शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों को मिलने वाला एनपीए बंद कर दिया है. जिसके खिलाफ डॉक्टर खड़े हो गए हैं. दरअसल, डॉक्टर एनपीए बंद करने के विरोध में सोमवार 29 मई से डेढ़ घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक करने जा रहे हैं. वहीं डॉक्टरों के समर्थन में भाजपा भी उतर आई है और सरकार के इस फैसले को डॉक्टरों के साथ बहुत बड़ा अन्याय करार दिया है साथ ही सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.
'अस्पतालों पर निर्भर होती है 95% स्वास्थ्य सेवाएं': भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि चिकित्सा सेवा हिमाचल के परिवेश के अंदर अति महत्वपूर्ण है. दूरदराज क्षेत्रों सहित हिमाचल प्रदेश में 95% स्वास्थ्य सेवाएं प्राइमरी हेल्थ सेंटर, सीएचसी और अस्पतालों पर निर्भर होती है. हाल ही में जो हिमाचल प्रदेश के डॉक्टरों से उनका एनपीए सरकार द्वारा वापस लिया गया है. वह प्रदेश के डॉक्टरों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है. उन्होंने कहा कि चिकित्सक और विशेषकर हिमाचल प्रदेश के चिकित्सक बेहतरीन सेवाएं देने के लिए जाना जाती है.
'सर्वश्रेष्ठ भूमिका में रहते हैं हिमाचल प्रदेश के डॉक्टर': भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि आज से नहीं पहले से ही कठिन और विपरीत परिस्थितियों में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं के लिए हिमाचल प्रदेश के डॉक्टर अग्रिम और सर्वश्रेष्ठ भूमिका में रहते हैं. सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए और चिकित्सकों द्वारा हिमाचल प्रदेश की जनता को दी जाने स्वास्थ्य सेवाओं के साथ एक बड़ा खिलवाड़ है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला जनविरोधी है और इस फैसले को तुरंत प्रभाव से सरकार वापस ले और डॉक्टर को मिलने वाले एनपीए को जारी रखा जाए.
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