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जरा सी आहट से जाग जाता है ये परिवार, यहां सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है सरकारी योजनाएं - दिव्यांग बेटी

ठियोग के तहत क्यार पंचायत का एक ऐसा मामला है जहां एक दलित परिवार जरा सी आहट से जाग जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस घर में ये परिवार रहने को मजबूर है उसके इतने बुरे हालात है कि जरा सी बारिश या आंधी से ये घर कभी भी तहस-नहस हो सकता है. क्यार पंचायत के वीरगढ़ के इस परिवार के घर की हालत बेहद खस्ताहाल है. इस बदहाल मकान में हरदम मौत का साया मंडराया रहता है.

dalit poor woman of Thiyog
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Published : Jul 27, 2019, 3:14 PM IST

Updated : Jul 27, 2019, 11:00 PM IST

शिमलाः देवभूमि हिमाचल में आज भी कई ऐसे परिवार हैं जो बेहद गरीबी के साए में जीने को मजबूर हैं. प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार हमेशा से ही गरीबों को मकान देने की बात करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन बातों का कितना असर होता है ये ईटीवी भारत हमेशा से ही आप लोगों तक पहुंचाता रहा है.

not get any government benefits
गरीब परिवार का घर.

ठियोग के अंतर्गत क्यार पंचायत की सत्या देवी की गरीबी की खबर ईटीवी भारत हिमाचल ने प्रमुखता से उठाई तो सरकार की नींद खुली और इस विधवा के हालात का जयराम सरकार ने संज्ञान लिया और तुरंत एक लाख की राशि प्रदान की, साथ ही संबंधित अधिकारियों को महिला की सहायता के आदेश भी दिए.

अब इसी पंचायत का एक ऐसा ही मामला सामने आया है. क्यार पंचायत के वीरगढ़ का एक दलित परिवार केशव राम और महिला रीता देवी के घर की हालत बेहद खस्ताहाल है. इस बदहाल मकान में हरदम मौत का साया मंडराता रहता है.

परिवार में पति-पत्नी और तीन बच्चे रहते हैं. ये परिवार पिछले कई सालों से दूसरों के घर मे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है. इनके पास अपना कोई घर नहीं है, जो था वो कब का टूट गया और अब तो दूसरों के घर मे भी टूटी छत के निचे डर के साये में जी रहे हैं.

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गरीब परिवार का घर.

हालात ऐसे हैं कि बारिश का सारा पानी घर मे घुस जाता है, जिससे घर का सारा सामान भीग जाता है और पूरा परिवार एक कोने में दुबक कर डर के साये में रात बिताता है. बारिश के पानी को रोकने के लिए घर के बर्तन जगह-जगह भरने ओर खाली करने पड़ते हैं.

रीता देवी ने बताया कि उसने अपने मकान ओर तमाम सरकारी सुविधाओं के लिए कई बार पंचायतों के चक्कर काट लिए, लेकिन आज तक कोई भी सरकारी सुविधा देने में पंचायत फिसड्डी साबित हुई. न पहले किसी पंचायत प्रतिनिधि ने इस गरीब महिला की सहायता की ओर न अभी उसे कोई सरकारी सहायता मिली है.

पूरा परिवार खुले में शौच करने को मजबूर है. हमने जब पीड़ित महिला से पूछा कि क्या आप किसी तरह का पशुपालन भी करते हैं तो महिला ने कहा कि खुद के रहने के लिए जगह नहीं है, तो फिर पशुपालन कैसे होगा.

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रीता देवी, पीड़ित महिला

रीता देवी ने कहा कि उनके पति मानसिक रूप से बीमार है जो कभी कभार घर आते है. उन्हें ये भी याद नहीं रहता कि उनका कोई परिवार भी है. रीता देवी की एक दिव्यांग बेटी भी हैं, जैसे-कैसे मजदूरी कर अपना घर चलाने को मजबूर रीता देवी ने सरकार से मांग करती है कि उन्हें घर बनाने के लिये सहायता दी जाए.

पिछड़े ओर दलितों के लिए दी जा रही सरकारी सुविधाओं से वंचित रीता देवी को उनके रिश्तेदार सहारा दे रहें हैं. उनकी बहन का कहना है कि कई बार मेरी बहन पंचायतो के चक्कर काट चुकी है, लेकिन कोई उनकी सहायता नहीं करता.

लगभग दस साल पहले 10 हजार की राशि किसी माध्यम से मिली थी जिससे घर के छत के लिए चादरें लाई गई, लेकिन वो मकान भी बारिश को सह नहीं पाया. क्यार पंचायत में मकानों की इस दुर्दशा ओर सरकारी सुविधाओं से वंचित रहने को लेकर इस बार क्यार की प्रधान सुशीला शर्मा ने माना कि उनकी पंचयात में 10 से 12 मकानों की हालत खस्ता है.

उन्होंने कहा कि केशव राम और रीता देवी के मकान की हालत बहुत दयनीय है, लेकिन वे सिर्फ सरकार से सिफारिश कर सकती है कि इन मामलों को लेकर जल्द कोई कार्रवाई हो, जिससे ऐसे लोगों के मकान जल्द बन सके.

जरा सी आहट से जाग जाता है ये परिवार

रीता देवी के मामले को लेकर जब ईटीवी भारत हिमाचल की टीम ठियोग उपमंडल के नए-नवेले एसडीएम कृष्ण कांत शर्मा के पास पहुंची तो उन्होंने बताया कि हमने अधिकारियों को बुलाकर इस मामले पर जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि वे दो दिन के अंदर इस महिला को घर के लिए तिरपाल दे देंगे और मोके पर अपनी टीम को भेजकर जो भी इस महिला के लिए सहायता की जरुरत होगी, वो की जाएगी.

बता दे कि क्यार पंचायत में अभी भी कई ऐसे मकान है जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान अभी तक आवंटित नहीं हुए हैं. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा होता है कि जिन लोगों को इस पंचायत में मकान मिले हैं वो इसके सही हकदार थे या नहीं.

पढ़ेंः Ex CM धूमल ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर दी बधाई

शिमलाः देवभूमि हिमाचल में आज भी कई ऐसे परिवार हैं जो बेहद गरीबी के साए में जीने को मजबूर हैं. प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार हमेशा से ही गरीबों को मकान देने की बात करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन बातों का कितना असर होता है ये ईटीवी भारत हमेशा से ही आप लोगों तक पहुंचाता रहा है.

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गरीब परिवार का घर.

ठियोग के अंतर्गत क्यार पंचायत की सत्या देवी की गरीबी की खबर ईटीवी भारत हिमाचल ने प्रमुखता से उठाई तो सरकार की नींद खुली और इस विधवा के हालात का जयराम सरकार ने संज्ञान लिया और तुरंत एक लाख की राशि प्रदान की, साथ ही संबंधित अधिकारियों को महिला की सहायता के आदेश भी दिए.

अब इसी पंचायत का एक ऐसा ही मामला सामने आया है. क्यार पंचायत के वीरगढ़ का एक दलित परिवार केशव राम और महिला रीता देवी के घर की हालत बेहद खस्ताहाल है. इस बदहाल मकान में हरदम मौत का साया मंडराता रहता है.

परिवार में पति-पत्नी और तीन बच्चे रहते हैं. ये परिवार पिछले कई सालों से दूसरों के घर मे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है. इनके पास अपना कोई घर नहीं है, जो था वो कब का टूट गया और अब तो दूसरों के घर मे भी टूटी छत के निचे डर के साये में जी रहे हैं.

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गरीब परिवार का घर.

हालात ऐसे हैं कि बारिश का सारा पानी घर मे घुस जाता है, जिससे घर का सारा सामान भीग जाता है और पूरा परिवार एक कोने में दुबक कर डर के साये में रात बिताता है. बारिश के पानी को रोकने के लिए घर के बर्तन जगह-जगह भरने ओर खाली करने पड़ते हैं.

रीता देवी ने बताया कि उसने अपने मकान ओर तमाम सरकारी सुविधाओं के लिए कई बार पंचायतों के चक्कर काट लिए, लेकिन आज तक कोई भी सरकारी सुविधा देने में पंचायत फिसड्डी साबित हुई. न पहले किसी पंचायत प्रतिनिधि ने इस गरीब महिला की सहायता की ओर न अभी उसे कोई सरकारी सहायता मिली है.

पूरा परिवार खुले में शौच करने को मजबूर है. हमने जब पीड़ित महिला से पूछा कि क्या आप किसी तरह का पशुपालन भी करते हैं तो महिला ने कहा कि खुद के रहने के लिए जगह नहीं है, तो फिर पशुपालन कैसे होगा.

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रीता देवी, पीड़ित महिला

रीता देवी ने कहा कि उनके पति मानसिक रूप से बीमार है जो कभी कभार घर आते है. उन्हें ये भी याद नहीं रहता कि उनका कोई परिवार भी है. रीता देवी की एक दिव्यांग बेटी भी हैं, जैसे-कैसे मजदूरी कर अपना घर चलाने को मजबूर रीता देवी ने सरकार से मांग करती है कि उन्हें घर बनाने के लिये सहायता दी जाए.

पिछड़े ओर दलितों के लिए दी जा रही सरकारी सुविधाओं से वंचित रीता देवी को उनके रिश्तेदार सहारा दे रहें हैं. उनकी बहन का कहना है कि कई बार मेरी बहन पंचायतो के चक्कर काट चुकी है, लेकिन कोई उनकी सहायता नहीं करता.

लगभग दस साल पहले 10 हजार की राशि किसी माध्यम से मिली थी जिससे घर के छत के लिए चादरें लाई गई, लेकिन वो मकान भी बारिश को सह नहीं पाया. क्यार पंचायत में मकानों की इस दुर्दशा ओर सरकारी सुविधाओं से वंचित रहने को लेकर इस बार क्यार की प्रधान सुशीला शर्मा ने माना कि उनकी पंचयात में 10 से 12 मकानों की हालत खस्ता है.

उन्होंने कहा कि केशव राम और रीता देवी के मकान की हालत बहुत दयनीय है, लेकिन वे सिर्फ सरकार से सिफारिश कर सकती है कि इन मामलों को लेकर जल्द कोई कार्रवाई हो, जिससे ऐसे लोगों के मकान जल्द बन सके.

जरा सी आहट से जाग जाता है ये परिवार

रीता देवी के मामले को लेकर जब ईटीवी भारत हिमाचल की टीम ठियोग उपमंडल के नए-नवेले एसडीएम कृष्ण कांत शर्मा के पास पहुंची तो उन्होंने बताया कि हमने अधिकारियों को बुलाकर इस मामले पर जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि वे दो दिन के अंदर इस महिला को घर के लिए तिरपाल दे देंगे और मोके पर अपनी टीम को भेजकर जो भी इस महिला के लिए सहायता की जरुरत होगी, वो की जाएगी.

बता दे कि क्यार पंचायत में अभी भी कई ऐसे मकान है जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान अभी तक आवंटित नहीं हुए हैं. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा होता है कि जिन लोगों को इस पंचायत में मकान मिले हैं वो इसके सही हकदार थे या नहीं.

पढ़ेंः Ex CM धूमल ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर दी बधाई

Intro:ठियोग की क्यार पंचायत में मौत के साये में जीने को मजबूर कई परिवार। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नही मिले पाए घर।एक दलित परिवार दूसरों के घर मे काट रहा जिंदगी जिसकी हालत खस्ता कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा।परिवार ने लगाई सरकार से मदद की गुहार।एसडीएम ठियोग का बयान जल्द होगी परिवार की मदद।
Body:
17 वी लोकसभा चुनाव में हुई भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले ही सम्बोधन में कहा था कि इस देश मे अब सिर्फ दो ही मुद्दे रह गए और केवल दो ही जातियों के लोग है।एक जो गरीब परिवार है जो गरीबी से बाहर निकलना चाहते है और दूसरा वो जाती जो इन गरीबों को मदद कर बाहर निकालना चाहते है।

(यदि सम्भव हो सके तो पहले ये चला दे /
प्रधानमंत्री का भाषण जीत के बाद कार्यकर्ता को सम्बोधित करते हुए जिसमे पहले अमित शाह ने बोला फिर मोदी ने जिसमे ये जिक्र किया है)
तो गौर से देख लीजिए माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी और आप भी देख लीजिए लोकप्रिय मुख्यमंत्री जयराम जी इस देश से गरीबी हटानी है तो हमे इन तस्वीरों को दबलाना होगा जो बेबसी के आगे घुटनों के बल गिर रहे है।जंहा एक ओर देश मे अच्छी बारिश के दुआ की जा रही है वन्ही ठियोग में एक ऐसा भी घर है जो सोचता है कि हे भगवान बारिश न हो बारिश आएगी तो आफत आएगी। जी हाँ ठियोग के अंतर्गत आने वाली क्यार पंचायत का एक वो मामला अभी आपके जहन से उतरा भी नही होगा जिसमें एक हमारी खबर के बाद विधवा महिला सत्या देवी की बेबसी और व्यथा पर खुद मुख्यमंत्री जयराम सरकार ने संज्ञान लिया और 1 लाख की राशि प्रदान की ओर तुरंत अधिकारियों ने इस महिला की सहायता की।
लेकिन इस मामले के बाद अब इसी पंचायत के वीरगढ़ की एक ओर दलित परिवार केशव राम और महिला रीता देवी के घर की हालत देख हम भी हैरान रह गए कि कैसे रात के साये में जागकर एक माँ अपने बच्चों को सुलाती जिसमें हरदम मौत का साया बना रहता है।ये महिला अपने पति और तीन बच्चों के साथ पिछले कई सालों से दूसरों के घर मे अपना जीवन व्यतीत कर रही है।क्योंकि अपना कोई घर नही जो बनाया था वो कब का टूट गया और अब तो दूसरों के घर मे भी टूटी छत के निचे डर के साये में जी रही है।बारिश का सारा पानी अंदर घर मे घुस जाता है जिससे सारा सामान भीग जाता है और पूरा परिवार एक कोने में दुबक कर डर के साये में रात बिताता है।रात ओर दिन उस बारिश के पानी को रोकने के लिए घर के बर्तन जगह जगह भरने ओर खाली करने पड़ते है।आप भी देखिए ओर सुनिए रीता देवी की व्यथा।

बाईट,,, रीता देवी
गरीब दलित महिला

रीता देवी का कहना है कि उसने अपने मकान ओर तमाम सरकारी सुविधाओं के लिए कई बार पंचायतों के चक्कर काट लिए लिए लेकिन आज तक कोई भी सरकारी सुविधा देने में पंचायत फिसड्डी साबित हुई। न पहले किसी पंचायत प्रतिनिधि ने इस गरीब महिला की सहायता की ओर न अभी उसे कोई सरकारी सहायता मिली है मिला है तो सिर्फ खोखला आश्वासन जो इस खोखले घर मे नही टिक पा रहा।महिलाएं और बच्चों को खुले में शौच करने जाना पड़ता है।खुद के रहने के लिए जगह नही है तो फिर पशुपालन कैसे होगा।रीता देवी का कहना है कि उनके पति मानसिक रूप से बीमार है जो कभी कभार घर आते है।जिन्हें ये भी याद नही रहता कि उनका भी कोई परिवार है यही नही रीता देवी के एक दिव्यांग बेटी भी हैं जिसे वो शिमला में पढ़ रही जैसे कैसे मजदूरी कर अपना घर चलाने पड़ता है।रीता देवी ने सरकार से मांग की है कि उन्हें घर बनाने के लिये सहायता दी जाए जिससे भरी बरसात में किसी की जान न जाये।उन्होंने कहा कि किसान को दी जा रही 2 हजार की राशी भी उन्हें अभी तक नही मिली।

बाईट,,, रीता देवी
पीड़ित दलित महिला

पिछड़े ओर दलितों के लिए दी जा रही सरकारी सुविधाओं से वंचित रीता देवी को उनके रिश्तेदार सहारा दे रहे है उनकी बहन का कहना है कि कई बार मेरी बहन पंचायतो के चक्कर काट चुकी है लेकिन कोई उनकी सहायता नहीं कर रहा।लगभग दस साल पहले 10 हजार की राशि किसी माध्यम से मिली थी जिससे घर के छत के लिए चादरें लाई थी लेकिन वो मकान भी बारिश को बर्दाश्त नही कर सका बस एक साल में टूट गया जिसमें परिवार मरते मरते बच गया।ओर तब से दूसरों के घरों में रहना पड़ रहा है।

बाईट,, रिश्तेदार महिला

क्यार पंचायत में मकानों की इस दुर्दशा ओर सरकारी सुविधाओं से वंचित रहने को लेकर इस बार क्यार की प्रधान सुशीला शर्मा ने माना कि उनकी पंचयात में 10 से 12 मकानों की हालत खस्ता है।उन्होंने कहा कि सत्या देवी के मकान को भी उन्होंने सरकार के पास भेजा था लेकिन अभी तक कुछ नही हूआ। उन्होंने कहा की केशव राम और रीता देवी के मकान की हालत बहुत दयनीय है।लेकिन वे सिर्फ सरकार से सिफारिश कर सकती है की इन मामलों को लेकर जल्द कोई कार्रवाई हो जिससे ऐसे लोगों के मकान जल्द बन सके।

बाईट,,, सुशीला शर्मा
प्रधान क्यार पंचायत

रीता देवी के मामले को लेकर हमने सीधा ठियोग उपमण्डल के नए एसडीएम कृष्ण कांत शर्मा से बातचीत की ओर उन्होंने तुरंत अपने अधिकारियों को बुलाकर इस मामले पर जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि वे दो दिन के अंदर इस महिला को घर के लिए तिरपाल दे देंगे और मोके पर अपनी टीम को भेजकर जो भी इस महिला के लिए सहायता की जरुरत होगी वो की जाएगी।

बाईट,,, कृष्ण कांत शर्मा
एसडीएम ठियोग
Conclusion:
आपको बता दे कि क्यार पंचायत में अभी भी कई और ऐसे मकान है जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान अभी तक आबंटित नही हुए है।जिससे सवाल ये भी खड़ा होता है कि जिन लोगों को इस पंचायत में मकान मीले है क्या वे इसके सही हकदार थे ओर इससे भी बुरे हालात में जीवन यापन कर रहे थे।या पंचायत ने इन गरीब लोगों को अनदेखा कर चहेतों को मकान दिलाए ये जरूर एक जांच का विषय बनकर रह गया है।
Last Updated : Jul 27, 2019, 11:00 PM IST
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