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मुख्यमंत्री ने औद्योगिक संघों के साथ की बैठक, औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन देने का खाता तैयार - औद्योगिक क्षेत्र

मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन और दोबारा लाभ की स्थिति में लाने का खाता तैयार करने के लिए विभिन्न औद्योगिक संघों से बैठक की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बिल को 3 महीने तक के लिए टाल दिया है और हिमाचल विद्युत बोर्ड ने भी बिजली बिल भरने का समय बिना लेट फीस के बढ़ाया है. राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा देने वाले उद्योगों की सुविधा के लिए लॉकडाउन के समय में कई कदम उठाए हैं.

CM Jairam Thakur
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक संघों से की बैठक.
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Published : May 19, 2020, 10:25 AM IST

शिमला: मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन और दोबारा लाभ की स्थिति में लाने का खाता तैयार करने के लिए विभिन्न औद्योगिक संघों से बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 60 लाख तक की निवेश वाली परियोजनाओं में युवाओं को 25 प्रतिशत और महिला उद्यमियों को 30 प्रतिशत निवेश उपदान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 3 वर्षों के लिए पांच प्रतिशत ब्याज उपदान भी दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने इस मामले को उठाया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केवल 90 प्रतिशत या इससे अधिक 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी व उपक्रमों को लाभ मिलना चाहिए. इसके अलावा लॉकडाउन की अवधि के दौरान वेतन की अदायगी ईएसआईसी निधि से करने का आग्रह भी किया गया है.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बिल को 3 महीने तक के लिए टाल दिया है और हिमाचल विद्युत बोर्ड ने भी बिजली बिल भरने का समय बिना लेट फीस के बढ़ाया है. राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा देने वाले उद्योगों की सुविधा के लिए लॉकडाउन के समय में कई कदम उठाए हैं.

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के उद्योगपतियों ने पीएम केयर और एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फंड में अंशदान देकर सरकार को हर संभव सहायता प्रदान की है. इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को निशुल्क मास्क और भोजन की व्यवस्था भी की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और सशक्त नेतृत्व के कारण हमारे देश में विकसित देशों के मुकाबले कोविड-19 के मामले काफी कम है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज है, जिसका लक्ष्य कोविड-19 महामारी से निपटने के बाद एक स्वावलंबी और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है. उन्होंने कहा कि देश में केवल 2 महीने में लगभग 300 औद्योगिक इकाइयों ने पीपीई किटों का उत्पादन किया है, जबकि इससे पहले हम पूरी तरह से चीन पर निर्भर थे.

केंद्र सरकार के पैकेज का लाभ उठाए उद्योग

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम क्षेत्र इस महामारी के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और हिमाचल प्रदेश में भी लगभग 90 प्रतिशत उद्योग इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं. उन्होंने औद्योगिक इकाइयों को फिर से लाभ की स्थिति में लाने के लिए केंद्र सरकार के पैकेज का अधिक से अधिक लाभ उठाए जाने पर बल दिया. उन्होंने उद्योगपतियों को उनकी ओर से उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन भी दिया.

प्रदेश के विकास में औद्योगिक क्षेत्र का बड़ा योगदान

जयराम ठाकुर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश के विकास एवं उन्नति में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है. सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों को औद्योगिक नीति-2019 के अंतर्गत कई प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, जिनमें भूमि की कीमत पर दर, प्रीमियम में 50, 60 व 70 प्रतिशत की छूट, स्टाम्प ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क में 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की छूट, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने और स्वीकृतियां प्राप्त करने में छूट शामिल हैं.

एमएसएमई को बिना गारंटी ऋण देने के लिए राशि का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों के फंड की आवश्यकता के अनुरूप 50 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन दिया गया है. इससे नई ऐसी इकाइयां स्थापित करने के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और जिन्हें नुकसान हुआ है, उन्हें भी अतिरिक्त ऋण लेने की सुविधा मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को बिना गारंटी ऋण देने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. इस राशि को 4 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा और सरकार की ओर से शत-प्रतिशत गारंटी दी जाएगी. इन ऋणों की मूल राशि को वापस करने के लिए एक साल तक की छूट दी जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन प्रोत्साहन प्रावधानों से राज्य में एमएसएमई को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के इन्सेन्टिव को बढ़ाया गया

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत पात्र उपक्रमों के ईपीएफ खातों में नियोक्ता के 12 प्रतिशत और 12 प्रतिशत ही कर्मचारी अंशदान का भुगतान किया जा रहा है. पहले इस इन्सेन्टिव का प्रावधान मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए किया गया था, जिसे अब अगस्त, 2020 तक बढ़ाया गया है.

शिमला: मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन और दोबारा लाभ की स्थिति में लाने का खाता तैयार करने के लिए विभिन्न औद्योगिक संघों से बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 60 लाख तक की निवेश वाली परियोजनाओं में युवाओं को 25 प्रतिशत और महिला उद्यमियों को 30 प्रतिशत निवेश उपदान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 3 वर्षों के लिए पांच प्रतिशत ब्याज उपदान भी दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने इस मामले को उठाया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केवल 90 प्रतिशत या इससे अधिक 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी व उपक्रमों को लाभ मिलना चाहिए. इसके अलावा लॉकडाउन की अवधि के दौरान वेतन की अदायगी ईएसआईसी निधि से करने का आग्रह भी किया गया है.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बिल को 3 महीने तक के लिए टाल दिया है और हिमाचल विद्युत बोर्ड ने भी बिजली बिल भरने का समय बिना लेट फीस के बढ़ाया है. राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा देने वाले उद्योगों की सुविधा के लिए लॉकडाउन के समय में कई कदम उठाए हैं.

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के उद्योगपतियों ने पीएम केयर और एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फंड में अंशदान देकर सरकार को हर संभव सहायता प्रदान की है. इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को निशुल्क मास्क और भोजन की व्यवस्था भी की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और सशक्त नेतृत्व के कारण हमारे देश में विकसित देशों के मुकाबले कोविड-19 के मामले काफी कम है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज है, जिसका लक्ष्य कोविड-19 महामारी से निपटने के बाद एक स्वावलंबी और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है. उन्होंने कहा कि देश में केवल 2 महीने में लगभग 300 औद्योगिक इकाइयों ने पीपीई किटों का उत्पादन किया है, जबकि इससे पहले हम पूरी तरह से चीन पर निर्भर थे.

केंद्र सरकार के पैकेज का लाभ उठाए उद्योग

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम क्षेत्र इस महामारी के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और हिमाचल प्रदेश में भी लगभग 90 प्रतिशत उद्योग इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं. उन्होंने औद्योगिक इकाइयों को फिर से लाभ की स्थिति में लाने के लिए केंद्र सरकार के पैकेज का अधिक से अधिक लाभ उठाए जाने पर बल दिया. उन्होंने उद्योगपतियों को उनकी ओर से उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन भी दिया.

प्रदेश के विकास में औद्योगिक क्षेत्र का बड़ा योगदान

जयराम ठाकुर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश के विकास एवं उन्नति में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है. सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों को औद्योगिक नीति-2019 के अंतर्गत कई प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, जिनमें भूमि की कीमत पर दर, प्रीमियम में 50, 60 व 70 प्रतिशत की छूट, स्टाम्प ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क में 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की छूट, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने और स्वीकृतियां प्राप्त करने में छूट शामिल हैं.

एमएसएमई को बिना गारंटी ऋण देने के लिए राशि का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों के फंड की आवश्यकता के अनुरूप 50 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन दिया गया है. इससे नई ऐसी इकाइयां स्थापित करने के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और जिन्हें नुकसान हुआ है, उन्हें भी अतिरिक्त ऋण लेने की सुविधा मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को बिना गारंटी ऋण देने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. इस राशि को 4 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा और सरकार की ओर से शत-प्रतिशत गारंटी दी जाएगी. इन ऋणों की मूल राशि को वापस करने के लिए एक साल तक की छूट दी जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन प्रोत्साहन प्रावधानों से राज्य में एमएसएमई को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के इन्सेन्टिव को बढ़ाया गया

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत पात्र उपक्रमों के ईपीएफ खातों में नियोक्ता के 12 प्रतिशत और 12 प्रतिशत ही कर्मचारी अंशदान का भुगतान किया जा रहा है. पहले इस इन्सेन्टिव का प्रावधान मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए किया गया था, जिसे अब अगस्त, 2020 तक बढ़ाया गया है.

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