ETV Bharat / state

निजी स्कूलों ने बच्चों से मांगी कोरोना रिपोर्ट, आईजीएमसी की लाइनों में लगने को मजबूर छात्र

शिमला के कुछ निजी स्कूलों ने बच्चों को स्कूल आने से पहले कोरोना टेस्ट करने के लिए कहा है. इसके चलते स्कूली बच्चे आजकल आईजीएमसी में लगी लंबी लाइनों में खड़े होने के लिए मजबूर हो गए हैं.

author img

By

Published : Feb 21, 2021, 9:34 AM IST

Photo
फोटो

शिमला: राजधानी में बच्चों के स्कूल तो खूल गए हैं लेकिन कोरोना टेस्ट करवाने के लिए बच्चों को अब धक्के खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. कुछ स्कूलों ने बच्चों से कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में बच्चों को कोरोना का टेस्ट करवाने के लिए आईजीएमसी के धक्के खाने पड़ रहे हैं.

आईजीएमसी की लाइनों में प्राइवेट स्कूल के बच्चे

रोजाना आई.जी.एम.सी. में बच्चों की टेस्ट करवाने के लिए भीड़ लग रही है. आईजीएमसी में कोरोना के टेस्ट करवाने के लिए जा रहे बच्चे बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. इतनी भीड़ भाड़ में जाने के चलते बच्चों में संक्रमण होने का खतरा बन रहा है. आईजीएमसी में टेस्ट करवाने के लिए करीब 200 बच्चे इकट्ठे आ जाते हैं. बच्चों और बड़े लोगों के एक जगह पर टेस्ट करवाएं जा रहे हैं. यहां पर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

कोरोना पॉजिटिव आने पर स्कूल में प्रवेश नहीं

शहर में जगह जगह पर कोरोना के टेस्ट करवाने के लिए एक स्पेशल वैन भेजी जाती है. जगह जगह से स्वास्थ्य कर्मी सैंपल उठाकर लाते हैं. अगर स्कूलों के बाहर इसी तरह की एक वैन भेज देते तो भी बच्चे भीड़ भाड़ में जाने से बच जाते. यह भी तय किया गया है कि अगर बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएग. जब तक बच्चे की रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आती है तब बच्चा स्कूल में नहीं आने दिया जाएगा.

सरकारी स्कूलों में कोरोना टेस्ट करवाने के निर्देश नहीं

जिला उप-निदेशक प्रारंभिक भाग सिंह चौहान ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के कोरोना टेस्ट करवाने के हमें सरकार से कोई आदेश नहीं आए हैं. ऐसे में हम बच्चों के कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं. हमारे स्कूलों में कोविड के नियमों की अनुपालना की जा रही है ताकि बच्चे सुरक्षित रहें.

ये भी पढ़ें: दो दिवसीय मंडी प्रवास पर सीएम जयराम, रेशम कीट पालन कार्यशाला में होंगे शामिल

शिमला: राजधानी में बच्चों के स्कूल तो खूल गए हैं लेकिन कोरोना टेस्ट करवाने के लिए बच्चों को अब धक्के खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. कुछ स्कूलों ने बच्चों से कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में बच्चों को कोरोना का टेस्ट करवाने के लिए आईजीएमसी के धक्के खाने पड़ रहे हैं.

आईजीएमसी की लाइनों में प्राइवेट स्कूल के बच्चे

रोजाना आई.जी.एम.सी. में बच्चों की टेस्ट करवाने के लिए भीड़ लग रही है. आईजीएमसी में कोरोना के टेस्ट करवाने के लिए जा रहे बच्चे बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. इतनी भीड़ भाड़ में जाने के चलते बच्चों में संक्रमण होने का खतरा बन रहा है. आईजीएमसी में टेस्ट करवाने के लिए करीब 200 बच्चे इकट्ठे आ जाते हैं. बच्चों और बड़े लोगों के एक जगह पर टेस्ट करवाएं जा रहे हैं. यहां पर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

कोरोना पॉजिटिव आने पर स्कूल में प्रवेश नहीं

शहर में जगह जगह पर कोरोना के टेस्ट करवाने के लिए एक स्पेशल वैन भेजी जाती है. जगह जगह से स्वास्थ्य कर्मी सैंपल उठाकर लाते हैं. अगर स्कूलों के बाहर इसी तरह की एक वैन भेज देते तो भी बच्चे भीड़ भाड़ में जाने से बच जाते. यह भी तय किया गया है कि अगर बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएग. जब तक बच्चे की रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आती है तब बच्चा स्कूल में नहीं आने दिया जाएगा.

सरकारी स्कूलों में कोरोना टेस्ट करवाने के निर्देश नहीं

जिला उप-निदेशक प्रारंभिक भाग सिंह चौहान ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के कोरोना टेस्ट करवाने के हमें सरकार से कोई आदेश नहीं आए हैं. ऐसे में हम बच्चों के कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं. हमारे स्कूलों में कोविड के नियमों की अनुपालना की जा रही है ताकि बच्चे सुरक्षित रहें.

ये भी पढ़ें: दो दिवसीय मंडी प्रवास पर सीएम जयराम, रेशम कीट पालन कार्यशाला में होंगे शामिल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.