शिमला: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा नई पंचायतों के गठन के लिए गैर-जनजातीय क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों के लिए मापदंड मंजूर कर दिए हैं. मंत्रिमंडल की 11 अगस्त, 2020 को आयोजित बैठक में मापदंड तय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया था.
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि गैर-जनजातीय क्षेत्रों के लिए अनुमोदित मापदंडों के अनुसार उन ग्राम पंचायतों से नई पंचायतों का गठन किया जाएगा, जिनकी 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 2000 या उससे से अधिक है. साथ ही परिवारों की संख्या 500 या उससे अधिक, ग्राम पंचायत के वर्तमान मुख्यालय से सबसे दूर वाले गांव की दूरी 5 किमी या उससे अधिक, गांव की संख्या पांच और उससे अधिक है.
इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत और नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के बाद न्यूनतम 600 होनी चाहिए. यह मापदंड पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी लागू होगा. इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों की उन ग्राम पंचायतों में से नई पंचायतें बनाई जाएगी, जिनकी जनसंख्या 750 और उससे अधिक है. इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत और नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 300 होनी चाहिए.
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि विभाग में अब तक प्राप्त 487 से अधिक प्रस्तावनाओं का उक्त मापदंडों के अनुसार परिक्षण किया जा रहा है, जो 230 पंचायतें उक्त मापदंडों को पूर्ण करेगी उनके गठन की सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की जा रही है.
अधिसूचना पर संबंधित ग्रामसभा के सदस्य सात दिनों के भीतर अपनी आपत्तियां संबंधित उपायुक्तों के समक्ष दर्ज करवा सकते हैं. प्राप्त आपत्तियों पर उपायुक्त तीन दिनों के भीतर फैसला लेकर जवाब देंगें, जिसके बाद सरकार द्वारा अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि 22 अगस्त, 2020 के बाद प्राप्त होने वाली किसी भी प्रस्तावना पर विचार नहीं करने का निर्णय लिया गया है.
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि अनुमोदित मापदंडों के अनुसार प्रदेश में 230 जिनमें जिला बिलासपुर में 14, चंबा में 18, हमीरपुर में नौ, लाहौल-स्पिति में चार, किन्नौर में सात, सोलन में 17, मंडी में 65, कांगड़ा में 33, शिमला में 35, ऊना में दो, कुल्लू में 28 और सिरमौर में आठ नई ग्राम पंचायतों का गठन प्रस्तावित हैं.
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