडी से मलबा हटाने की अनुमति मांगी गई थी. उन्हें मलबा हटाने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन उन्हें सॉयल टेस्टिंग करवाने को कहा गया ताकि वहां पर किसी तरह का दोबारा से भूस्खलन होने का खतरा तो नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि ऐसी कोई संभावना होती है, तो वहां पर कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

20 जुलाई 2020 को हुआ था हादसा

बता दें कि बीते साल 20 जुलाई 2020 को सेब सीजन के दौरान मंडी भूस्खलन की चपेट में आ गई थी. काफी मलबा ऑक्शन प्लेटफॉर्म में मलबा घुस गया था और काफी नुकसान भी हुआ था. जिसके बाद प्रशासन ने एहतियातन मंडी को बंद करवा दिया.

पढ़ें: हिमाचल में 17 मई तक स्थगित की गई बोर्ड परीक्षाएं, यूजी एग्जाम भी पोस्टपोन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.