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Himachal Budget 2023: ड्रीम बजट के लिए अफसरों को काम पर लगाया CM सुखविंदर ने, 5 सेक्टर्स पर नए आइडियाज के साथ आएगा पहला बजट - Five sectors given priority in Himachal budget

मार्च 2023 में सीएम सुखविंदर सिंह जब अपना और अपनी सरकार का पहला बजट पेश करेंगे तो कई नए आइडियाज की झलक दिखाई देगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 5 सेक्टर्स पर फोकस कर बजट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप दी है. (Budget preparations started in Himachal)

Himachal Budget 2023
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Published : Jan 17, 2023, 8:37 AM IST

शिमला: हिमाचल में 2 दशक बाद ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने के साथ ही सुखविंदर सिंह सरकार ने अपनी पहली गारंटी पूरी कर दी है. ओपीएस बहाली के वादे ने कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. चूंकि कैबिनेट की पहली मीटिंग हो गई और कैबिनेट का विस्तार भी कर दिया गया है, लिहाजा अब सीएम सुखविंदर सिंह ने अफसरों को अपने ड्रीम बजट के लिए तैयारी पर लगा दिया है.

5 सेक्टर्स को प्राथमिकता: सत्ता में आने के बाद से ही सीएम सुखविंदर सिंह ने 5 सेक्टर्स को अपनी प्राथमिकता बताया था. उद्योग, पर्यटन, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य में नए प्रयोग करने और इन सेक्टर्स की दशा सुधारने के लिए सीएम के पास अपने आइडियाज हैं. पर्यटन सेक्टर को अधिक मजबूत करने के लिए नए आइडियाज लागू किए जाएंगे. हर जिले में हेलीपोर्ट बनाने और ग्रीन ट्रांस्पोर्ट का प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए सीएम ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं.

जटिलताएं खत्म की जाएंगी: हर जिले के डीसी को हेलीपोर्ट के लिए जमीन चयन करने का आदेश जारी किया जा चुका है. सीएम सुखविंदर सिंह का कहना है कि वे व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं. कुछ कड़े फैसले भी लेने पड़े तो लिए जाएंगे. उद्योगों में सिंगल विंडो सिस्टम खत्म करके सीएम ने संकेत दिए हैं कि वे बंधे-बंधाए ढर्रे पर नहीं चलेंगे. उर्जा सेक्टर में हिमाचल के हितों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसी तरह निवेश के लिए हिमाचल आने वाले कारोबारियों को आसानियां पैदा करने के लिए नियमों की जटिलताएं खत्म की जाएंगी.

हर जिले के हिसाब से रोडमैप: सीएम सुखविंदर सिंह का विजन है कि हिमाचल के हर जिले के पास अपना अलग पोटेंशियल है. जिला विशेष के पोटेंशियल के हिसाब से ही पर्यटन का ढांचा विकसित किया जाएगा. जिस जिले में जैसे उद्योग का वातावरण होगा, वहां उसी के अनुसार काम होगा. इससे रोजगार सृजन भी होगा.अफसरों को इसके लिए रोडमैप तैयार करने को कहा गया है.स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को मजबूत करना सीएम सुखविंदर सिंह की प्राथमिकता है.

हेल्थ सेक्टर में परिवर्तन: हिमाचल में 6 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. रीजनल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी है. चुनाव पूर्व सीएम सुखविंदर सिंह की धर्मपत्नी ने कहा था कि वे चाहती हैं कि हेल्थ सेक्टर में जमीनी स्तर पर परिवर्तन हो. सीएम सुखविंदर सिंह की धर्मपत्नी ने आईजीएमसी अस्पताल की कैजुअल्टी में अपने एक पूर्व अनुभव का जिक्र किया था और कहा था कि वहां व्यवस्था सुधारने की जरूरत है.

पेट स्कैन टेस्ट सुविधा नहीं: अभी भी कई टेस्ट ऐसे हैं, जिनके लिए हिमाचल की जनता को चंडीगढ़ व दिल्ली जाना पड़ता है. जैसे पेट स्कैन टेस्ट के लिए हिमाचल में कोई सुविधा नहीं है. बेशक एम्स बिलासपुर में ओपीडी व अन्य सुविधाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन ये पूरी तरह से फंक्शनल नहीं है. सीएम सुखविंदर सिंह चाहते हैं कि पेरीफरी मजबूत हो ताकि ,छोटी-मोटी बीमारियों के लिए उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल न आना पड़े.

सरकार ओपन पॉलिसी लाएगी: क्वालिटी एजुकेशन के लिए भी सीएम सुखविंदर सिंह के पास नवीन विचार हैं. उन्होंने पांचों सेक्टर्स में अपना विजन अफसरों के साथ साझा किया और अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप से बता दी हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि वे 5 सेक्टर्स में उनकी सरकार ओपन पॉलिसी लाएगी. ऐसे में उन्होंने मुख्य सचिव से लेकर प्रधान सचिव व सचिव स्तर के अफसरों को काम पर लगा दिया है. मार्च महीने में बजट सत्र होगा. उस दौरान सीएम सुखविंदर सिंह अपना पहला बजट पेश करेंगे.

लीक से हटकर बजट पेश करने की तैयारी: बजट को वे लीक से हटकर बजट के तौर पर पेश करना चाहते हैं. बजट में केवल शब्दों का जाल न हो, बल्कि जो भी योजनाएं घोषित की जाएंगी, उनके लिए रकम का इंतजाम करने सहित योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर जोर होगा. यहां एक दिलचस्प बात दर्ज करना जरूरी है. ओपीएस की बहाली का मुद्दा जब गर्म था तो सीएम ने कहा था कि अफसर तो अड़चनें डालते रहे, लेकिन उन्होंने फार्मूला निकाल लिया. वहीं, सीएम ने पूर्व में भी ये कहा है कि अफसरों की कमी कोई मुद्दा नहीं है. जरूरत अफसरों से काम लेने की है.

फैसलों को लागू कराने का माद्दा: यही कारण है कि सीएम सुखविंदर सिंह ने सत्ता संभालते ही अफसरशाही को फेंटा नहीं है. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा के अनुसार अब तक के समय में सीएम सुखविंदर सिंह ने ये दिखा दिया है कि वे न केवल निर्णय लेते हैं, बल्कि अपने फैसलों को लागू करवाने का माद्दा भी रखते हैं. यही कारण है कि वे अपने पहले बजट में कुछ नया लेकर आएंगे. देखना है कि मार्च महीने में बजट सेशन के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह का विजन किस रूप में सामने आएगा.

ये भी पढ़ें : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बोले: ट्रक ऑपरेटरों के हितों की अनदेखी नहीं होने देगी सरकार

शिमला: हिमाचल में 2 दशक बाद ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने के साथ ही सुखविंदर सिंह सरकार ने अपनी पहली गारंटी पूरी कर दी है. ओपीएस बहाली के वादे ने कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. चूंकि कैबिनेट की पहली मीटिंग हो गई और कैबिनेट का विस्तार भी कर दिया गया है, लिहाजा अब सीएम सुखविंदर सिंह ने अफसरों को अपने ड्रीम बजट के लिए तैयारी पर लगा दिया है.

5 सेक्टर्स को प्राथमिकता: सत्ता में आने के बाद से ही सीएम सुखविंदर सिंह ने 5 सेक्टर्स को अपनी प्राथमिकता बताया था. उद्योग, पर्यटन, ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य में नए प्रयोग करने और इन सेक्टर्स की दशा सुधारने के लिए सीएम के पास अपने आइडियाज हैं. पर्यटन सेक्टर को अधिक मजबूत करने के लिए नए आइडियाज लागू किए जाएंगे. हर जिले में हेलीपोर्ट बनाने और ग्रीन ट्रांस्पोर्ट का प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए सीएम ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं.

जटिलताएं खत्म की जाएंगी: हर जिले के डीसी को हेलीपोर्ट के लिए जमीन चयन करने का आदेश जारी किया जा चुका है. सीएम सुखविंदर सिंह का कहना है कि वे व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं. कुछ कड़े फैसले भी लेने पड़े तो लिए जाएंगे. उद्योगों में सिंगल विंडो सिस्टम खत्म करके सीएम ने संकेत दिए हैं कि वे बंधे-बंधाए ढर्रे पर नहीं चलेंगे. उर्जा सेक्टर में हिमाचल के हितों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसी तरह निवेश के लिए हिमाचल आने वाले कारोबारियों को आसानियां पैदा करने के लिए नियमों की जटिलताएं खत्म की जाएंगी.

हर जिले के हिसाब से रोडमैप: सीएम सुखविंदर सिंह का विजन है कि हिमाचल के हर जिले के पास अपना अलग पोटेंशियल है. जिला विशेष के पोटेंशियल के हिसाब से ही पर्यटन का ढांचा विकसित किया जाएगा. जिस जिले में जैसे उद्योग का वातावरण होगा, वहां उसी के अनुसार काम होगा. इससे रोजगार सृजन भी होगा.अफसरों को इसके लिए रोडमैप तैयार करने को कहा गया है.स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को मजबूत करना सीएम सुखविंदर सिंह की प्राथमिकता है.

हेल्थ सेक्टर में परिवर्तन: हिमाचल में 6 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. रीजनल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी है. चुनाव पूर्व सीएम सुखविंदर सिंह की धर्मपत्नी ने कहा था कि वे चाहती हैं कि हेल्थ सेक्टर में जमीनी स्तर पर परिवर्तन हो. सीएम सुखविंदर सिंह की धर्मपत्नी ने आईजीएमसी अस्पताल की कैजुअल्टी में अपने एक पूर्व अनुभव का जिक्र किया था और कहा था कि वहां व्यवस्था सुधारने की जरूरत है.

पेट स्कैन टेस्ट सुविधा नहीं: अभी भी कई टेस्ट ऐसे हैं, जिनके लिए हिमाचल की जनता को चंडीगढ़ व दिल्ली जाना पड़ता है. जैसे पेट स्कैन टेस्ट के लिए हिमाचल में कोई सुविधा नहीं है. बेशक एम्स बिलासपुर में ओपीडी व अन्य सुविधाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन ये पूरी तरह से फंक्शनल नहीं है. सीएम सुखविंदर सिंह चाहते हैं कि पेरीफरी मजबूत हो ताकि ,छोटी-मोटी बीमारियों के लिए उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल न आना पड़े.

सरकार ओपन पॉलिसी लाएगी: क्वालिटी एजुकेशन के लिए भी सीएम सुखविंदर सिंह के पास नवीन विचार हैं. उन्होंने पांचों सेक्टर्स में अपना विजन अफसरों के साथ साझा किया और अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट रूप से बता दी हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि वे 5 सेक्टर्स में उनकी सरकार ओपन पॉलिसी लाएगी. ऐसे में उन्होंने मुख्य सचिव से लेकर प्रधान सचिव व सचिव स्तर के अफसरों को काम पर लगा दिया है. मार्च महीने में बजट सत्र होगा. उस दौरान सीएम सुखविंदर सिंह अपना पहला बजट पेश करेंगे.

लीक से हटकर बजट पेश करने की तैयारी: बजट को वे लीक से हटकर बजट के तौर पर पेश करना चाहते हैं. बजट में केवल शब्दों का जाल न हो, बल्कि जो भी योजनाएं घोषित की जाएंगी, उनके लिए रकम का इंतजाम करने सहित योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर जोर होगा. यहां एक दिलचस्प बात दर्ज करना जरूरी है. ओपीएस की बहाली का मुद्दा जब गर्म था तो सीएम ने कहा था कि अफसर तो अड़चनें डालते रहे, लेकिन उन्होंने फार्मूला निकाल लिया. वहीं, सीएम ने पूर्व में भी ये कहा है कि अफसरों की कमी कोई मुद्दा नहीं है. जरूरत अफसरों से काम लेने की है.

फैसलों को लागू कराने का माद्दा: यही कारण है कि सीएम सुखविंदर सिंह ने सत्ता संभालते ही अफसरशाही को फेंटा नहीं है. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा के अनुसार अब तक के समय में सीएम सुखविंदर सिंह ने ये दिखा दिया है कि वे न केवल निर्णय लेते हैं, बल्कि अपने फैसलों को लागू करवाने का माद्दा भी रखते हैं. यही कारण है कि वे अपने पहले बजट में कुछ नया लेकर आएंगे. देखना है कि मार्च महीने में बजट सेशन के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह का विजन किस रूप में सामने आएगा.

ये भी पढ़ें : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बोले: ट्रक ऑपरेटरों के हितों की अनदेखी नहीं होने देगी सरकार

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