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कोविड-19: प्रदेश में 683 क्वारंटाइन सेंटर, 32,361 बिस्तरों सहित उत्तम सुविधाएं

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Published : Jun 7, 2020, 4:53 PM IST

देश में कोविड-19 के से निपटने के लिए 683 क्वारंटाइन सेंटरों में 32,361 बिस्तर क्वारंटाइन के लिए उपलब्ध करवाए गए. इन क्वारंटाइन केंद्रों में 253 चिकित्सकों और 287 पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है.

Best facilities cm jairam thakur statement on quarantine facility32,361 beds in 683 quarantine centers of the state
प्रदेश में 683 क्वारंटाइन सेंटर: सीएम

शिमला: प्रदेश में क्वारंटाइन सेंटर और क्वारंटाइन सेंटर में बेड को लेकर क्या तैयारी है और क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं इसे लोकर एक बैठक हुई. प्रदेश में कोविड-19 के से निपटने के लिए 683 क्वारंटाइन सेंटरों में 32,361 बिस्तर क्वारंटाइन के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं. इन क्वारंटाइन केंद्रों में 253 चिकित्सकों और 287 पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है. इसके अलावा आइसोलेशन के लिए प्रदेश में लगभग 1000 बिस्तर उपलब्ध हैं. इन क्वारंटाइन सेंटरों में अभी तक लगभग साढ़े पांच हजार व्यक्ति पंजीकृत किये गए हैं.

हिमाचल प्रदेश में क्वारंटाइन किए गए लोगों के रहने की उचित व्यवस्था है. गुणवत्तायुक्त एवं पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. क्वारंटाइन व्यक्तियों की अधिकारी एवं कर्मचारी कोरोना वॉरियर्स बनकर सेवा कर रहे हैं. साथ ही क्वारंटाइन सेंटरों में क्वारंटाइन किए गए व्यक्तियों को आवश्यकता अनुसार अन्य सामग्री राज्य सरकार के मापदंडों के अनुसार उपलब्ध करवाई जा रही है.

प्रदेश सरकार की सतर्कता से मार्च महिने की शुरुआत में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर लौटे 180 तबलीगी जमात के लोगों को चिन्हित कर लिया गया. इनके संपर्क में आए 1107 लोगों की पहचान करके उन सभी को क्वारंटाइन किया गया. अन्य प्रदेशों में रहने वाले लोगों ने प्रदेश आने के लिए सरकार से जारी हेल्पलाइन नंबर और पोर्टल के जरिए पंजीकरण कराया गया, जिनमें से अधिकतर को वापस लाया जा चुका है.

बाहर से आने वाले प्रवासियों की स्क्रीनिंग से भी उनके पाॅजीटिव होने का पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि बिना लक्षण भी मरीज पाॅजीटिव आ रहे हैं. ऐसे में संबंधित जिले के उपायुक्त और उनकी होम क्वारंटाइन या संस्थागत क्वारंटाइन की व्यवस्था करने के बाद ही उनके घर भेजा जा रहा है. राज्य के बाहर से आने वाले अप्रवासी हिमाचलवासियों और अप्रवासी श्रमिकों को 14 दिन का क्वारंटाइन अवधि का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. जिससे कोरोना के संभावित सामुदायिक प्रसार को रोकने में अपेक्षित सहायता मिल रही है.

कोरोना वायरस को लेकर लोगों को किया जा रहा जागरूक

प्रदेश सरकार द्वारा बाहरी राज्यों से लौटे लोगों से उनकी यात्रा का पूरा विवरण देने का समय-समय पर आग्रह किया जा रहा है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है, कि यदि उनमें जुकाम जैसे कोई लक्षण हैं, तो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से इसकी जानकारी भी साझा करें, ताकि समय रहते उनका उपचार किया जा सके. राज्य के अधिकारियों के अलावा पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधी भी यह सुनिश्चित कर रहे हैं, कि देश के अन्य हिस्सों से प्रदेश में आने वाले लोग होम क्वारंटाइनके दौरान क्वारंटाइन मानदंडों का पालन करें.

ये भी पढ़ें मौसम की वजह से खिले बागवानों के चेहरे, सेब के लिए वरदान साबित होगा मौसम

शिमला: प्रदेश में क्वारंटाइन सेंटर और क्वारंटाइन सेंटर में बेड को लेकर क्या तैयारी है और क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं इसे लोकर एक बैठक हुई. प्रदेश में कोविड-19 के से निपटने के लिए 683 क्वारंटाइन सेंटरों में 32,361 बिस्तर क्वारंटाइन के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं. इन क्वारंटाइन केंद्रों में 253 चिकित्सकों और 287 पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है. इसके अलावा आइसोलेशन के लिए प्रदेश में लगभग 1000 बिस्तर उपलब्ध हैं. इन क्वारंटाइन सेंटरों में अभी तक लगभग साढ़े पांच हजार व्यक्ति पंजीकृत किये गए हैं.

हिमाचल प्रदेश में क्वारंटाइन किए गए लोगों के रहने की उचित व्यवस्था है. गुणवत्तायुक्त एवं पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. क्वारंटाइन व्यक्तियों की अधिकारी एवं कर्मचारी कोरोना वॉरियर्स बनकर सेवा कर रहे हैं. साथ ही क्वारंटाइन सेंटरों में क्वारंटाइन किए गए व्यक्तियों को आवश्यकता अनुसार अन्य सामग्री राज्य सरकार के मापदंडों के अनुसार उपलब्ध करवाई जा रही है.

प्रदेश सरकार की सतर्कता से मार्च महिने की शुरुआत में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर लौटे 180 तबलीगी जमात के लोगों को चिन्हित कर लिया गया. इनके संपर्क में आए 1107 लोगों की पहचान करके उन सभी को क्वारंटाइन किया गया. अन्य प्रदेशों में रहने वाले लोगों ने प्रदेश आने के लिए सरकार से जारी हेल्पलाइन नंबर और पोर्टल के जरिए पंजीकरण कराया गया, जिनमें से अधिकतर को वापस लाया जा चुका है.

बाहर से आने वाले प्रवासियों की स्क्रीनिंग से भी उनके पाॅजीटिव होने का पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि बिना लक्षण भी मरीज पाॅजीटिव आ रहे हैं. ऐसे में संबंधित जिले के उपायुक्त और उनकी होम क्वारंटाइन या संस्थागत क्वारंटाइन की व्यवस्था करने के बाद ही उनके घर भेजा जा रहा है. राज्य के बाहर से आने वाले अप्रवासी हिमाचलवासियों और अप्रवासी श्रमिकों को 14 दिन का क्वारंटाइन अवधि का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. जिससे कोरोना के संभावित सामुदायिक प्रसार को रोकने में अपेक्षित सहायता मिल रही है.

कोरोना वायरस को लेकर लोगों को किया जा रहा जागरूक

प्रदेश सरकार द्वारा बाहरी राज्यों से लौटे लोगों से उनकी यात्रा का पूरा विवरण देने का समय-समय पर आग्रह किया जा रहा है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है, कि यदि उनमें जुकाम जैसे कोई लक्षण हैं, तो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से इसकी जानकारी भी साझा करें, ताकि समय रहते उनका उपचार किया जा सके. राज्य के अधिकारियों के अलावा पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधी भी यह सुनिश्चित कर रहे हैं, कि देश के अन्य हिस्सों से प्रदेश में आने वाले लोग होम क्वारंटाइनके दौरान क्वारंटाइन मानदंडों का पालन करें.

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