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नगर निगम के टेंडर्स का ठेकेदारों ने किया बहिष्कार, परफार्मेंस गारंटी न लगाए जाने की मांग

नगर निगम में ठेकेदारों ने नए टेंडरों का बहिष्कार किया है. ठेकेदार मांग कर रहे हैं कि नगर निगम की ओर से दस फीसदी परफार्मेंस गारंटी न लगाया जाए.

नगर निगम के टेंडर्स का ठेकेदारों ने किया बहिष्कार
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Published : Aug 5, 2019, 11:37 PM IST

शिमला: शिमला में नगर निगम के नए टेंडरों का ठेकेदारों ने बहिष्कार कर दिया है. नगर निगम विकास कार्यों के लिए टेंडर मांग रहा है. इसके लिए एक भी ठेकेदार ने आवेदन नहीं किया है. बता दें कि रास्तों, डंगों, ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े कार्यों के टेंडरों का ठेकेदार बहिष्कार कर चुके हैं.

सोमवार को निगम के ठेकेदारों ने बैठक कर टेंडरों का बहिष्कार जारी रखने का फैसला लिया. ठेकेदारों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, वह अपना बहिष्कार जारी रखेंगे. साथ ही नगर निगम से निकलने वाले किसी भी टेंडर के लिए आवेदन नहीं करेंगे.

ठेकेदार नगर निगम की ओर से दस फीसदी परफार्मेंस गारंटी लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं. नगर निगम ने यह शर्त इसलिए लगाई है ताकि शहर में ठेकेदारों की लापरवाही से कामों में देरी न हो. अब ठेकेदार दस फीसदी परफार्मेंस गारंटी लगाने का विरोध कर रहे हैं.

ठेकेदारों का कहना है कि पहले ही निगम जीएसटी नहीं जोड़ रहा है. साथ ही जो काम पूरे कर दिए जाते है उनकी पेमेंट भी समय पर नहीं दी जाती है. इससे उन्हें मजदूरों को पेमेंट देने में मुश्किल हो रही है. ठेकेदारों ने कहा कि अगर इनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो आने वाले समय मे सभी कार्यो को भी ठप्प कर दिया जाएगा.

वहीं, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि कई ठेकेदार समय पर काम पूरे नहीं कर रहे हैं. इससे जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसके लिए अब ठेकेदारों को कुल राशि का दस फीसदी हिस्सा पहले निगम के पास परफार्मेंस गारंटी के तौर पर रखना होगा. अगर काम समय पर पूरा हुआ तो निगम यह पैसा ठेकेदारों को देगा. काम पूरा न होने पर यह राशि जब्त हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: अनुच्छेद-370 पर केंद्र सरकार के फैसले के बीच क्यों चर्चा में है हिमाचल प्रदेश की धारा-118

शिमला: शिमला में नगर निगम के नए टेंडरों का ठेकेदारों ने बहिष्कार कर दिया है. नगर निगम विकास कार्यों के लिए टेंडर मांग रहा है. इसके लिए एक भी ठेकेदार ने आवेदन नहीं किया है. बता दें कि रास्तों, डंगों, ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े कार्यों के टेंडरों का ठेकेदार बहिष्कार कर चुके हैं.

सोमवार को निगम के ठेकेदारों ने बैठक कर टेंडरों का बहिष्कार जारी रखने का फैसला लिया. ठेकेदारों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, वह अपना बहिष्कार जारी रखेंगे. साथ ही नगर निगम से निकलने वाले किसी भी टेंडर के लिए आवेदन नहीं करेंगे.

ठेकेदार नगर निगम की ओर से दस फीसदी परफार्मेंस गारंटी लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं. नगर निगम ने यह शर्त इसलिए लगाई है ताकि शहर में ठेकेदारों की लापरवाही से कामों में देरी न हो. अब ठेकेदार दस फीसदी परफार्मेंस गारंटी लगाने का विरोध कर रहे हैं.

ठेकेदारों का कहना है कि पहले ही निगम जीएसटी नहीं जोड़ रहा है. साथ ही जो काम पूरे कर दिए जाते है उनकी पेमेंट भी समय पर नहीं दी जाती है. इससे उन्हें मजदूरों को पेमेंट देने में मुश्किल हो रही है. ठेकेदारों ने कहा कि अगर इनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो आने वाले समय मे सभी कार्यो को भी ठप्प कर दिया जाएगा.

वहीं, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि कई ठेकेदार समय पर काम पूरे नहीं कर रहे हैं. इससे जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसके लिए अब ठेकेदारों को कुल राशि का दस फीसदी हिस्सा पहले निगम के पास परफार्मेंस गारंटी के तौर पर रखना होगा. अगर काम समय पर पूरा हुआ तो निगम यह पैसा ठेकेदारों को देगा. काम पूरा न होने पर यह राशि जब्त हो जाएगी.

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Intro:
शिमला शहर में अब विकास कार्य ठप होने लगे हैं। नगर निगम में नए टेंडरों का ठेकेदारों ने बहिष्कार शुरू कर दिए हैं। नगर निगम द्वारा विकास कार्यों के टेंडर कॉल किए जा रहे लेकिन एक भी ठेकेदार ने आवेदन नहीं कर रहा। रास्तों, डंगों, ड्रेनेज सिस्टम आदि कार्यों से जुड़े कार्यो के टेंडरों का ठेकेदार बहिष्कार कर चुके है।
सोमवार को निगम के ठेकेदारों ने बैठक कर टेंडरों का बहिष्कार का फैसला जारी रखने का फैसला लिया। ठेकेदारों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती वह अपना बहिष्कार जारी रखेंगे। नगर निगम से निकलने वाले किसी भी टेंडर के लिए आवेदन नहीं करेंगे। Body:ठेकेदार नगर निगम की ओर से दस फीसदी परफार्मेंस गारंटी लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं। नगर निगम ने यह शर्त इसलिए लगाई है ताकि शहर में ठेकेदारों की लापरवाही से कामों में देरी न हो। लेकिन ये शर्त ठेकेदारों को रास नही आ रही है और इसका विरोध कर रहे है। उनका कहना है कि पहले ही निगम जीएसटी नही जोड़ रहा है और जो काम पूरे कर दिए जाते है उनकी पेमेंट भी समय पर नही दी जाती है जिससे उन्हें मजदूरों को पेमेंट देने में मुश्किल हो रही है। ठेकेदारों ने साफ साफ किया कि इनकी मांगे नही मानी जाती है तो आने वाले समय मे सभी कार्यो को भी ठप्प कर दिया जाएगा।

Conclusion:
नगर निगम प्रशासन का तर्क है कि कई ठेकेदार समय पर काम पूरे नहीं कर रहे हैं। इससे जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है। काम समय पर पूरा होगा, इसके लिए अब ठेकेदारों को कुल राशि का दस फीसदी हिस्सा पहले निगम के पास परफार्मेंस गारंटी के तौर पर रखना होगा। यदि काम समय पर पूरा हुुआ तो निगम यह पैसा जारी कर देगा। लेकिन काम पूरा न होने की स्थिति में यह राशि जब्त हो जाएगी।
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