शिमला: हिमाचल प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में 8 जून का दिन अहम होगा. गुरुवार 8 जून को हिमाचल प्रदेश शिवा (सब-ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर, इरीगेशन एंड वैल्यू एडिशन) प्रोजेक्ट की मुख्य परियोजना के लिए समझौता हस्ताक्षर होंगे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में कहा कि इसके लिए एशियन विकास बैंक, भारत सरकार व हिमाचल सरकार के बीच लोन समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. HP शिवा परियोजना की कुल लागत 1292 करोड़ रुपये होगी. इसमें से एशियन विकास बैंक 1030 करोड़ रुपये व हिमाचल सरकार 262 करोड़ रुपए खर्च करेगी. सीएम ने कहा कि परियोजना के लागू होने से राज्य के किसानों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी बढ़ोतरी होगी.
HP शिवा परियोजना से इन 7 जिलों में लहराएंगी फसलें: इस परियोजना का क्रियान्वयन हिमाचल के सब-ट्रापिकल वाले लोअर हिमाचल के सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर व ऊना में होगा. इन जिलों के 28 विकास खंडों में 162 सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 400 बागवानी क्लस्टरों के तहत 6000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में यह परियोजना शुरू होगी. इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा. पहले चरण में चिन्हित किए गए 257 क्लस्टरों के तहत 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की निजी भूमि पर 'एक फसल-एक क्लस्टर' कॉन्सेप्ट में संतरा, अमरूद, अनार, लीची, आम, प्लम, पिकानट, जापानी फल आदि सब-ट्रॉपिकल फल लगाए जाएंगे. 143 क्लस्टरों को बाकि बचे 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दूसरे चरण में लिया जाएगा.
प्रदेश में लगाए जाएंगे 60 लाख फलदार पौधे: इस परियोजना से राज्य के 15 हजार किसान-बागवान परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे. परियोजना में लगभग 60 लाख फलों की पौध लगाने का लक्ष्य है. इसके अतिरिक्त 'बीज से बाजार तक' की संकल्प पर आधारित HP शिवा परियोजना में किसानों को वैज्ञानिक खेती के साथ-साथ बाजार से भी जोड़ा जाएगा. विपणन यानी मार्केटिंग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए चिन्हित की गई 14 फल व फसलों की बाजार मांग का अध्ययन किया गया है. उल्लेखनीय है कि एचपी शिवा परियोजना के पायलट चरण का सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है. पायलट चरण में 17 क्लस्टरों के तहत 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फल-पौधों का रोपण किया गया है. वहीं, 12 पायलट क्लस्टरों के किसानों ने संतरा, अमरूद व अनार जैसे फलों का उत्पादन कर लाभ अर्जित करना शुरू कर दिया है.