शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस बार बीएसपी और माकपा को कुछ भी नहीं मिला. दोनों ही पार्टियां किसी भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाईं. जहां एक ओर बीएसपी ने 53 प्रत्याशियों को टिकट दिया था, वहीं माकपा ने 11 प्रत्याशी में चुनावी रण में उतारा था. लेकिन दोनों पार्टियां इस चुनाव में कुछ खास नहीं कर पाईं. माकपा ने तो अपनी एक मात्र सीट तक गवां दी. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था.(BSP and CPIM in Himachal election 2022)(Himachal election result).
इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे. इसी तरह बहुजन समाजवादी पार्टी ने 53, राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के 29, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 11, हिमाचल जन क्रांति पार्टी ने 6, हिन्दू समाज पार्टी और स्वाभिमान पार्टी ने 3-3, हिमाचल जनता पार्टी, भारतीय वीर दल, सैनिक समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकनीति पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 1-1 उम्मीदवार चुनाव मैदान में था.(Performance of other parties in Himachal election)(Himachal election 2022 Himachal).
2007 में BSP ने जीती थी एक सीट: हिमाचल में बीएसपी आज तक कोई बड़ी जीत दर्ज नहीं कर पाई है. हिमाचल में आज तक बीएसपी ने एक मात्र सीट 2007 में जीती थी. इसके बाद अभी तक कोई सीट BSP के हाथ नहीं आई है. हालांकि पिछले कई चुनावों से बीएसपी लगातार अपने उम्मीदवार चुनानी मैदान में उतार रही है. 2017 के चुनाव में भी बसपा ने 38 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे, हालांकि एक का नामांकन रद्द होने के बाद 37 प्रत्याशी मैदान में रह गए थे.
बता दें कि हिमाचल में कांगड़ा जिले से बीएसपी ने प्रदेश में अपनी राजनीतिक पारी को शुरू किया था. 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने प्रदेश में दस्तक दी थी. हिमाचल में पार्टी का झंडा भी शाहपुर के पूर्व विधायक मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने बुलंद किया था. हालांकि खुद मेजर मनकोटिया चुनाव हार गए थे, लेकिन तब कांगड़ा हलके से बसपा की टिकट पर पहली बार चुनावी मैदान में उतरे संजय चौधरी ने जीत हासिल कर प्रदेश से एकमात्र सीट जीतकर बसपा की जीत का परचम प्रदेश की राजनीति में फहराया था. इसके बाद 2012 के चुनाव में भी बसपा ने कुछ हलकों में उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन BSP को सफलता हासिल नहीं मिली. 2017 में भी पार्टी के हाथ कुछ नहीं लगा. इस बार भी पार्टी ने 53 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी.
माकपा ने एक मात्र सीट भी गवाईं: 2017 के विधानसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी यानी माकपा ने ठियोग सीट पर कब्जा किया था, लेकिन इस बार माकपा इस सीट को नहीं बचा पाई. ठियोग से माकपा प्रत्याशी राकेश सिंघा को हार का सामना करना पड़ा. माकपा ने इस बार अपने 11 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन पार्टी को कुछ भी हाथ नहीं लगा. इनमें ठियोग से विधायक राकेश सिंघा, कसुम्पटी विधानसभा हलके से पूर्व आइएफएस अधिकारी कुलदीप सिंह तंवर और शिमला से टिकेंद्र पंवर प्रमुख थे. इसी तरह इसी तरह राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, हिमाचल जन क्रांति पार्टी, हिन्दू समाज पार्टी, स्वाभिमान पार्टी, हिमाचल जनता पार्टी, भारतीय वीर दल, सैनिक समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकनीति पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के हाथ भी कुछ नहीं लगा है. हिमाचल में भाजपा और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय ही जीत पाए हैं.(CPIM lost Theog seat in Himachal election).
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