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कई बड़े पदों पर रहे चुके हैं CM जयराम ठाकुर, 54 साल की उम्र में पहली बार जा रहे विदेश

जयराम ठाकुर 10 जून को जर्मनी पहुंचेंगे और उसके बाद नीदरलैंड दौरा कर 15 जून को दिल्ली वापस लौटेंगे. पहली बार विदेश जाने की बात और अपने दौरे पर बोलते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि पहली बार विदेश जरूर जा रहे हैं, लेकिन वो विदेश घूमने नहीं जा रहे, बल्कि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश लाने की कोशिश में हैं.

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Published : Jun 9, 2019, 8:30 AM IST

फाइल फोटो

शिमलाः आज के राजनीतिक माहौल में जहां पंचायत के सरपंच तक विदेश दौरे पर जाने का मौका नहीं छोड़ते वहीं, प्रदेश की राजनीति में ग्राऊंड जीरो से शिखर तक पहुंचने वाले जयराम ठाकुर पहली बार विदेश दौरे पर जा रहे हैं.

जयराम ठाकुर 10 जून को जर्मनी पहुंचेंगे और उसके बाद नीदरलैंड दौरा कर 15 जून को दिल्ली वापस लौटेंगे. पहली बार विदेश जाने की बात और अपने दौरे पर बोलते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि पहली बार विदेश जरूर जा रहे हैं, लेकिन वो विदेश घूमने नहीं जा रहे बल्की प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश लाने की कोशिश में हैं.

सतह से राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले जयराम के संघर्ष की तस्वीर बेहद रोचक रही. वर्ष 1993 में युवा जयराम ठाकुर को जब सिराज (तब चच्योट) से टिकट मिला तो पहला चुनाव कांग्रेस के ठाकुर मोतीराम से हार गए, लेकिन उसी चुनाव ने उनके लिए राजनीति का स्वर्णिम भविष्य लिख दिया था.

उसके बाद वर्ष 1998 का चुनाव आया और जयराम ठाकुर को पहली जीत मिली. फिर तो जयराम ठाकुर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार पांच चुनाव जीतकर सीएम की कुर्सी पर जा बैठे.
खैर, जिस समय जयराम ठाकुर पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब शायद ही किसी ने ये कल्पना की होगी कि वे एक दिन राज्य की सबसे बड़ी कुर्सी तक पहुंचेंगे.

जयराम ठाकुर के जीवन पर एक नजर

  • जयराम ठाकुर का जन्म 6 जनवरी 1965 को मंडी जिला में हुआ.
  • छात्र संगठन एबीवीपी के जरिए राजनीति में आए, संगठन में रहे.
  • वर्ष 1986 में एबीवीपी के संयुक्त प्रदेश सचिव बने.
  • वर्ष 1989 से 93 तक जेएंडके में संगठन में कार्य किया.
  • वर्ष 1993 से 95 तक वह भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे.
  • वर्ष 2000 से 2003 तक वह जिला भाजपा अध्यक्ष रहे और 2003 से 2005 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे.
  • वर्ष 2006 में जयराम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने.
  • वर्ष 1998 में वह पहली बार चच्योट से विधायक चुने गए.
  • 2003 और 2007 में चच्योट विधानसभा सीट से लगातार जीत हासिल करते रहे.

शिमलाः आज के राजनीतिक माहौल में जहां पंचायत के सरपंच तक विदेश दौरे पर जाने का मौका नहीं छोड़ते वहीं, प्रदेश की राजनीति में ग्राऊंड जीरो से शिखर तक पहुंचने वाले जयराम ठाकुर पहली बार विदेश दौरे पर जा रहे हैं.

जयराम ठाकुर 10 जून को जर्मनी पहुंचेंगे और उसके बाद नीदरलैंड दौरा कर 15 जून को दिल्ली वापस लौटेंगे. पहली बार विदेश जाने की बात और अपने दौरे पर बोलते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि पहली बार विदेश जरूर जा रहे हैं, लेकिन वो विदेश घूमने नहीं जा रहे बल्की प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश लाने की कोशिश में हैं.

सतह से राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले जयराम के संघर्ष की तस्वीर बेहद रोचक रही. वर्ष 1993 में युवा जयराम ठाकुर को जब सिराज (तब चच्योट) से टिकट मिला तो पहला चुनाव कांग्रेस के ठाकुर मोतीराम से हार गए, लेकिन उसी चुनाव ने उनके लिए राजनीति का स्वर्णिम भविष्य लिख दिया था.

उसके बाद वर्ष 1998 का चुनाव आया और जयराम ठाकुर को पहली जीत मिली. फिर तो जयराम ठाकुर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार पांच चुनाव जीतकर सीएम की कुर्सी पर जा बैठे.
खैर, जिस समय जयराम ठाकुर पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब शायद ही किसी ने ये कल्पना की होगी कि वे एक दिन राज्य की सबसे बड़ी कुर्सी तक पहुंचेंगे.

जयराम ठाकुर के जीवन पर एक नजर

  • जयराम ठाकुर का जन्म 6 जनवरी 1965 को मंडी जिला में हुआ.
  • छात्र संगठन एबीवीपी के जरिए राजनीति में आए, संगठन में रहे.
  • वर्ष 1986 में एबीवीपी के संयुक्त प्रदेश सचिव बने.
  • वर्ष 1989 से 93 तक जेएंडके में संगठन में कार्य किया.
  • वर्ष 1993 से 95 तक वह भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे.
  • वर्ष 2000 से 2003 तक वह जिला भाजपा अध्यक्ष रहे और 2003 से 2005 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे.
  • वर्ष 2006 में जयराम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने.
  • वर्ष 1998 में वह पहली बार चच्योट से विधायक चुने गए.
  • 2003 और 2007 में चच्योट विधानसभा सीट से लगातार जीत हासिल करते रहे.

पांच बार के विधायक, एक बार कैबिनेट मंत्री, एक बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहने के बावजूद सूबे के मुखिया जयराम ठाकुर पहली बार जा रहे विदेश दौरे पर।

शिमला. आज के राजनीतिक माहौल में जहां पंचायत के पंच तक विदेश दौरे पर जाने का मौका नहीं छोड़ते वहीं प्रदेश की राजनीति में ग्राऊंड जीरो से शिखर तक पहुंचने वाले जयराम ठाकुर पहली बार विदेश दौरे पर जा रहे हैं. जयराम ठाकुर का दौरा 10 जून को जर्मनी पहुंचेंगे और उसके बाद नीदरलैंड दौरा कर 15 जून को दिल्ली पहुंच जाएंगे.

पहली बार विदेश जाने की बात और अपने दौरे पर बोलते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि पहली बार विदेश जरूर जा रहे हैं लेकिन वो विदेश घूमने नहीं जा रहे बल्की प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश लाने की कोशिश में हैं. ताकि प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके.

ग्राऊंड जीरो से राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले जयराम के संघर्ष की तस्वीर बेहद रोचक रही. वर्ष 1993 में युवा जयराम ठाकुर को जब सिराज (तब चच्योट) से टिकट मिला तो पहला चुनाव कांग्रेस के ठाकुर मोतीराम से हार गए, लेकिन उसी चुनाव ने उनके लिए राजनीति का स्वर्णिम भविष्य लिख दिया था. उसके बाद वर्ष 1998 का चुनाव आया और जयराम ठाकुर को पहली जीत मिली. फिर तो जयराम ठाकुर ने पीछे मुडक़र नहीं देखा और लगातार पांच चुनाव जीतकर सीएम की कुर्सी पर बैठे। खैर, जिस समय जयराम ठाकुर पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब शायद ही किसी ने ये कल्पना की होगी कि वे एक दिन राज्य की सबसे बड़ी कुर्सी तक पहुंचेंगे।

जयराम ठाकुर का प्रोफाइल एक नजर में

1. जयराम ठाकुर का जन्म 6 जनवरी 1965 को मंडी जिला में हुआ। 

2. छात्र संगठन एबीवीपी के जरिए राजनीति में आए। संगठन में रहे। 

3. वर्ष 1986 में  एबीवीपी के संयुक्त प्रदेश सचिव बने।

4. वर्ष 1989 से 93 तक जेएंडके में संगठन में कार्य किया।

5. वर्ष 1993 से 95 तक वह भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव  व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।

6. वर्ष 2000 से 2003 तक वह जिला भाजपा अध्यक्ष रहे और 2003 से 2005 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।

7. वर्ष 2006 में जयराम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने।

8. वर्ष 1998 में वह पहली बार चच्योट से विधायक चुने गए और इसके बाद 2003 तथा 2007 में चच्योट विधानसभा सीट से लगातार जीत हासिल करते रहे।

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