शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभालते ही पहले दिन न्यायमूर्ति रामचंद्र राव ने लोअर बाजार शिमला के तहबाजारियों को बड़ी राहत दी है. मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने नगर निगम शिमला प्रशासन को आदेश जारी किए हैं कि वो तहबाजारियों को हटाने से पहले 30 दिन यानी एक महीने का नोटिस जारी करें. उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति रामचंद्र राव ने मंगलवार को कार्यभार संभाला और मीडिया से बातचीत में कहा कि वे यहां काम करने आए हैं. पहले ही दिन उन्होंने शिमला के लोअर बाजार में तहबाजारियों को हटाने से जुड़े मामले की सुनवाई की.
तहबाजारियों को हटाने से 30 दिन पहले देना होगा नोटिस: उनके साथ खंडपीठ में न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल थे. अदालत ने फिलहाल तहबाजारियों को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने तहबाजारियों को हटाने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए. खंडपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जिन तहबाजारियों को हटा दिया गया है, उन्हें भी 30 दिनों का नोटिस जारी किया जाए. अदालत ने नगर निगम शिमला प्रशासन को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से ये बताने को कहा है कि कितने लोगों को नोटिस दिया गया और इन लोगों के पुनर्स्थापित करने में कितना समय लगेगा. इसके अलावा हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि लोअर बाजार का कोई भी तहबाजारी एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियों की आवाजाही में बाधक नहीं बनेगा.
तहबाजारियों को को तीस दिन की मिली राहत: तहबाजारी एसोसिएशन ने अदालत को बताया कि स्ट्रीट वेंडर अधिनियम 2014 के तहत किसी भी तहबाजारी को हटाने से पहले 30 दिनों का नोटिस दिया जाना जरूरी है. कोर्ट ने माना कि तहबाजारियों को पुलिस बल के जरिए हटाने के आदेश पारित करने से पहले इन प्रावधानों से अवगत नहीं करवाया गया था. इससे पूर्व हाईकोर्ट ने लोअर बाजार शिमला से तहबाजारियों को पुलिस बल के जरिए हटाने के आदेश दिए थे. निगम प्रशासन ने अदालत को बताया कि कई तहबाजारियों को हटा दिया गया है और उनका सब्जी मंडी के मैदान में नए सिरे से जगह दी जाएगी. फिलहाल, तहबाजारियों को तीस दिन के लिए राहत मिल गई है.
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