शिमला: केंद्रीय कर्मचारियों को 55 साल की आयु में में सेवानिवृत्त करने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. बुधवार को केंद्रीय कर्मचारी श्रमिक समन्वय समिति ने शिमला में एजी ऑफिस के बाहर मौन धरना प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के फैसले का विरोध जताया. साथ ही इस फैसले को वापस लेने की मांग की. कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि फैसला वापस ना लेने पर सभी कर्मी काम छोड़कर हड़ताल पर चले जाएंगे.
केंद्रीय कर्मचारी श्रमिक समन्वय समिति के महासचिव हरीश जुल्का ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें एफआर 56 जे और पेंशन नियम 48 के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को 30 वर्ष का सेवाकाल पूरा होने पर और 55 साल में रिटायर करने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार का ये फैसला सरकार की तानाशाही और कर्मियों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है. इसके विरोध में सभी केंद्रीय विभागों के कर्मियों ने आज धरना प्रदर्शन किया है और फैसला वापस ना लेने पर नवंबर माह में बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.
इसके अलावा केंद्रीय कर्मियों ने सरकारी संस्थानों के निजीकरण का भी विरोध किया और कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में सौंप रही है, जोकि निंदनीय है और इसके खिलाफ भी सभी कर्मी एकजुट हो कर अपना रोष व्यक्त करेंगे.
पढ़ें: लाहौल स्पीति के उदयपुर और करपट गांव कंटेनमेंट जोन घोषित, जिला प्रशासन ने दी जानकारी
पढ़ें: कुल्लू में सस्ता राशन लेने वाले सरकारी कर्मचारियों से रिकवरी शुरू