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सीएम सुक्खू ने कम्प्यूटर शिक्षकों की वेतन कटौती का लिया संज्ञान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से की बात - himachal computer teachers demand

हिमाचल प्रदेश में कम्प्यूटर शिक्षकों की वेतन कटौती किए जाने पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से बात की है. साथ ही शिक्षकों के मानदेय में की गई कटौती की वजहों का पता लगाने को कहा है.

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Published : Jun 11, 2023, 10:08 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स पर नियुक्त कुछ कम्प्यूटर शिक्षकों के मानदेय में इस माह कटौती होने की बातों का कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने इस बारे में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से बात की है और उन्हें कम्प्यूटर शिक्षकों के मानदेय में की गई कटौती के कारणों का पता लगाने को कहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा बजट 2023-24 में वर्तमान उनकी सरकार ने आउटसोर्स पर नियुक्त आईटी शिक्षकों के मानदेय में 2000 रुपये की वृद्धि की है. यह इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार कर्मचारी हितों की रक्षा करने वाली सरकार है और प्रदेश की आर्थिक स्थिति में जैसे-जैसे सुधार आएगा, वैसे-वैसे कर्मचारियों के लंबित वित्तीय लाभ दे दिए जाएंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर लगभग डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है. इसके साथ ही कर्मचारियों को तीन प्रतिशत मंहगाई भत्ता भी जारी किया गया है.

आंदोलन की धमकी दे चुके हैं कम्प्यूटर शिक्षक: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात करीब 1300 कम्प्यूटर शिक्षक प्रदेश सरकार को आंदोलन की धमकी दे चुके हैं. दरअसल पहले इन शिक्षकों को नाइलेट कंपनी के माध्यम से वेतन मिल रहा था, लेकिन ये शिक्षक कंपनी पर कई तरह के आरोप लगा रहे थे. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सता में आने के बाद इस कंपनी के साथ करार खत्म किया और कंप्यूटर शिक्षकों को हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन के माध्यम से नियुक्त का फैसला लिया था, लेकिन कम्प्यूटर शिक्षकों का कहना है कि अब कारपोरेशन इनको आगे पांच निजी कंपनियों के माध्यम से नियुक्त कर रहा है. यही नहीं कम्प्यूटर शिक्षक वेतन में कटौती करने के भी आरोप लगा रहे हैं. ये शिक्षक मुख्यमंत्री से मिलकर निजी कंपनियों के माध्यम से तैनात न करने का आग्रह कर रहे हैं. कंप्यूटर शिक्षकों ने कहा है कि अगर उनकी तैनाती निजी कंपनियों के माध्यम से की जाती है तो वे आंदोलन करेंगे. इसके बाद अब मुख्यमंत्री का यह बयान आया है.
ये भी पढ़ें: सुखविंदर सरकार के छह माह पूरे, लेकिन अधूरा है महिलाओं से किया गया ये बड़ा वादा

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स पर नियुक्त कुछ कम्प्यूटर शिक्षकों के मानदेय में इस माह कटौती होने की बातों का कड़ा संज्ञान लिया है. उन्होंने इस बारे में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से बात की है और उन्हें कम्प्यूटर शिक्षकों के मानदेय में की गई कटौती के कारणों का पता लगाने को कहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा बजट 2023-24 में वर्तमान उनकी सरकार ने आउटसोर्स पर नियुक्त आईटी शिक्षकों के मानदेय में 2000 रुपये की वृद्धि की है. यह इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार कर्मचारी हितों की रक्षा करने वाली सरकार है और प्रदेश की आर्थिक स्थिति में जैसे-जैसे सुधार आएगा, वैसे-वैसे कर्मचारियों के लंबित वित्तीय लाभ दे दिए जाएंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर लगभग डेढ़ लाख सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है. इसके साथ ही कर्मचारियों को तीन प्रतिशत मंहगाई भत्ता भी जारी किया गया है.

आंदोलन की धमकी दे चुके हैं कम्प्यूटर शिक्षक: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात करीब 1300 कम्प्यूटर शिक्षक प्रदेश सरकार को आंदोलन की धमकी दे चुके हैं. दरअसल पहले इन शिक्षकों को नाइलेट कंपनी के माध्यम से वेतन मिल रहा था, लेकिन ये शिक्षक कंपनी पर कई तरह के आरोप लगा रहे थे. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सता में आने के बाद इस कंपनी के साथ करार खत्म किया और कंप्यूटर शिक्षकों को हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन के माध्यम से नियुक्त का फैसला लिया था, लेकिन कम्प्यूटर शिक्षकों का कहना है कि अब कारपोरेशन इनको आगे पांच निजी कंपनियों के माध्यम से नियुक्त कर रहा है. यही नहीं कम्प्यूटर शिक्षक वेतन में कटौती करने के भी आरोप लगा रहे हैं. ये शिक्षक मुख्यमंत्री से मिलकर निजी कंपनियों के माध्यम से तैनात न करने का आग्रह कर रहे हैं. कंप्यूटर शिक्षकों ने कहा है कि अगर उनकी तैनाती निजी कंपनियों के माध्यम से की जाती है तो वे आंदोलन करेंगे. इसके बाद अब मुख्यमंत्री का यह बयान आया है.
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