शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस विधायकों के साथ शिमला में बैठक की. बैठक के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि चंडीगढ़ और दिल्ली के हिमाचल भवन और सदन में विधायकों को प्राथमिकता नहीं मिलेगी. यानि विधायकों को वीआईपी सुविधा नहीं मिलेगी.
सीएम सुक्खू ने कहा कि चंडीगढ़ और दिल्ली के हिमाचल भवन में विधायकों से कम पैसे लिए जाते थे और आम नागरिकों से ज्यादा पैसे लिए जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इसके साथ ही सीएम सुक्खू ने कहा कि पहली हिमाचल कैबिनेट में ओपीएस को भी लागू किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ और दिल्ली स्थित हिमाचल भवन तथा हिमालच सदन में एक रात्रि ठहराव के लिए आम लोगों को 700 रुपये चुकाने होते हैं वहीं विधायकों के लिए यह किराया मात्र 200 रुपये था. लेकिन अब हिमाचल सरकार के फैसले के बाद विधायकों को भी 700 रुपये ही चुकाने होंगे. गौरतलब है कि ये किराया विधायकों को रिफंड भी नहीं होता, जबकि होटल में कमरा लेने पर एक तय रकम सरकार की ओर से विधायकों को रिफंड की जाती है. दरअसल विधायकों के अलावा उनके रिश्तेदार और कार्यकर्ता भी विधायक के नाम पर कमरे बुक करवाते हैं और इस छूट का फायदा लेते हैं. लेकिन नई सरकार के इस फैसले से इसपर भी लगाम लगेगी और इस फैसले से हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की आय में भी वृद्धि होगी.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में ओपीएस बड़ा चुनावी मुद्दा: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में ओल्ड पेंशन स्कीम-ओपीएस एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा. कांग्रेस ने चुनावी प्रचार के दौरान हिमाचल प्रदेश की जनता से वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनते ही ओपीएस को लागू कर दिया जाएगा. जिस पर आज सीएम पद की शपथ लेते ही सुक्खू ने ऐलान भी कर दिया है.
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