शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आपदा के बाद हुए नुकसान और राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए ऊपरी शिमला का दौरा किया है. मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय दौरे के इन इलाकों में सड़कों की बहाली के लिए अतिरिक्त 11 करोड़ रुपए जारी किए. इसके बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की बहाली के कार्यों में तेजी आई है.
मुख्यमंत्री के दौरे के बाद लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण विकास विभाग दिन-रात सड़क बहाली के कार्यों में जुट गए हैं. क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और सेब का ट्रांसपोर्टेशन निर्बाध रूप से सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी विकल्प भी तैयार किए जा रहे हैं. इस दौरे के दौरान ही मुख्यमंत्री के निर्देशों पर दोनों विभागों को लगभग 11 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है ताकि किसानों के उत्पाद को समयबद्ध परिवहन सुविधा मिल सके.
आपदाग्रस्त क्षेत्रों के नुकसान के आकलन के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार दुःख की इस घड़ी में उनके साथ है. उन्होंने दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर आपदा प्रभावित व्यक्तियों से संवाद किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सेब और अन्य नकदी फसलें समयबद्ध बाज़ार तक पहुंचाना है ताकि बागवानों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े.
मुख्यमंत्री ने सेब सीजन के लिए 15 अगस्त तक पंचायत स्तर तक सड़कें सुचारू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बुरी तरह से प्रभावित परिवहन नेटवर्क को पुनर्जीवित करने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है और सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को 110 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है.
मुख्यमंत्री के स्वयं प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने के बाद लोक निर्माण विभाग ने भी अपने प्रयास तेज किए हैं और लगभग 250 जेसीबी और भारी मशीनरी बहाली कार्यों के लिए तैनात की गई है. ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से दोनों ही विभाग निर्धारित समय अवधि के भीतर पंचायत स्तर की सड़कों को बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सेब उत्पादक क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था की बहाली एवं निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित कर रही है और सेब पर आधारित यहां की आर्थिकी को संरक्षित एवं मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी.
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