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लॉकडाउन में बढ़ा साइबर क्राइम, हिमाचल में ऑनलाइन ठगी के 700 मामले दर्ज - सोशल मीडिया पर ठगी

लॉकडाउन में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हिमाचल में बीते जनवरी महीने से अब तक 700 मामले साइबर क्राइम के तहत दर्ज किए गए हैं, जिनमें 300 मामले विभिन्न तरह की फाइनेंशियल ठगी के हैं. वहीं, करीब 350 मामले सोशल मीडिया पर ठगी के दर्ज किए गए हैं.

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Published : May 31, 2020, 3:39 PM IST

शिमला: करीब ढाई महीने से कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में जहां एक ओर ओवरऑल क्राइम रेट में कमी आई है. वहीं, दूसरी ओर साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं. सोशल मीडिया पर आईडी हैक कर पैसे ठगने के मामलों में इस दौरान सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

हिमाचल में इस साल अब तक 700 सायबर क्राइम के मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें 300 मामले विभिन्न तरह की फाइनेंशियल ठगी के हैं. वहीं, करीब 350 मामले सोशल मीडिया पर ठगी के दर्ज किए गए हैं. इनमें अधिकतर शिकायतें लॉकडाउन के दौरान दर्ज की गई हैं. लॉकडाउन के दौरान हिमाचल में 3 मामले गाड़ियों को सस्ते दाम में बेचने के आए थे. जिसमें दो लोगों के साथ डेढ़ लाख और 50 हजार रुपये की ठगी हुई.

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लॉकडाउन में क्यों बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले

कोरोना महामारी में हाइजीन के मानकों का ध्यान रखते हुए अधिकतर लोगों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑनलाइन पैसों का लेन-देन किया. ऐसे में हैकर्स के निशाने पर कई लोग आए जिन्होंने पैसों के लेन-देन के दौरान लापरवाही बरती. वहीं, कुछ लोगों के पासवर्ड को भी हैक किया गया.

पढ़ें: COVID-19: कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 317 पहुंची, 109 हुए स्वस्थ

हैकर्स के निशाने पर बेरोजगार युवा

भारत में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न सेक्टर्स में आई मंदी से लाखों लोगों को अपनी जॉब्स से हाथ धोना पड़ा है, जिनमें युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे में हैकर्स नौकरी के इच्छुक युवाओं की डिटेल हासिल कर उन्हें नौकरी देने का झांसा देकर पैसे की ठगी कर रहे हैं. कुछ शातिर युवाओं को विदेशों में नौकरी देने की एवज में मोटी रकम वसूल चुके हैं.

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सोशल मीडिया पर बढ़ते ठगी के मामले

इन दिनों सोशल मीडिया पर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. इनमें फेसबुक आईडी हैक कर व्यक्ति के जानने वालों से पैसे मांगना आम है. वहीं, मेल के जरिए भी शातिर लोगों को लुभावने ऑफर देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं. इस तरह के मामलों में जागरूक और एहतियात बरतने से बचा जा सकता है.

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कोविड-19 फंड और बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी

लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 फंड और बीमा पॉलिसी को लेकर ठगी के मामले सामने आए. शातिरों ने ऑनलाइन कोविड-19 फंड की एवज में लोगों को ठगा. वहीं, कोरोना महामारी के चलते लुभावनी इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर भी शातिरों ने लोगों से ठगी की.

इस तरह से साइबर क्राइम से हो सकता बचाव

हिमाचल प्रदेश सायबर क्राइम विभाग के एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि कुछ बातों का ध्यान रखकर साइबर क्राइम से बचा जा सकता है, जिसमें समय-समय पर सोशल मीडिया आईडी का पासवर्ड बदलते रहना चाहिए. वहीं, पासवर्ड में कभी भी मोबाइल नंबर को नहीं रखना चाहिए. ज्यादातर मोबाइल नंबर वाले पासवर्ड ही हैक होते हैं. वहीं, लुभावने ऑफर्स को इग्नोर करना चाहिए और अगर जरूरी हो तो बिना कोई प्रतिक्रिया करते हुए इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाने में दर्ज करवानी चाहिए. वहीं, किसी भी व्यक्ति के साथ अपनी बैंक डिटेल सांझी नहीं करनी चाहिए.

पढ़ें: विश्व तंबाकू निषेध दिवस : धूम्रपान करने वालों के लिए कोरोना अधिक घातक

शिमला: करीब ढाई महीने से कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में जहां एक ओर ओवरऑल क्राइम रेट में कमी आई है. वहीं, दूसरी ओर साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं. सोशल मीडिया पर आईडी हैक कर पैसे ठगने के मामलों में इस दौरान सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

हिमाचल में इस साल अब तक 700 सायबर क्राइम के मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें 300 मामले विभिन्न तरह की फाइनेंशियल ठगी के हैं. वहीं, करीब 350 मामले सोशल मीडिया पर ठगी के दर्ज किए गए हैं. इनमें अधिकतर शिकायतें लॉकडाउन के दौरान दर्ज की गई हैं. लॉकडाउन के दौरान हिमाचल में 3 मामले गाड़ियों को सस्ते दाम में बेचने के आए थे. जिसमें दो लोगों के साथ डेढ़ लाख और 50 हजार रुपये की ठगी हुई.

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लॉकडाउन में क्यों बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले

कोरोना महामारी में हाइजीन के मानकों का ध्यान रखते हुए अधिकतर लोगों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑनलाइन पैसों का लेन-देन किया. ऐसे में हैकर्स के निशाने पर कई लोग आए जिन्होंने पैसों के लेन-देन के दौरान लापरवाही बरती. वहीं, कुछ लोगों के पासवर्ड को भी हैक किया गया.

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हैकर्स के निशाने पर बेरोजगार युवा

भारत में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न सेक्टर्स में आई मंदी से लाखों लोगों को अपनी जॉब्स से हाथ धोना पड़ा है, जिनमें युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे में हैकर्स नौकरी के इच्छुक युवाओं की डिटेल हासिल कर उन्हें नौकरी देने का झांसा देकर पैसे की ठगी कर रहे हैं. कुछ शातिर युवाओं को विदेशों में नौकरी देने की एवज में मोटी रकम वसूल चुके हैं.

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सोशल मीडिया पर बढ़ते ठगी के मामले

इन दिनों सोशल मीडिया पर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. इनमें फेसबुक आईडी हैक कर व्यक्ति के जानने वालों से पैसे मांगना आम है. वहीं, मेल के जरिए भी शातिर लोगों को लुभावने ऑफर देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं. इस तरह के मामलों में जागरूक और एहतियात बरतने से बचा जा सकता है.

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कोविड-19 फंड और बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगी

लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 फंड और बीमा पॉलिसी को लेकर ठगी के मामले सामने आए. शातिरों ने ऑनलाइन कोविड-19 फंड की एवज में लोगों को ठगा. वहीं, कोरोना महामारी के चलते लुभावनी इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर भी शातिरों ने लोगों से ठगी की.

इस तरह से साइबर क्राइम से हो सकता बचाव

हिमाचल प्रदेश सायबर क्राइम विभाग के एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि कुछ बातों का ध्यान रखकर साइबर क्राइम से बचा जा सकता है, जिसमें समय-समय पर सोशल मीडिया आईडी का पासवर्ड बदलते रहना चाहिए. वहीं, पासवर्ड में कभी भी मोबाइल नंबर को नहीं रखना चाहिए. ज्यादातर मोबाइल नंबर वाले पासवर्ड ही हैक होते हैं. वहीं, लुभावने ऑफर्स को इग्नोर करना चाहिए और अगर जरूरी हो तो बिना कोई प्रतिक्रिया करते हुए इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाने में दर्ज करवानी चाहिए. वहीं, किसी भी व्यक्ति के साथ अपनी बैंक डिटेल सांझी नहीं करनी चाहिए.

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