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वनों में सूखे पेड़ों की मार्किंग के लिए तैयार होंगे SOP, इमारती लकड़ी की बिक्री ऑनलाइन होगी - Himachal Pradesh News

हिमाचल प्रदेश के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग एवं हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य के लिए राजस्व अर्जित करने के दृष्टिगत वनों में सूखे पेड़ों का समय पर कटान आवश्यक है. समय पर पेड़ों के कटान न होने से ये नष्ट हो रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा अधिकारियों से सूखे पेड़ों की मार्किंग के लिए SOP तैयार करने के निर्देश भी दिए. पढ़ें पूरी खबर...

CM Sukhu Review meeting with Forest Department
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की वन विभाग एवं हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के साथ समीक्षा बैठक
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Published : Jun 13, 2023, 4:16 PM IST

शिमला: हिमाचल के जंगलों में सूखे पेड़ बड़ी संख्या में हर साल गिरते हैं, लेकिन इनका समय पर कटान नहीं हो पाता. इस वजह से इनमें से काफी संख्या में पेड़ जंगलों में ही नष्ट हो जाते हैं. राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अब सूखे पेड़ों के समय पर कटान करने को लेकर कदम उठा रही है क्योंकि यह राज्य सरकार के लिए आय का एक बड़ा सोर्स हो सकता है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे सूखे पेड़ों की मार्किंग के लिए एसओपी तैयार करें. मुख्यमंत्री ने साथ में वन विकास निगम को इमारती लकड़ी की ऑनलाइन बिक्री की सुविधा देने पर भी बल दिया.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग एवं हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य के लिए राजस्व अर्जित करने के दृष्टिगत वनों में सूखे पेड़ों का समय पर कटान आवश्यक है. समय पर पेड़ों के कटान न होने से ये नष्ट हो रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को पेड़ों की प्रभावी मार्किंग, निकालने और निपटारा सुनिश्चित करने के लिए एक एसओपी एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए. यही नहीं मुख्यमंत्री ने इस बैठक में अधिकारियों को इमारती लकड़ी की ऑनलाइन बिक्री के लिए एक वेबसाइट विकसित करने पर भी बल दिया.

हिमाचल के जंगलों में 86,874 सूखे पेड़: मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में, राज्य में वन भूमि पर लगभग 86,874 सूखे एवं क्षतिग्रस्त पेड़ हैं, जिनसे लगभग 64,000 क्यूबिक मीटर इमारती लकड़ी का उत्पादन होने की उम्मीद है. उन्होंने वन भूमि पर इन पेड़ों के समय पर निकालने और निपटारे की सुविधा के लिए मासिक आधार पर मार्किंग सुनिश्चित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इस दिशा में व्यवस्थित प्रयासों से इमारती लकड़ी को प्रदेश के राजस्व का एक मूल्यवान स्रोत बनाने की दिशा में यह कारगर सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि समय पर सूखे पेड़ों की निकासी न होने से प्रदेश को राजस्व की हानि हो रही है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सूखे पेड़ों की समय पर निकासी के लिए वन विभाग और हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम को आपसी सामंजस्य स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने वन विभाग को राज्य के निचले हिस्सों के कुछ वन क्षेत्रों में पायलट आधार पर शीघ्र निपटारे के लिए पेड़ों को चिह्नित करने, गिराने और 50 पेड़ों की सीमा के साथ लॉग में परिवर्तित करने का अधिकार देने का सुझाव भी दिया.

वन विकास निगम में युक्तिकरण से स्टाफ की कमी दूर करेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम में कर्मचारियों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने वन निगम को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उचित उपायों को लागू करके कर्मचारियों की कमी के मुद्दे का समाधान करेगी.

इस मौके पर प्रधान सलाहकार सूचना प्रौद्योगिकी गोकुल बुटेल, विधायक देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, आशीष शर्मा, हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक पवनेश कुमार, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल नागेश गुलेरिया और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे.

Read Also- Congratulations! शिमला की दृष्टि बाधित प्रतिभा ठाकुर बनीं Political Science की सहायक प्रोफेसर

शिमला: हिमाचल के जंगलों में सूखे पेड़ बड़ी संख्या में हर साल गिरते हैं, लेकिन इनका समय पर कटान नहीं हो पाता. इस वजह से इनमें से काफी संख्या में पेड़ जंगलों में ही नष्ट हो जाते हैं. राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अब सूखे पेड़ों के समय पर कटान करने को लेकर कदम उठा रही है क्योंकि यह राज्य सरकार के लिए आय का एक बड़ा सोर्स हो सकता है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे सूखे पेड़ों की मार्किंग के लिए एसओपी तैयार करें. मुख्यमंत्री ने साथ में वन विकास निगम को इमारती लकड़ी की ऑनलाइन बिक्री की सुविधा देने पर भी बल दिया.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग एवं हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य के लिए राजस्व अर्जित करने के दृष्टिगत वनों में सूखे पेड़ों का समय पर कटान आवश्यक है. समय पर पेड़ों के कटान न होने से ये नष्ट हो रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को पेड़ों की प्रभावी मार्किंग, निकालने और निपटारा सुनिश्चित करने के लिए एक एसओपी एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए. यही नहीं मुख्यमंत्री ने इस बैठक में अधिकारियों को इमारती लकड़ी की ऑनलाइन बिक्री के लिए एक वेबसाइट विकसित करने पर भी बल दिया.

हिमाचल के जंगलों में 86,874 सूखे पेड़: मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में, राज्य में वन भूमि पर लगभग 86,874 सूखे एवं क्षतिग्रस्त पेड़ हैं, जिनसे लगभग 64,000 क्यूबिक मीटर इमारती लकड़ी का उत्पादन होने की उम्मीद है. उन्होंने वन भूमि पर इन पेड़ों के समय पर निकालने और निपटारे की सुविधा के लिए मासिक आधार पर मार्किंग सुनिश्चित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इस दिशा में व्यवस्थित प्रयासों से इमारती लकड़ी को प्रदेश के राजस्व का एक मूल्यवान स्रोत बनाने की दिशा में यह कारगर सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि समय पर सूखे पेड़ों की निकासी न होने से प्रदेश को राजस्व की हानि हो रही है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सूखे पेड़ों की समय पर निकासी के लिए वन विभाग और हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम को आपसी सामंजस्य स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने वन विभाग को राज्य के निचले हिस्सों के कुछ वन क्षेत्रों में पायलट आधार पर शीघ्र निपटारे के लिए पेड़ों को चिह्नित करने, गिराने और 50 पेड़ों की सीमा के साथ लॉग में परिवर्तित करने का अधिकार देने का सुझाव भी दिया.

वन विकास निगम में युक्तिकरण से स्टाफ की कमी दूर करेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम में कर्मचारियों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने वन निगम को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उचित उपायों को लागू करके कर्मचारियों की कमी के मुद्दे का समाधान करेगी.

इस मौके पर प्रधान सलाहकार सूचना प्रौद्योगिकी गोकुल बुटेल, विधायक देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, आशीष शर्मा, हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक पवनेश कुमार, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल नागेश गुलेरिया और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे.

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