शिमला: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को अफसरों को सख्त डांट लगाई. सरकार ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले में हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग पर निर्णायक कार्रवाई का मन बनाया था. सोमवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सचिवालय पहुंचे और हमीरपुर चयन आयोग को सस्पेंड करने संबंधी तीन आदेश सुनाए. सीएम चाहते थे कि इस बारे में आदेश जारी होने के बाद मीडिया सलाहकार प्रेस को सरकार के फैसले से अवगत करवाएं. (CM Sukhvinder Singh Sukhu on JOA IT paper leak case)
उधर, फैसले से जुड़े कागजों पर अभी संबंधित अफसरों के साइन भी न हुए थे कि इसकी जानकारी बाहर चली गई. फाइल पर साइन होने से पहले ही ये फैसले बाहर आने से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्य सचिव आरडी धीमान व अन्य अफसरों को खूब डांट लगाई. सीएम ने यहां तक कहा कि इस तरह का रवैया सहन नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसा हुआ तो जवाबदेही फिक्स करने के साथ ही एक्शन भी होगा.
बताया जा रहा है कि सीएम ने अफसरों को यहां तक खरी-खोटी सुनाई कि अफसरशाही के ऐसे ही रवैये के कारण पिछली सरकार की छवि खराब हुई थी. उन्होंने चेताया कि कांग्रेस सरकार में ये सब नहीं चलेगा. उसके साथ ही सीएम सुखविंदर सिंह ने सीक्रेसी ब्रीच को लेकर जांच के आदेश दिए. सीएम ने मुख्य सचिव से कहा कि सरकार के हमीरपुर चयन आयोग पर लिए जाने वाले एक्शन की सूचना बाहर कैसे गई, इसकी जांच कर रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाए. (Himachal Staff Selection Commission suspended)
कहा जाता है कि जिस सीएम ने अफसरशाही को साध लिया, उसने लक्ष्य को भी साध लिया. हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के रवैये से अफसरशाही को संकेत मिल गया है कि काम के मामले वे किसी किस्म की कोताही सहन नहीं करेंगे. उधर, सीएम सुखविंदर सिंह की नाराजगी के चर्चे सचिवालय में खूब सुने गए. सोमवार को वर्किंग डे होने के कारण सचिवालय में गहमागहमी थी. सीएम ने खुद कुल नौ विभागों को मीटिंग के लिए बुलाया था. देर रात साढ़े दस बजे भी बैठकों का दौर जारी था. फिलहाल, हमीरपुर चयन आयोग पर सरकार के एक्शन की जानकारी बाहर लीक होने से सीएम सुखविंदर की नाराजगी के बाद अब सचिवालय में टॉप ब्यूरोक्रेसी किसी भी मसले पर बोलने से पहले सौ बार सोच रही है.
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