शिमला : केंद्र सरकार ने 8 लाख आयुष चिकित्सकों को कोरोना से लड़ाई में शामिल करने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार के इस निर्णय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है.
राहत देने वाला साबित होगा फैसला: एबीवीपी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बीते 2 मई को कोरोना वायरस के विरुद्ध विद्यार्थी और युवा समुदाय के सुझावों को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव पत्र सौंपा था. इस सुझाव पत्र में आयुष विभाग के तहत आने वाले बीएएमएस, बीएचएमएस सहित सभी विधाओं के करीब 8 लाख चिकित्सकों को कोरोना वायरस से लड़ाई में शामिल करने की मांग की गई थी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस निर्णय को बेहद महत्वपूर्ण और राहत देने वाला बताया है.
एबीवीपी ने किया फैसले का स्वागत
इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि आयुष चिकित्सकों को कोरोना वायरस से लड़ाई के कार्य में जोड़ने का केंद्र सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है.
प्रभावी रूप से लड़ सकेंगे कोरोना से लड़ाई
कोरोना की दूसरी लहर में चिकित्सा क्षेत्र में कर्मियों की कमी को देखते हुए यह फैसला राहत देने वाला साबित होगा. आयुष चिकित्सकों को कोरोना से लड़ाई में शामिल करने से स्वास्थ्य ढांचे पर पड़ रहा भार भी कम हो सकेगा. इससे आयुष कर्मी भी कोरोना से लड़ाई में अपना योगदान दे सकेंगे.
केंद्र सरकार के निर्णय को बताया ऐतिहासिक
केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए हिमाचल प्रदेश प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से भारत की कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूती देगा. कोरोना से लड़ाई में यह आठ लाख आयुष चिकित्सक और प्रशिक्षुओं को शामिल करना ऐतिहासिक निर्णय है.
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