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शिमला में ऐतिहासिक ठोडो डांस के मुरीद हुए पर्यटक, महाभारत युद्ध से संबधित है ये नृत्य - ठियोग के पूर्व विधायक राकेश वर्मा

ठोडो नृत्य महाभारत युद्ध से सम्बंधित है. यह युद्ध पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ खेला जाता था. यह पारम्परिक खेल मतियाना छात्र संघ आज भी संजोय हुए हैं. पुराने समय मे ठोडो नृत्य लोगों के मनोरंजन का मुख्य आकर्षण होता था.

शिमला में ऐतिहासिक ठोडो डांस की न्यूज, News of historical dance dance in Shimla
ठोडो डांस प्रस्तुत करते हुए प्रतिभागी
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Published : Dec 29, 2019, 7:37 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में रविवार को मतियाना छात्र संघ की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम डांगरु का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में ऐतिहासिक कौरव पांडवों की युद्ध को दर्शाता ठोडो डांस प्रस्तुत किया गया. जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी भारी संख्या में मौजूद रहे.

ठोडो नृत्य महाभारत युद्ध से सम्बंधित है. यह युद्ध पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ खेला जाता था. यह पारम्परिक खेल मतियाना छात्र संघ आज भी संजोय हुए हैं. पुराने समय मे ठोडो नृत्य लोगों के मनोरंजन का मुख्य आकर्षण होता था जो अब अपनी पहचान धीरे-धीरे खोता जा रहा है, लेकिन मतियाना छात्र संघ द्वारा अपने गेट टू गेदर में आयोजित इस नृत्य को देखने भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. इस अवसर पर कई अन्य सांस्कृतिक कायर्क्रम भी आयोजित किए गए.

वीडियो.

कार्यक्रम की शुरुआत ठियोग के पूर्व विधायक राकेश वर्मा ने की. जिसके बाद छात्रों ने सरस्वती वंदना की. इस मौके पर राकेश वर्मा ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी नशे में फंसती जा रही है और अपनी संस्कृति को भूलती जा रही है. जिससे हमारी परंपरा खत्म हो रही है. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी नशे से दूर रहकर अपने भविष्य का बेहतर निर्माण करें और अपनी परम्परा अपनी सभ्यता को भी जीवित रखें.

ये भी पढ़ें- पूर्व CPS सोहनलाल ठाकुर ने बीजेपी पर बोला जुबानी हमला, कहा- जयराम सरकार ने नाकामियों में बिताए 2 वर्ष

शिमला: राजधानी शिमला में रविवार को मतियाना छात्र संघ की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम डांगरु का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में ऐतिहासिक कौरव पांडवों की युद्ध को दर्शाता ठोडो डांस प्रस्तुत किया गया. जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी भारी संख्या में मौजूद रहे.

ठोडो नृत्य महाभारत युद्ध से सम्बंधित है. यह युद्ध पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ खेला जाता था. यह पारम्परिक खेल मतियाना छात्र संघ आज भी संजोय हुए हैं. पुराने समय मे ठोडो नृत्य लोगों के मनोरंजन का मुख्य आकर्षण होता था जो अब अपनी पहचान धीरे-धीरे खोता जा रहा है, लेकिन मतियाना छात्र संघ द्वारा अपने गेट टू गेदर में आयोजित इस नृत्य को देखने भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. इस अवसर पर कई अन्य सांस्कृतिक कायर्क्रम भी आयोजित किए गए.

वीडियो.

कार्यक्रम की शुरुआत ठियोग के पूर्व विधायक राकेश वर्मा ने की. जिसके बाद छात्रों ने सरस्वती वंदना की. इस मौके पर राकेश वर्मा ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी नशे में फंसती जा रही है और अपनी संस्कृति को भूलती जा रही है. जिससे हमारी परंपरा खत्म हो रही है. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी नशे से दूर रहकर अपने भविष्य का बेहतर निर्माण करें और अपनी परम्परा अपनी सभ्यता को भी जीवित रखें.

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Intro:शिमला में ऐतिहासिक ठोड़ो डांस के मुरीद हुए पर्यटक व शिमलवासी।
शिमला।
राजधानी में रविवार को मतियाना छात्र संघ की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम डांगरु का आयोजन किया गया।।
कार्यक्रम में ऐतिहासिक कौरव पांडवों की युध्द को दर्शाता ठोड़ो डांस प्रस्तुत किया गया। जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगो समेत दर्शक भी भारी संख्या में।मौजूद रहे।



Body:ठोड़ो नृत्य हिमाचल का बहुत पुराना खेल है ।यह खेल महाभारत युध्द से सम्बंधित है। यह युध्द पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ खेला जाता है। यह पारम्परिक खेल मतियाना छात्र संघ आज भी संजोय हुए है।
पुराने समय मे ठोड़ो नृत्य लोगो के मनोरंजन का मुख्य आकर्षण होता था जो अब अपनी पहचान धीरे धीरे खोता जा रहा है। लेकिन मतियाना छात्र संघ द्वारा अपने गेट टू गेदर में आयोजित इस नृत्य को देखने भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यमम में कई अन्य सांस्कृतिक कायर्क्रम भी आयोजित किये गए।


Conclusion:कार्यक्रम कि शुरुआत ठियोग के पूर्व विधायक राकेश वर्मा ने की ।उसके।बाद छात्रों ने सरस्वती वंदना से कार्यकम की शुरुआत की
राकेश वर्मा ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी नशे में फसती जा रही है और अपनी संस्कृति को भूलती जा रही है ।जिससे हमारी परंपरा खत्म होती जा रही है ।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी नशे से दूर रहकर अपने भविष्य का बेहतर निर्माण करे और अपनी परम्परा अपनी सभ्यता को भी जीवितं रखे।
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