शिमला: हिमाचल प्रदेश में 5जी से प्रौद्योगिकी के नए युग की शुरुआत होगी. हिमाचल सरकार पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, बागवानी, कृषि, शिक्षा आदि क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल करेगी. हिमाचल में 5जी मोबाइल सेवा की शुरूआत हो गई है. अब सरकार इसके व्यापक इस्तेमाल को लेकर विचार कर रही है. हिमाचल प्रदेश में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नए युग का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में राज्य के लिए 5जी सेवा शुरू की. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों को तीव्र गति से अविलंब, निर्बाध और अत्यधिक विश्वसनीय संचार प्रणाली उपलब्ध कराएगी. प्रदेश में 5जी तकनीक औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि सभी अत्याधुनिक 5जी सेवाएं विभिन्न प्रकार के सेंसर और उपकरणों के माध्यम से लोगों को संचार के अत्याधुनिक अनुभवों से परिचित कराएंगी. इसके इस्तेमाल से विनिर्माण क्षेत्र में लागत कम होगी और उत्पादकता में सुधार होगा. इस सेवा से लॉजिस्टिक लागत वर्तमान के लगभग 14 प्रतिशत से 5 प्रतिशत होने की उम्मीद है.
सुरक्षा एवं निगरानी क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा: 5जी सेवा का सुरक्षा और निगरानी क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को भी मिलेगा. इस तकनीक के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रिमोट कंट्रोल के माध्यम से राहत उपलब्ध करवाना और सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित एचडी कैमरों से लाइव 4के फीड की सुविधा मिलेगी. यह जोखिम वाले औद्योगिक क्षेत्रों के संचालन जैसे गहरी खदानों, अपतटीय गतिविधियों आदि में लोगों की भूमिका को कम करने में भी सहायता करेगा. यह तकनीक दूरस्थ क्षेत्रों में निर्बाध कवरेज प्रदान करेगी. यह ऊर्जा, स्पेक्ट्रम और नेटवर्क दक्षता में वृद्धि करेगा. 5जी सेवाओं के विस्तार से राज्य में डिजिटल बुनियादी ढांचा और मजबूत होगा. राज्य सरकार की प्रमुख परियोजनाओं को भी विस्तार प्रदान करने में 5जी तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
शिक्षा क्षेत्र में व्यापक स्तर पर इस्तेमाल हो सकेगी 5 जी तकनीक: राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में इसका व्यापक तौर पर इस्तेमाल करेगी. यही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए सरकार अगले शैक्षणिक सत्र से तकनीकी शिक्षण संस्थानों में रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नवीनतम पाठ्यक्रम शुरू करेगी ताकि इन क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें. इसके लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है.
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