शिमला: मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा के नेताओं से कहा है कि वे संकट की इस घड़ी में केंद्र से हिमाचल को आर्थिक मदद दिलाने में सहयोग करें. शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में नरेश चौहान ने केंद्र सरकार से प्रदेश में हुई इस भारी क्षति की भरपाई के लिए दिल खोलकर प्रदेश की आर्थिक मदद करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं और उनका हिमाचल से गहरा नाता रहा है. इसलिए प्रदेश सरकार और हिमाचल के लोग उनसे भरपूर आर्थिक सहायता के लिए आशान्वित हैं. उन्होंने विपक्ष के नेताओं से भी अपील की कि वे केंद्र सरकार से इस मामले को उठाएं ताकि लोगों के पुनर्वास और क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पेयजल योजनाओं की भरपाई के लिए प्रदेश को अधिकाधिक सहायता प्राप्त हो सके. उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई भारी बारिश से प्रदेश में अत्यधिक नुकसान हुआ है. इस प्राकृतिक आपदा के कारण सड़कों, पुलों और लोगों की निजी संपति को 4000 करोड़ रूपये से भी अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री खुद कर रहे राहत बचाव कार्य की निगरानी: नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री इस स्थिति को लेकर खुद भी बहुत ज्यादा चिंतित एवं गंभीर हैं और वह स्वयं प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत कार्यों का निरीक्षण एवं उनका जायजा ले रहे हैं. मुख्यमंत्री पिछले चार दिन से मंडी, कुल्लू और मनाली में डटे हुए हैं और राहत शिविरों में लाकर प्रभावित लोगों से मिल कर उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन भी दे रहे है.
नरेश चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को फोन कर उनसे हालात का जायजा लिया है और संकट की इस घड़ी में केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश को हर संभव मदद देने का भी आश्वासन दिया है. एनडीआरएफ की टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैनात की गई हैं. मुख्यमंत्री ने प्रशासन को भी युद्ध स्तर पर कार्य करने के कड़े निर्देश दिए हैं. प्रदेश में जहां जहां भी भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं हुई और वहां सारी मशीनरी राहत कार्यों में जुटी हुई है.
अब तक 60 हजार लोगों को निकाला गया: नरेश चौहान ने कहा कि चंद्रताल फंसे 300 पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया है. इसके साथ ही कुल्लू, मनाली और लाहौल-स्पीति में फंसे 70 हजार लोगों में 60 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका और शेष फंसे 10 हजार लोगों को भी निकालने के भी प्रयास किए जा रहे हैं. नरेश चौहान ने कहा कि सड़कों एवं पुलों की मरम्मत के अतिरिक्त ठप्प पड़ी बिजली, पानी और संचार व्यवस्था को दुरस्त करने का पर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है ताकि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की जा सके. उन्होंने कहा कि यद्यपि अब स्थिति नियंत्रण में हैं और धीरे-धीरे हालात बेहतर हो जाएंगे.