ETV Bharat / state

हिमाचल विधानसभा में पेश हुई CAG रिपोर्ट में खुलासा- शहरी निकायों में नहीं हो रहीं जरूरी बैठकें - CAG report Himachal

हिमाचल विधानसभा में सोमवार को CAG रिपोर्ट पेश की गई. जिसमें खुलासा हुआ है कि शहरी निकायों ने जरूरी बैठकें नहीं हो रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...(CAG report in Himachal Assembly)

CAG report in Himachal Assembly
CAG report in Himachal Assembly
author img

By

Published : Apr 4, 2023, 12:47 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को कार्यों के हस्तांतरण के लिए कानूनी प्रावधान किए, लेकिन इन्हें कार्रवाई का समर्थन नहीं मिला. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पेश की गई. रिपोर्ट 74वें संविधान संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन की प्रभावकारिता पर थी.

यह रिपोर्ट अप्रैल 2015 से मार्च 2020 के बीच की है. कैग की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में शहरी निकाय तो बना दिए गए और इन्हें कुल अठारह कार्यों में से सत्रह कार्य भी दिए गए, लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए अधिकार राज्य सरकार ने अब तक नहीं दिया है. इससे संविधान के 74वें संशोधन को प्रभावी तौर पर लागू नहीं किया जा सका है. रिपोर्ट के अनुसार शहरी निकायों में जरूरी बैठकें तक नहीं हो रहीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 3,640 निर्धारित बैठकों के मुकाबले, सोलन, नाहन नगर परिषद और सुन्नी नगर पंचायत में स्थायी समितियों की केवल 173 बैठकें हुईं, जबकि 11 यूएलबी (शहरी स्थानीय निकाय) में कोई बैठक नहीं हुई.

शिमला नगर निगम को छोड़कर किसी भी यूएलबी (Urban Local Bodies) में वार्ड समितियों का गठन नहीं किया गया था, जहां ये 34 में से 31 वार्डों में गठित की गई थीं, लेकिन आवश्यक 505 बैठकों के मुकाबले केवल 1 बैठक हुई थी. संपत्ति कर जैसे कुछ करों को एकत्र करने का अधिकार यूएलबी के पास निहित था लेकिन दरों और संशोधन, मूल्यांकन की पद्धति और छूट से संबंधित शक्तियां राज्य सरकार के पास थीं और संपत्ति कर लगाने की पद्धति में कोई एकरूपता नहीं थी.

वहीं, संपत्तियों की गणना के लिए सर्वेक्षण अनुसूची के अनुसार नहीं थे. सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग करते हुए संपत्ति डेटाबेस का डिजिटलीकरण और संपत्ति कर गणना को स्वचालित नहीं किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति कर (14.69 करोड़ रुपये), सफाई कर (3.82 करोड़ रुपये) और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से किराए (10.66 करोड़ रुपये) की वसूली बकाया थी.

ये भी पढ़ें: विधानसभा में गूंजा आउटसोर्स कर्मियों को हटाने का मुद्दा, भाजपा ने नारेबाजी कर सदन से किया वॉकआउट

शिमला: हिमाचल सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को कार्यों के हस्तांतरण के लिए कानूनी प्रावधान किए, लेकिन इन्हें कार्रवाई का समर्थन नहीं मिला. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पेश की गई. रिपोर्ट 74वें संविधान संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन की प्रभावकारिता पर थी.

यह रिपोर्ट अप्रैल 2015 से मार्च 2020 के बीच की है. कैग की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में शहरी निकाय तो बना दिए गए और इन्हें कुल अठारह कार्यों में से सत्रह कार्य भी दिए गए, लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए अधिकार राज्य सरकार ने अब तक नहीं दिया है. इससे संविधान के 74वें संशोधन को प्रभावी तौर पर लागू नहीं किया जा सका है. रिपोर्ट के अनुसार शहरी निकायों में जरूरी बैठकें तक नहीं हो रहीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 3,640 निर्धारित बैठकों के मुकाबले, सोलन, नाहन नगर परिषद और सुन्नी नगर पंचायत में स्थायी समितियों की केवल 173 बैठकें हुईं, जबकि 11 यूएलबी (शहरी स्थानीय निकाय) में कोई बैठक नहीं हुई.

शिमला नगर निगम को छोड़कर किसी भी यूएलबी (Urban Local Bodies) में वार्ड समितियों का गठन नहीं किया गया था, जहां ये 34 में से 31 वार्डों में गठित की गई थीं, लेकिन आवश्यक 505 बैठकों के मुकाबले केवल 1 बैठक हुई थी. संपत्ति कर जैसे कुछ करों को एकत्र करने का अधिकार यूएलबी के पास निहित था लेकिन दरों और संशोधन, मूल्यांकन की पद्धति और छूट से संबंधित शक्तियां राज्य सरकार के पास थीं और संपत्ति कर लगाने की पद्धति में कोई एकरूपता नहीं थी.

वहीं, संपत्तियों की गणना के लिए सर्वेक्षण अनुसूची के अनुसार नहीं थे. सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग करते हुए संपत्ति डेटाबेस का डिजिटलीकरण और संपत्ति कर गणना को स्वचालित नहीं किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति कर (14.69 करोड़ रुपये), सफाई कर (3.82 करोड़ रुपये) और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से किराए (10.66 करोड़ रुपये) की वसूली बकाया थी.

ये भी पढ़ें: विधानसभा में गूंजा आउटसोर्स कर्मियों को हटाने का मुद्दा, भाजपा ने नारेबाजी कर सदन से किया वॉकआउट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.