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PM Modi Security Breach: CM जयराम और सुरेश कश्यप ने राज्यपाल से की मुलाकात, ज्ञापन सौंपकर की ये मांग

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले (PM security breach) को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर रविवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने हिमाचल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से बीजेपी हिमाचल प्रदेश ने आग्रह किया कि पंजाब सरकार के इस कृत्य की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए.

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Published : Jan 9, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Jan 9, 2022, 4:43 PM IST

CM Jairam submitted a memorandum to Governor
सीएम जयराम ने सुरेश कश्यप के साथ राज्यपाल से की मुलाकात.

शिमला: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर हिमाचल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएमत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर में एक जनसभा (pm modi ferozepur visit ) को संबोधित करने वाले थे, लेकिन वे सभा स्थल तक नहीं पहुंच सके, क्योंकि रास्ते में पंजाब सरकार द्वारा संरक्षित उपद्रवियों एवं तथाकथित किसान संगठनों ने सुनियोजित ढंग से रास्ते को अवरुद्ध (PM Modi Security Breach ) कर दिया था. इस दौरान प्रधानमंत्री के काफिला को लगभग 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा, जोकि उनकी सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक एवं उनके खिलाफ सोची समझी साजिश का स्पष्ट प्रमाण है. देश के इतिहास में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक अब से पहले कहीं पर भी और कभी भी नहीं देखी गई है.

सीएम जयराम ने कहा कि पंजाब राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनकी सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी, लेकिन पंजाब राज्य की कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में पूरी तरह नाकाम रही, जिसके कारण प्रधानमंत्री की जान जोखिम में पड़ गई. कई महत्वपूर्ण तथ्यों एवं दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि यह कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही है, जोकि उनके केंद्रीय नेतृत्व के ईशारे पर हुई है. इससे पूर्व भी भारत ने दो पूर्व प्रधानमंत्री सुरक्षा व्यवस्था में चूक के कारण खोए हैं और पंजाब सरकार की ओर से जानबूझकर की गई इस लापरवाही के कारण एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री की जान को खतरा पैदा हो गया. कांग्रेस सरकार की इस घोर लापरवाही की पूरे राष्ट्र में पूरजोर निंदा हो रही है और लोगों में आक्रोश है कि कैसे कोई सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कर सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जब कांग्रेस के खूनी मंसूबे पंजाब की पवित्र भूमि पर विफल हो गए. देश ने आज तक न तो आतंकवाद के सबसे बुरे दौर में और न ही आतंक प्रभावित क्षेत्रों में ऐसी स्थिति का सामना किया है. भारत के इतिहास में किसी भी राज्य के पुलिस बल को प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को पटरी से उतारने के निर्देश नहीं दिए गए थे और न ही किसी राज्य सरकार ने देश के प्रधानमंत्री को चोट पहुंचाने की साजिश रची थी. यह जो कुछ भी हुआ सोची समझी साजिश के तहत हुआ है.

प्रधानमंत्री के काफिले के रूट की पूरी सुरक्षा व्यवस्था पंजाब पुलिस द्वारा की गई थी और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार भी थी. पंजाब पुलिस ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों को भी आश्वस्त किया था कि मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित है फिर पंजाब पुलिस के डीजीपी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम को रास्ते के बारे में झूठी जानकारी एवं आश्वासन क्यों दिया और किसके कहने पर दिया, यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है.

जयराम ठाकुर ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एक सेट प्रोटोकाॅल होता है, जिसके तहत प्रत्येक राज्य सरकार सुरक्षा के इंतजाम करती है. ऐसे में पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकाॅल के साथ मजाक किया है. प्रोटोकाॅल के तहत मुख्यमंत्री, सरकार के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर उपस्थित रहना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब प्रधानमंत्री का काफिला बठिंडा ऐयरपोर्ट से सभा स्थल की ओर रवाना हुआ तो उनके तय रूट पर सरकार के संरक्षण में चल रहे धरना-प्रदर्शन के कारण एक फ्लाईओवर पर उनका काफिला रोकना पड़ा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में फिर बढ़ रहा कोरोना, 15 जनवरी तक सीएम के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई इस भारी चूक को लेकर जब प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने इस बारे पंजाब सरकार में उच्च अधिकारियों से सम्पर्क करना चाहा तो पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय ने बात ही नहीं की, जिससे साबित होता है कि इस पूरे घटनाक्रम में पंजाब सरकार की मिलीभगत थी. गौरतलब है कि जिस जगह प्रधानमंत्री का काफिला रूका था, वह क्षेत्र पाकिस्तान की फायरिंग रेंज में आता है. पंजाब की बेहद अक्षम और गैर जिम्मेदाराना सरकार की लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री की जान खतरे में पड़ गई.

सीएम ने कहा कि देश के करोड़ों देशवासियों की दुआएं हैं कि आज देश के प्रधानमंत्री हम सबके बीच सही सलामत हैं, अन्यथा देश किसी भयंकर मुसीबत में आ सकता था. सीएम ने कहा कि इससे अधिक शर्मनाक और निंदनीय बात क्या हो सकती है कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी सरकार की लापरवाही को नजरअंदाज कर रहे हैं और इस घटना पर अमर्यादित टिप्पणियां एवं गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.

सीएम जयराम ने कहा पंजाब में अराजकता का माहौल (Anarchy in Punjab) है. पंजाब में हर साजिश की जड़ में कांग्रेस का हाथ है, आतंकवाद और अलगाववाद की जन्मदाता भी कांग्रेस ही है. ऐसी अक्षम, लापरवाह, गैर जिम्मेदार और अकर्मण्य सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है. ऐसी सरकार राष्ट्र एवं राज्य के लिए घातक हो सकती है. ज्ञापन के माध्यम से बीजेपी हिमाचल प्रदेश ने आग्रह किया कि पंजाब सरकार के इस कृत्य की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए और वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए ताकि राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे और भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की ना हो सके.

ये भी पढ़ें: मौसम की मार के बावजूद हिमाचल में बेहतर रहा सेब उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज में पहुंची 19 लाख पेटियां

शिमला: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर हिमाचल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएमत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर में एक जनसभा (pm modi ferozepur visit ) को संबोधित करने वाले थे, लेकिन वे सभा स्थल तक नहीं पहुंच सके, क्योंकि रास्ते में पंजाब सरकार द्वारा संरक्षित उपद्रवियों एवं तथाकथित किसान संगठनों ने सुनियोजित ढंग से रास्ते को अवरुद्ध (PM Modi Security Breach ) कर दिया था. इस दौरान प्रधानमंत्री के काफिला को लगभग 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा, जोकि उनकी सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक एवं उनके खिलाफ सोची समझी साजिश का स्पष्ट प्रमाण है. देश के इतिहास में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक अब से पहले कहीं पर भी और कभी भी नहीं देखी गई है.

सीएम जयराम ने कहा कि पंजाब राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनकी सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी, लेकिन पंजाब राज्य की कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में पूरी तरह नाकाम रही, जिसके कारण प्रधानमंत्री की जान जोखिम में पड़ गई. कई महत्वपूर्ण तथ्यों एवं दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि यह कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही है, जोकि उनके केंद्रीय नेतृत्व के ईशारे पर हुई है. इससे पूर्व भी भारत ने दो पूर्व प्रधानमंत्री सुरक्षा व्यवस्था में चूक के कारण खोए हैं और पंजाब सरकार की ओर से जानबूझकर की गई इस लापरवाही के कारण एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री की जान को खतरा पैदा हो गया. कांग्रेस सरकार की इस घोर लापरवाही की पूरे राष्ट्र में पूरजोर निंदा हो रही है और लोगों में आक्रोश है कि कैसे कोई सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कर सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जब कांग्रेस के खूनी मंसूबे पंजाब की पवित्र भूमि पर विफल हो गए. देश ने आज तक न तो आतंकवाद के सबसे बुरे दौर में और न ही आतंक प्रभावित क्षेत्रों में ऐसी स्थिति का सामना किया है. भारत के इतिहास में किसी भी राज्य के पुलिस बल को प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को पटरी से उतारने के निर्देश नहीं दिए गए थे और न ही किसी राज्य सरकार ने देश के प्रधानमंत्री को चोट पहुंचाने की साजिश रची थी. यह जो कुछ भी हुआ सोची समझी साजिश के तहत हुआ है.

प्रधानमंत्री के काफिले के रूट की पूरी सुरक्षा व्यवस्था पंजाब पुलिस द्वारा की गई थी और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार भी थी. पंजाब पुलिस ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों को भी आश्वस्त किया था कि मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित है फिर पंजाब पुलिस के डीजीपी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम को रास्ते के बारे में झूठी जानकारी एवं आश्वासन क्यों दिया और किसके कहने पर दिया, यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है.

जयराम ठाकुर ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एक सेट प्रोटोकाॅल होता है, जिसके तहत प्रत्येक राज्य सरकार सुरक्षा के इंतजाम करती है. ऐसे में पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकाॅल के साथ मजाक किया है. प्रोटोकाॅल के तहत मुख्यमंत्री, सरकार के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर उपस्थित रहना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब प्रधानमंत्री का काफिला बठिंडा ऐयरपोर्ट से सभा स्थल की ओर रवाना हुआ तो उनके तय रूट पर सरकार के संरक्षण में चल रहे धरना-प्रदर्शन के कारण एक फ्लाईओवर पर उनका काफिला रोकना पड़ा.

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प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई इस भारी चूक को लेकर जब प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने इस बारे पंजाब सरकार में उच्च अधिकारियों से सम्पर्क करना चाहा तो पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय ने बात ही नहीं की, जिससे साबित होता है कि इस पूरे घटनाक्रम में पंजाब सरकार की मिलीभगत थी. गौरतलब है कि जिस जगह प्रधानमंत्री का काफिला रूका था, वह क्षेत्र पाकिस्तान की फायरिंग रेंज में आता है. पंजाब की बेहद अक्षम और गैर जिम्मेदाराना सरकार की लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री की जान खतरे में पड़ गई.

सीएम ने कहा कि देश के करोड़ों देशवासियों की दुआएं हैं कि आज देश के प्रधानमंत्री हम सबके बीच सही सलामत हैं, अन्यथा देश किसी भयंकर मुसीबत में आ सकता था. सीएम ने कहा कि इससे अधिक शर्मनाक और निंदनीय बात क्या हो सकती है कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी सरकार की लापरवाही को नजरअंदाज कर रहे हैं और इस घटना पर अमर्यादित टिप्पणियां एवं गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.

सीएम जयराम ने कहा पंजाब में अराजकता का माहौल (Anarchy in Punjab) है. पंजाब में हर साजिश की जड़ में कांग्रेस का हाथ है, आतंकवाद और अलगाववाद की जन्मदाता भी कांग्रेस ही है. ऐसी अक्षम, लापरवाह, गैर जिम्मेदार और अकर्मण्य सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है. ऐसी सरकार राष्ट्र एवं राज्य के लिए घातक हो सकती है. ज्ञापन के माध्यम से बीजेपी हिमाचल प्रदेश ने आग्रह किया कि पंजाब सरकार के इस कृत्य की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए और वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए ताकि राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे और भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की ना हो सके.

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Last Updated : Jan 9, 2022, 4:43 PM IST
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