शिमला: भट्ठाकुफर फल मंडी की अब सॉयल टेस्टिंग की जाएगी. उसके बाद ही इस सीजन में मंडी में कारोबार शुरू किया हो सकेगा. जिला प्रशासन ने एपीएमसी को मंडी में पड़े मलबे को हटाने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन सॉयल टेस्टिंग करवाने के निर्देश जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने दिए हैं. ऐसे में मार्केटिंग बोर्ड विशेषज्ञों से इस मिट्टी की जांच करवानी होगी. यदि यहां पर भूस्खलन होने की संभावना होगी तो, मंडी में इस बार कारोबार नहीं हो पाएगा.
15 दिन में बाद चेरी का सीजन शुरू
ऐसे में इस बार बागवानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 15 दिन में बाद चेरी का सीजन शुरू होने वाला है और 75 फीसदी चेरी भट्ठाकुफर मंडी में बिकती है और करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन इस साल मंडी बंद होने के कारण चेरी के कारोबार पर संकट के बादल घिर आए हैं.
मंडी से मलबा हटाने की मिली अनुमति
डीसी शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि एपीएमसी द्वारा मंडी से मलबा हटाने की अनुमति मांगी गई थी. उन्हें मलबा हटाने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन उन्हें सॉयल टेस्टिंग करवाने को कहा गया ताकि वहां पर किसी तरह का दोबारा से भूस्खलन होने का खतरा तो नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि ऐसी कोई संभावना होती है, तो वहां पर कारोबार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
20 जुलाई 2020 को हुआ था हादसा
बता दें कि बीते साल 20 जुलाई 2020 को सेब सीजन के दौरान मंडी भूस्खलन की चपेट में आ गई थी. काफी मलबा ऑक्शन प्लेटफॉर्म में मलबा घुस गया था और काफी नुकसान भी हुआ था. जिसके बाद प्रशासन ने एहतियातन मंडी को बंद करवा दिया.
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