शिमला: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में पीजी कोर्सेज में प्रवेश परीक्षाएं करवाने को लेकर के छात्र संगठन लगातार आंदोलनरत है और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से प्रवेश परीक्षाएं ना करवाने के फैसले को लेकर विरोध कर रहे हैं.
एनएसयूआई भी इस मांग को लेकर एचपीयू कैंपस में प्रदर्शन कर रही है. एनएसयूआई के इस प्रदर्शन के दौरान उनके कार्यकर्ताओं को पुलिस की बर्बरता का भी शिकार होना पड़ा है, लेकिन इसके बाद भी एचपीयू परिसर में उनका आंदोलन जारी है और अब उनके इस आंदोलन कांग्रेस ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य और कांग्रेस नेता हरीश जनारथा का समर्थन भी मिला है.
छात्रों की हित की मांगों को लेकर किए जा रहे एनएसयूआई के आज विश्वविद्यालय कैंपस में किए गए विरोध प्रदर्शन में शिमला ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य सिंह ओर कांग्रेस नेता हरीश जनारथा भी छात्रों का समर्थन करने पहुंचे.
इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि छात्रों के भविष्य का सवाल है. विश्वविद्यालय प्रशासन पर निशाना साधते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय आरएसएस का अड्डा बन कर रह गया है.
उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा है कि इससे पहले विश्वविद्यालय में योग्य व्यक्ति को कुलपति के पद पर बिठाया जाता था, लेकिन अब कुलपति नाभा से बनाए जा रहे हैं. विश्वविद्यालय को अशिक्षित लोग संचालित कर रहे हैं, जहां पर छात्र की मांगों को नहीं सुना जा रहा है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
छात्रों को संबोधित करने के बाद विक्रमादित्य सिंह विश्वविद्यालय कुलपति से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे लेकिन विश्वविद्यालय कुलपति ने मात्र तीन ही लोगों को कार्यालय के अंदर आने की अनुमति दी. ऐसे में एनएसयूआई के एचपीयू कैंपस अध्यक्ष को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई.
केवल ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य सिंह और नेता हरीश जनारथा ओर एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर ही कुलपति कार्यालय में गए और उन्होंने छात्रों की मांगों को लेकर कुलपति से बातचीत की. बातचीत के दौरान विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने विधायक विक्रमादित्य सिंह को आश्वासन दिया है कि वह छात्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए जल्दी कोई रास्ता निकालेंगे.
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