शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान आई आपदा के लिए केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग हिमाचल लगातार कर रहा है, लेकिन केंद्र की ओर से कोई राहत पैकेज प्रदेश को नहीं मिला है. ऐसे में हिमाचल केंद्र से राहत मैनुअल के मुताबिक राहत राशि देने की उम्मीद लगाए हुए हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया है और ना ही कोई स्पेशल पैकेज दिया है, लेकिन हिमाचल का जो क्लेम बनता है, उसे केंद्र सरकार को दे देना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने करीब 12,000 करोड़ का क्लेम केंद्र सरकार को भेजा है. केंद्र सरकार की तीसरी टीम भी हिमाचल में आपदा का जायजा लेकर वापस लौट गई है. ऐसे में केंद्र सरकार को हिमाचल के क्लेम की राशि जारी कर देनी चाहिए.
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भले की केंद्र सरकार की ओर से कोई राहत पैकेज प्रदेश को न मिला हो, इसके बावजूद हिमाचल सरकार अपने स्तर पर राहत पैकेज प्रभावित परिवारों को दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो राहत पैकेज प्रदेश में प्रभावितों के लिए घोषित किया है, उसको जारी करने की शुरुआत मंडी, कुल्लू और बिलासपुर से की जाएगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने पूर्व सरकार के समय में कराए गए जनमंच को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने जनमंच के नाम पर लोगों को ठगा है. जनमंच में इंतकाल, निशानदेही जैसे कार्य तक नहीं किए गए. उन्होंने कहा कि इंतकाल के करीब 25000 मामले और निशानदेही के करीब 27000 मामले लटके पड़े हैं पूर्व सरकार ने इनको निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए. सरकार ने इनको समय पर निपटाने के लिए कानून में संशोधन किया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की हड़ताल पर कहा कि सरकार उनकी मांग पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों का स्टेट कैडर बनाकर विभाग में मर्ज का पहला काम सरकार ने कर दिया है, बाकी प्रक्रिया भी समय आने पर की जाएगी.
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