शिमलाः अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर हिमाचल प्रदेश के 11 जिलों में सीटू राज्य कमेटी ने मजदूर दिवस मनाया. इस दौरान औद्योगिक मजदूरों ने कार्यस्थलों पर सीटू का झंडा फहराया. वहीं, मजदूरों ने हाथ में प्लेकार्ड व चार्ट पकड़ कर प्रदर्शन कर सरकार के समक्ष शपथ पत्र, घोषणा पत्र व मांग पत्र रखा.
सीटू राज्य कमेटी प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने औद्योगिक मजदूरों के काम के घण्टों को आठ से बढ़ाकर बारह करना, सभी मजदूरों को राशन उपलब्ध करवाना, आयकर के दायरे से बाहर मजदूरों को 7500 रुपये की आर्थिक सहायता देना, मीडिया व आईटी कर्मियों की छंटनी बंद करने जैसी मांगे सरकार के सामने रखी.
इसके साथ ही औद्योगिक मजदूरों, आउटसोर्स, ठेका व योजना कर्मियों को कोरोना काल का पूरा वेतन देने और उनकी छंटनी पर रोक लगाने की मांगों को लेकर प्रदर्शनों में प्रदेशभर में हजारों सीटू कार्यकर्ताओं ने हाथों में प्लेकार्ड व चार्ट पकड़ कर अपनी मांगों को केंद्र व प्रदेश सरकार के समक्ष रखा.
विजेंद्र मेहरा ने सरकार से मांग की है कि मजदूरों, पत्रकारों, कर्मचारियों की छंटनी व वेतन में कटौती बंद की जाए. स्वास्थ्यकर्मियों व अन्य मजदूरों के लिए पीपीई किट का प्रबंध किया जाए.
हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन व कर्फ्यू की स्थिति में उद्योगों में कार्यरत मजदूर, सरकारी क्षेत्र के आउटसोर्स, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा योजनाकर्मी, मनरेगा मजदूर, होटलकर्मी, गार्बेज, सीवरेज, सेनिटेशन कार्य से जुड़े कर्मी, परिवहन क्षेत्र से जुड़े ऑपरेटरों व मजदूरों, रेहड़ी फड़ी तहबाजारी, न्यूज पेपर हॉकर्ज, छोटे दुकानदार व कारोबारी सभी को आर्थिक सहायता प्रदान की जाने की बात कही.
इसके साथ ही प्रदेश में खैर कटाई वाले हजारों प्रवासी मजदूरों को रहने-खाने का उचित प्रबंध किया जाए. मनरेगा व निर्माण कार्य को सुचारू रूप से चलाने का प्रबंध किया जाए. बजट में की गई वेतन बढ़ोतरी अनुसार मजदूरों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
पढ़ेंः आने वाली है अच्छी खबर, अगले 5 दिन में कोरोना मुक्त हो सकता है हिमाचल