शिमला: सीपीआरआई शिमला ने एरोपोनिक विधि से आलू का बीज तैयार करना शुरू किया है. केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान इस नई विधि से बिना मिट्टी के आलू के पौधे लगा रहा है. इस एक पौधे में 60 से 70 आलू अलग-अलग ब्रीड के लगते हैं, जिससे किसानों को अलग-अलग किस्म के बीज मुहैया होंगे.
आलू अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.नरेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि अभी तक देश और प्रदेश में किसानों को उस मात्रा में ब्रीडर सीड नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में इस आवश्यकता को देखते हुए एरोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल ज्यादा संख्या में ब्रीडर सीड उगाने के लिए किया जा रहा है. इस तकनीक से उगने वाले आलुओं की खास बात यह है कि इसमें मिट्टी से जुड़े किसी भी वायरस के आने का खतरा नहीं है.
बता दें कि सीपीआरआई शिमला, मोदीपुर के साथ ही पटना, जालंधर और शिलांग में भी आलू बीज पैदा किया जा रहा है. जल्द ही इस तकनीक की ट्रेनिंग किसानों को भी दी जाएगी, जिससे वो खुद भी इस तकनीक से ब्रीडर सीड उगा सकें.
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जाने कैसे बढ़ेगी पैदावार
इस विधि में उगाए जाने वाले पौधे की जड़ों में आलू के बीज 60 से 70 की संख्या में लग रहे हैं. इस विधि से आलू के बीज काफी मात्रा में एक साथ तैयार किए जा रहे हैं. वहीं, किसानों को अलग-अलग ब्रीड के बीज इस तकनीक के माध्यम से मुहैया हो पा रहे हैं. किसान भी इन किस्मों के आलू के बीज लगाकर अपनी पैदावार को बढ़ा सकते हैं.