शिमला: सत्ता में आने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सबसे पहले बालिका आश्रम टूटीकंडी शिमला का दौरा किया था. सीएम सुक्खू ने उसके बाद जनवरी 2023 के पहले ही दिन निराश्रित बच्चों के लिए सुख आश्रय कोष की स्थापना की थी. अब इसी कड़ी में बालिका आश्रम की एक बेटी को मां की गोद मिली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जो हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष भी हैं, उनकी उपस्थिति में निराश्रित बेटी 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' ज्योति (काल्पनिक नाम) का उसके भावी माता-पिता ने दत्तक ग्रहण किया.
सीएम सुक्खू ने दम्पत्ति यानी ज्योति के माता-पिता को बधाई दी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज के समृद्ध लोगों से अपील की कि वे शिशु गृह व आश्रमों में पल रहे बच्चों को अपनाने (दत्तक ग्रहण) के लिए आगे आएं, ताकि इन बच्चों का भविष्य सुखद हो. इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है. प्रदेश सरकार ने अनाथ व असहाय वर्गों के दर्द को समझा है. सरकार ने सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरंभ की है. प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों की अब प्रदेश सरकार ही माता, सरकार ही पिता है और इन्हें 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' के रूप में अपनाया गया है.
अनाथ बच्चों व बेसहारा वर्गों के लिए कानून के तहत योजना बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है. इन्हें अब तक लगभग 18 करोड़ रुपए के लाभ दिए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष प्रदेश सरकार के इन प्रयासों की दिशा में एक और सार्थक पहल है. इसमें प्रदेशवासियों से बहुमूल्य योगदान मिला है. सीएम ने बताया कि सुख आश्रय कोष में उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों ने भी अंशदान किया है. अनाथ बच्चों के रहन-सहन, शिक्षा से लेकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने में यह कोष सहायक बना है.
इस अवसर पर ज्योति को अपनाने वाले दम्पत्ति ने भरोसा दिलाया कि वे बेटी को भरपूर स्नेह देंगे और उसके खुशहाल भविष्य के लिए निरन्तर प्रयास करेंगे. बेटी को अपनाने के बाद सीएम सहित मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, निदेशक महिला एवं बाल विकास रूपाली ठाकुर तथा हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद के महासचिव मोहन दत्त शर्मा ने सबको बधाई दी है.
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